Friday, 6 March 2020

फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास

   फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार-प्रकार में भले ही बहुत बड़ा न हो लेकिन फागू का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण कहा जाएगा। 

   भारत के पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का यह शानदार हिल स्टेशन शिमला से करीब 23 किलोमीटर दूर स्थित है। यदि आप शिमला की भीड़ भाड़ से दूर शांत एवं शीतल परिवेश में छुट्टियां बिताना चाहते हैं तो फागू हिल स्टेशन बेहतरीन पर्यटन है। 

   पर्वतमालाओं की श्रंखला, घाटियों-वादियों से घिरा एवं देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से आच्छादित फागू हिल स्टेशन वाकई किसी स्वर्ग से कम नहीं है। सर्दियों में बर्फ से ढ़के पहाड़ बेहद लुभावने प्रतीत होते हैं। 

   मखमली घास के मैदान एवं ढ़लान फागू हिल स्टेशन की शान एवं शोभा है। इस मखमली घास पर चलना-फिरना बेहद रोमांचक होता है। खास यह कि फागू हिल स्टेशन की खूबसूरती पर्यटकों को अचंभित कर देती है।

   फागू हिल स्टेशन भले ही बहुत अधिक लोकप्रिय न हो लेकिन यहां का रोमांचक एहसास पर्यटक कभी भूल नहीं पाते। चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा मन को लुभाती है। लिहाजा पर्यटक फागू हिल स्टेशन की ओर खिचे चले आते हैं।

  कारण फागू हिल स्टेशन पर्यटकों को एक असीम शांति प्रदान करता है। फागू हिल स्टेशन की यात्रा वैसे तो कभी भी की जा सकती है लेकिन यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से मई की अवधि माना जाता है।

   बर्फबारी का आनन्द लेना हो तो पर्यटकों को फागू हिल स्टेशन की यात्रा सर्दियों में करनी चाहिए। नवविवाहित जोड़ो के हनीमून के लिए फागू हिल स्टेशन सर्वाधिक पसंदीदा माना जाता है। कारण युगल यहां आनन्द की एक सुखद अनुभूति करते हैं। 

  प्रकृति की गोद में रचा बसा फागू हिल स्टेशन एक शानदार डेस्टिनेशन है। फागू हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य बस देखते ही बनता है। बर्फ से ढ़की वादियां एवं पर्वत माला रोमांच की एक सुखद अनुभूति कराते हैं। 

   पर्यटक यहां एडवेंचर स्पोर्टस का भी आनन्द ले सकते हैं। पर्यटक फागू हिल स्टेशन पर ट्रैकिंग, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग आदि का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। 

   फागू हिल स्टेशन एवं उसके आसपास प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा दिखती है। पर्यटक फागू हिल स्टेशन की यात्रा के साथ ही कुफरी एवं चैल की यात्रा कर आनन्द को दोगुना कर सकते हैं। 
   कुफरी: कुफरी प्राकृतिक रंगों के साथ ही खूबसूरत दृश्यों के लिए बेहद प्रसिद्ध है। शांत एवं शीतल परिवेश वाला कुफरी देश दुनिया में खास पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। 
   कुफरी यात्रा के दौरान पर्यटक हिमालयन नेशनल पार्क की भी सैर सकते हैं। इस नेशनल पार्क में पशु पक्षियों की असंख्य प्रजातियां उपलब्ध हैं। इसके अलावा पर्यटक याक की सवारी एवं घुड़सवारी का भी आनन्द ले सकते हैं। 

   चैल: चैल वस्तुत: फागू हिल स्टेशन से करीब 36 किलोमीटर दूर स्थित है। खास यह कि चैल में विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित क्रिकेट ग्राउण्ड एवं पोलो ग्राउण्ड है। पर्यटकों के बीच चैल का सौन्दर्य बेहद प्रसिद्ध है।

   फागू हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जुबरहट्टी एयरपोर्ट शिमला है। निकटतम रेलवे स्टेशन कालका रेलवे स्टेशन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी फागू हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.114890,77.140470

Thursday, 5 March 2020

कुन्नूर हिल स्टेशन: बादलों की घुमक्कड़ी

   कुन्नूर हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, कुन्नूर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य देख कर प्रतीत होता है कि जैसे कुन्नूर अद्भुत एवं विलक्षण हो। 

   मखमली घास के मैदान हों या बादलों की घुमक्कड़ी या फिर चाय एवं कॉफी के बागानों की सोंधी सुगंध... मन मस्तिष्क को एक ताजगी से भर देते हैं। भारत के तमिलनाडु के नीलगिरी पर्वत पर रचा बसा यह शानदार हिल स्टेशन बेहद खूबसूरत है। 

   कुन्नूर हिल स्टेशन नीलगिरी पर्वत की घाटियों-वादियों एवं घुमावदार पहाड़ियों की गोद में स्थित कुन्नूर हिल स्टेशन अपनी विशिष्टताओं के कारण वैश्विक ख्याति रखता है।

    चाय एवं कॉफी के बागानों की सुगंध परिवेश को आैर भी दिलकश बना देते हैं। दक्षिण भारत का यह शानदार हिल स्टेशन पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। लिहाजा मौसम कोई भी हो...... कुन्नूर हिल स्टेशन सदैव गुलजार रहता है।

   समुद्र तल से करीब 1850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुन्नूर हिल स्टेशन चाय एवं कॉफी उत्पादन के लिए दुनिया भर में खास तौर से प्रसिद्ध है। मान्यता है कि नीलगिरी पर्वत माला का ऊटी के बाद कुन्नूर दूसरा सबसे बड़ा पर्वतीय स्थल है। 

   ट्रैकिंग अभियानों के लिए कुन्नूर हिल स्टेशन एवं आसपास का इलाका आदर्श माना जाता है। शांत एवं शीतल परिवेश वाला कुन्नूर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक मखमली एहसास कराता है।

   बादलों की घुमक्कड़ी पर्यटकों को एक खास रोमांच से भर देती है। खास यह कि पर्यटक कभी खुद को बादलों की बीच पाते हैं तो कभी बादल पर्यटकों के बीच होते हैं। लिहाजा हर पल रोमांचक होता है। 

   खास यह कि कुन्नूर हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से सिम पार्क, डाल्फिन प्वाइंट, लैम्ब्स रॉक, लॉज वाटर फाल्स, दरुग किला, कटारी वाटर फाल्स एवं ऊटी आदि इत्यादि हैं।
   सिम पार्क: सिम पार्क वस्तुत: कुन्नूर हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। करीब 12 हेक्टेयर में फैला यह एक शानदार एवं सुन्दर वनस्पति उद्यान है। इस शानदार उद्यान में वनस्पतियों की एक हजार से अधिक प्रजातियां संरक्षित हैं। इनमें खास तौर से मैग्नोलिया, पाइंस, पेड़ फर्न, कैमेलिया आदि इत्यादि शामिल हैं।

   ऊटी से करीब 19 किलोमीटर दूर स्थित यह पार्क एक आदर्श पार्क है। खास यह कि इस शानदार पार्क में गर्मियों में फलों का उत्सव आयोजित होता है। इस फल उत्सव में फलों की विभिन्न प्रजातियां देखने को मिलती हैं। वनस्पति उद्यान को आशिंक तौर से जापानी शैली में विकसित किया गया है।
   डॉल्फिन प्वाइंट: डॉल्फिन प्वाइंट कुन्नूर हिल स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। खास यह कि इस स्थान से नीलगिरी का ही नहीं बल्कि कैथरीन वॉटर फाल्स का भी विहंगम दृश्य दिखता है। यहां से पर्यटक चारों दिशाओं का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं।

  दरुग किला: दरुग किला एक पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्मारक है। बताते हैं कि 16वीं शताब्दी में शासक टीपू सुल्तान ने इस किला का उपयोग किया था।
  कटारी वॉटर फॉल्स: कटारी वॉटर फॉल्स का सौन्दर्य देखते ही बनता है। वस्तुत: यह एक विद्युत परियोजना है। लॉज वाटर फॉल्स कुन्नूर हिल स्टेशन से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
   ऊटी हिल स्टेशन: ऊटी हिल स्टेशन को वस्तुत: पहाड़ों की रानी कहा जाता है। ऊटी भी नीलगिरी की सुन्दर पहाड़ियों पर बसा एक सुन्दर हिल स्टेशन है।

   कुन्नूर हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कोयम्बटूर एयरपोर्ट है। कोयम्बटूर से कुन्नूर हिल स्टेशन की दूरी करीब 80 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कोयम्बटूर रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कुन्नूर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
11.343730,76.793850

Monday, 2 March 2020

वोखा हिल स्टेशन: मखमली एहसास

   वोखा हिल स्टेशन को मखमली एहसास कहा जाना चाहिए। जी हां, वोखा हिल स्टेशन वस्तुत: प्रकृति की गोद का एक शानदार नगीना है। 

  वोखा हिल स्टेशन पर बादलों की घुमक्कड़ी मन मस्तिष्क को एक रोमांच से भर देती है। नगालैंड के दक्षिणी इलाके का जिला मुख्यालय वोखा हिल स्टेशन एक शांत एवं शीतल गंतव्य है। चौतरफा मखमली घास के मैदान बेहद दर्शनीय हैं।

  वस्तुत: वोखा एवं आसपास का इलाका लोथाओं का प्रवास क्षेत्र है। लोथा नगालैंड की एक जनजाति है। जनजातीय बाहुल्य वोखा हिल स्टेशन की सैर पर पर्यटक जनजातीय संस्कृति का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। 

   लोथाओं की लोक संस्कृति पर्यटकों कोे मुग्ध कर लेती है। नगालैंड का परिवेश एवं खान पान से लेकर बहुत कुछ अलग दिखता है। ऐसा एहसास होता है कि जैसे वोखा हिल स्टेशन धरती पर स्वर्ग हो।

   वोखा हिल स्टेशन वस्तुत: एक शानदार पर्वतीय इलाका है। समुद्र तल से करीब 1969 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वोखा हिल स्टेशन आैषधीय वनस्पतियों से भी अति समृद्ध है। लिहाजा इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

  पश्चिम में असम से घिरा वोखा हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य की इन्द्रधनुषी निराली छटा है। उत्तर में मोकोकचुंग से घिरा वोखा हिल स्टेशन नगालैंड का आदर्श पर्यटन है।

  वोखा हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं लुभावने स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। हालांकि वोखा हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण तीयी पहाड़ है। यह पर्वत चोटी बेहद दर्शनीय है।
  तीयी पहाड़: तीयी पहाड़ वोखा हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। मान्यता है कि इस पर्वत चोटी पर कभी एक शानदार बाग होता था। स्थानीय बाशिंदों की दृष्टि में यह बाग अति पवित्र माना जाता था।

  इस शिखर से पर्यटक वोखा हिल स्टेशन एवं आसपास के गांवों का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं। यहां से सम्पूर्ण परिदृश्य किसी शानदार कैनवास की भांति दर्शित होता है। तीयी पर्वत चोटी से सूर्यास्त एवं सूर्योदय का लालित्य बेहद विलक्षण एवं अद्भुत दिखता है।

  लिहाजा यहां सूर्योदय एवं सूर्यास्त देखने केे लिए पर्यटक लालायित रहते हैं। ट्रैकिंंग एवं रॉक क्लाइबिंग के लिए यह इलाका किसी स्वर्ग से कम नहीं है। गर्मियों में इस इलाका की सैर का अपना एक अलग ही आनन्द है। 
   तोत्सु पहाड़ी: तोत्सु पहाड़ी भी वोखा हिल स्टेशन का एक खास आकर्षण है। समुद्र तल से करीब 1250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तोत्सु पहाड़ी वस्तुत: प्रकृति का एक शानदार उपहार है।

   वोखा से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित तोत्सु पहाड़़ी रॉक क्लाइम्बिंग के लिए एक आदर्श स्थान है। दुनिया के पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग के रोमांच का एहसास करने तोत्सु पहाड़ी की सैर पर आते हैं। पहाड़ की तलहटी पर झीले एवं झरने आदि इत्यादि हैं। झीलों-झरनों का सौन्दर्य तोत्सु के सौन्दर्य में चार चांद लगा देते हैं। 
   दोयांग नदी: दोयांग नदी वस्तुत: नगालैंड की सबसे बड़ी एवं मुख्य नदी है। इसे इलाके की लाइफ लाइन भी कहा जा सकता है। वोखा हिल स्टेशन से गुजरने वाली यह नदी इस इलाके की शान एवं शोभा है। स्थानीयता में इसे जू या जूलू कहते हैं। पर्यटक यहां जल पर्यटन का भरपूर आनन्द ले सकतेे हैं।
   वोखा हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट दीमापुर एयरपोर्ट है।
  दीमापुर एयरपोर्ट से वोखा हिल स्टेशन की दूरी करीब 124 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन दीमापुर रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी वोखा हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
26.094999,94.252701

Monday, 24 February 2020

पठानकोट हिल स्टेशन: अद्भुत सुन्दरता

   पठानकोट हिल स्टेशन को हिमालय का प्रवेश द्वार कहा जाना चाहिए। जी हां, हिमालय की यात्रा का एक मार्ग पठानकोट भी है। 

   लिहाजा इसे हिमालय का प्रवेश द्वार कहा जा सकता है। कांगड़ा एवं डलहौजी की तलहटी पर रचा बसा पठानकोट हिल स्टेशन वस्तुत: पंजाब का एक शानदार एवं सुन्दर शहर है। 

   पंजाब के बड़े शहरों में से एक पठानकोट अपनी सुरम्यता एवं सौन्दर्य के लिए खास तौर से जाना एवंं पहचाना जाता है। वर्ष 1849 से पूर्व पठानकोट वस्तुत: पठानिया वंश शासित एक सुन्दर राज्य था। 

   पठानिया राजवंश की धरोहर अभी भी पठानकोट हिल स्टेशन पर दर्शित हैं। इनमें नूरपुर किला खास है। नूरपुर किला की संरचना करीब 900 वर्ष पूर्व पठानिया राजपूतों ने की थी। 

  नूरपुर किला के अलावा शाहपुर कंडी किला, शिव मंदिर कथगढ़, जुगियाल नगरी आदि इत्यादि बहुत कुछ है। ज्वाला जी एवं चित्तपूर्णी देवी आदि बेहद प्रसिद्ध हैं। यदि आप पर्यटन यानी सैरसपाटा का मन एवं मूड़ बना रहे हैं तो पठानकोट हिल स्टेशन की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।

   पठानकोट हिल स्टेशन छुट्टियां मनानेे का एक शानदार एवं सुन्दर गंतव्य है। आरामदायक अतिथिगृह एवं स्वादिष्ट-लजीज व्यंजन पठानकोट हिल स्टेशन की खासियत है। शायद ही कोई पठानकोट हिल स्टेशन के स्वादिष्ट एवं लजीज व्यंजनों के चटखारों को भूूल पाता हो। 

   शांत एवं शीतल जलवायु वाला पठानकोट हिल स्टेशन वस्तुत: प्रकृति की शानदार गोद है। सीना ताने पहाड़ पठानकोट हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं तो घाटियां-वादियां पठानकोट हिल स्टेशन के लिए किसी आभूषण से कम नहीं हैं। 

   शिवालिक पर्वत श्रंखलाओं की गोद में रचा बसा पठानकोट हिल स्टेशन समुद्र तल से करीब 331 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। वस्तुत: देखें तो पठानकोट हिल स्टेशन तीन राज्यों का सीमावर्ती क्षेत्र है। 

   खास यह है कि पठानकोट हिल स्टेशन पौराणिक एवंं ऐतिहासिक महत्व रखता है तो वहीं पठानकोट की सांस्कृतिक विरासत भी अति समृद्ध है। लिहाजा पर्यटन, संस्कति एवं पौराणिकता के शौकीन पर्यटकों को पठानकोट हिल स्टेशन की सैर करना नहीं भूलना चाहिए।

   पठानकोट हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं अद्भुत स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से मुक्तेश्वर मंदिर, नूरपुर किला, रंजीत सागर बांध, शाहपुर कुंडी किला एवं काथगढ़ मंदिर आदि इत्यादि हैं।

   मुक्तेश्वर मंदिर: मुक्तेश्वर मंदिर वस्तुत: एक गुफा है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है। रवि नदी के तट पर स्थित गुफा श्रद्धा एवं आस्था का केन्द्र है। मान्यता है कि इस गुफा का उपयोग पांडव नेे निर्वासन के लिए किया था।
   मुक्तेश्वर मंदिर एक पहाड़ी के उपर स्थित है। इसमें एक संगमरमर का शिवलिंग है। शिवलिंग के चारों आेर ब्राह्मा, विष्णु, हनुमान, पार्वती, गणेश आदि की प्रतिमाएं हैं। 
   नूरपुर किला: नूरपुर किला को धामेरी किला केे रूप में भी जाना एवं पहचाना जाता है। इस दिव्य भव्य किला का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। इस किला में देव स्थान भी है। इसमें भगवान कृष्ण एवं मीराबाई की प्रतिमाएं हैं।
  रंजीत सागर बांध: रंजीत सागर बांंध वस्तुत: पंजाब की एक जल आधारित विद्युत परियोजना है। इसका निर्माण वर्ष 2001 में किया गया था। 
   शाहपुर कुंडी किला: शाहपुर कुंडी किला वस्तुत: पठानकोट हिल स्टेशन का एक अति प्रसिद्ध पौराणिक स्थान है। किला वस्तुत: राजसी शासनकाल में एक रणनीतिक सैन्य किला था। हालांकि अब इसका स्वरूप एक अति विशिष्ट अतिथिगृह के तौर पर है। यहां से चौतरफा अद्भुत एवं सुन्दर दृश्य दिखता है।
   काथगढ़ मंदिर: काथगढ़ मंदिर वस्तुत: भगवान शिव को समर्पित एक शानदार शिवालय है। मंदिर में एक दिव्य भव्य शिवलिंग है। मंदिर बीस एवं चंच नदी के संगम पर स्थित है। मंदिर की वास्तुकला अति दर्शनीय है।
   पठानकोट हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट श्रीगुरू रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमृतसर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी पठानकोट हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
32.259541,75.632072

Monday, 13 January 2020

कुर्सियांग हिल स्टेशन: सुगंध का खजाना

    कुर्सियांग हिल स्टेशन को सुगंध का खजाना कहा जाना चाहिए। कुर्सियांग हमेशा आैषधीय वनस्पतियों, विभिन्न प्रजातियों के फूलों एवं चाय-कॉफी के बागानों की सुगंध से महकता रहता है। 

   सफेद आर्किड के फूलों से सुसज्जित कुर्सियांग पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। भारत के पश्चिम बंगाल के जिला दार्जिलिंग का यह सुन्दर हिल स्टेशन वस्तुत: पहाड़ियों, घाटियों-वादियों का इलाका है। 

   समुद्र तल से करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुर्सियांग वस्तुत: प्रकृति की गोद है। जी हां, कुर्सियांग पर चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा आलोकित है। यह प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। 
  दार्जिलिंग से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित कुर्सियांग हिल स्टेशन भले आकार में छोटा हो लेकिन इसका प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत है। 

   कुर्सियांग को स्थानीयता में खरसांग कहा जाता है। खारसांग का शाब्दिक अर्थ सफेद आर्किड़ फूलों की भूमि। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 587 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुर्सियांग हिल स्टेशन अपने विशिष्ट सौन्दर्य के लिए वैश्विक ख्याति रखता है।

   लिहाजा एक विशेष अाकर्षण वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है। कुर्सियांग हिल स्टेशन पर पर्यटकों के ठहरने के लिए आकर्षक एवं सुन्दर रिसार्ट एवं अतिथि गृहों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। लिहाजा कुर्सियांग हिल स्टेशन पर ठहर कर पर्यटक पर्यटन का भरपूूर आनन्द ले सकते हैं। 

   इतना ही नहीं, पर्यटक विलेज टूरिज्म का भी आनन्द ले सकते हैं। चौतरफा पहाड़ियों से घिरा कुर्सियांग हिल स्टेशन कभी उत्तरी-पूर्वी राज्य सिक्किम का हिस्सा हुआ करता था। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता कुर्सियांग हिल स्टेशन को काफी कुछ खास बना देती है। 

   विशेषज्ञों की मानें तो दुर्लभ एवं विलुप्त आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता ही कुर्सियांग हिल स्टेशन की खासियत है। शीर्ष पर होने के कारण कुर्सियांग हिल स्टेशन अक्सर बादलों की गिरफ्त में रहता है। लिहाजा पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन पर बादलों के रोमांच का एहसास कर सकते हैं। 

   बादलों का स्पर्श पर्यटकों को प्रफुल्लित करने के साथ ही पुलकित कर देता है। पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन पर विभिन्न प्रकार की सुगंध का एहसास करते हैं। जिससे मन मस्तिष्क में एक विशेष ताजगी का संचार होता है। 

   लिहाजा पर्यटक कहीं अधिक ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं। कुर्सियांग हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से ईगल क्रेग, डॉव हिल, अम्बोतिया शिव मंदिर एवं चाय-कॉफी बागान आदि इत्यादि हैं। 

   खास यह कि कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अप्रैल-मई का होता है। हालांकि पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा कभी भी कर आनन्द की सुखद अनुभूति कर सकते हैं। 
   ईगल क्रेग: ईगल क्रेग वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। ईगल क्रेग से पर्यटक आसपास का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं।
   ईगल क्रेग से आसपास की पर्वतीय चोटियों का सौन्दर्य देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, सिलीगुड़ी के खूबसूरत मैदान भी यहां से देखे जा सकते हैं। शांत एवं शीतल परिवेश वाला ईगल क्रेग बेहद दर्शनीय है।

   डॉव हिल: डॉव हिल वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन एवं आसपास का फैला हुआ विशाल क्षेत्र है। इस इलाके की एक पहाड़ी को डॉव हिल कहा जाता है। डॉव हिल का इलाका वस्तुत: एक सघन वन क्षेत्र है। इसे लघु वन्य जीव अभयारण्य कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।
   कारण यह सघन वन क्षेत्र वन्य जीवों की आश्रय स्थली है। डॉव हिल पर एक विशाल जलाशय भी है। जलाशय खूबसूरत वनस्पतियों से घिरा हुआ है। देवदार एवं शंकुधारी पेड़ यहां के सौन्दर्य में चार चांंद लगा देते हैं। 
   अम्बोतिया शिव मंदिर: अम्बोतिया शिव मंदिर कुर्सियांग हिल स्टेशन का मुख्य धार्मिक स्थान है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अति प्राचीन है। 
   अम्बोतिया शिव मंदिर कुर्सियांग हिल स्टेशन का अति प्रसिद्ध धर्म स्थान है। मान्यता है कि भगवान शिव के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं का कल्याण होता है। भक्त मंदिर में दिव्य भव्य शिवलिंग के दर्शन करते हैं।
    चाय-कॉफी बागान: चाय-कॉफी बागान वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। खास यह कि कुर्सियांग हिल स्टेशन की पहाड़ियां चाय एवं कॉफी केे बागान से सुसज्जित दिखती हैं। बागान की सुगंध से पर्यटकों का दिल एवं दिमाग प्रफुल्लित हो उठता है। बागान की खूबसूरती देखते ही बनती है।
   कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है। बागडोगरा एयरपोर्ट से कुर्सियांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 95 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन जलपाईगुड़ी रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
26.877900,88.277500

फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...