Monday, 24 February 2020

पठानकोट हिल स्टेशन: अद्भुत सुन्दरता

   पठानकोट हिल स्टेशन को हिमालय का प्रवेश द्वार कहा जाना चाहिए। जी हां, हिमालय की यात्रा का एक मार्ग पठानकोट भी है। 

   लिहाजा इसे हिमालय का प्रवेश द्वार कहा जा सकता है। कांगड़ा एवं डलहौजी की तलहटी पर रचा बसा पठानकोट हिल स्टेशन वस्तुत: पंजाब का एक शानदार एवं सुन्दर शहर है। 

   पंजाब के बड़े शहरों में से एक पठानकोट अपनी सुरम्यता एवं सौन्दर्य के लिए खास तौर से जाना एवंं पहचाना जाता है। वर्ष 1849 से पूर्व पठानकोट वस्तुत: पठानिया वंश शासित एक सुन्दर राज्य था। 

   पठानिया राजवंश की धरोहर अभी भी पठानकोट हिल स्टेशन पर दर्शित हैं। इनमें नूरपुर किला खास है। नूरपुर किला की संरचना करीब 900 वर्ष पूर्व पठानिया राजपूतों ने की थी। 

  नूरपुर किला के अलावा शाहपुर कंडी किला, शिव मंदिर कथगढ़, जुगियाल नगरी आदि इत्यादि बहुत कुछ है। ज्वाला जी एवं चित्तपूर्णी देवी आदि बेहद प्रसिद्ध हैं। यदि आप पर्यटन यानी सैरसपाटा का मन एवं मूड़ बना रहे हैं तो पठानकोट हिल स्टेशन की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।

   पठानकोट हिल स्टेशन छुट्टियां मनानेे का एक शानदार एवं सुन्दर गंतव्य है। आरामदायक अतिथिगृह एवं स्वादिष्ट-लजीज व्यंजन पठानकोट हिल स्टेशन की खासियत है। शायद ही कोई पठानकोट हिल स्टेशन के स्वादिष्ट एवं लजीज व्यंजनों के चटखारों को भूूल पाता हो। 

   शांत एवं शीतल जलवायु वाला पठानकोट हिल स्टेशन वस्तुत: प्रकृति की शानदार गोद है। सीना ताने पहाड़ पठानकोट हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं तो घाटियां-वादियां पठानकोट हिल स्टेशन के लिए किसी आभूषण से कम नहीं हैं। 

   शिवालिक पर्वत श्रंखलाओं की गोद में रचा बसा पठानकोट हिल स्टेशन समुद्र तल से करीब 331 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। वस्तुत: देखें तो पठानकोट हिल स्टेशन तीन राज्यों का सीमावर्ती क्षेत्र है। 

   खास यह है कि पठानकोट हिल स्टेशन पौराणिक एवंं ऐतिहासिक महत्व रखता है तो वहीं पठानकोट की सांस्कृतिक विरासत भी अति समृद्ध है। लिहाजा पर्यटन, संस्कति एवं पौराणिकता के शौकीन पर्यटकों को पठानकोट हिल स्टेशन की सैर करना नहीं भूलना चाहिए।

   पठानकोट हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं अद्भुत स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से मुक्तेश्वर मंदिर, नूरपुर किला, रंजीत सागर बांध, शाहपुर कुंडी किला एवं काथगढ़ मंदिर आदि इत्यादि हैं।

   मुक्तेश्वर मंदिर: मुक्तेश्वर मंदिर वस्तुत: एक गुफा है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है। रवि नदी के तट पर स्थित गुफा श्रद्धा एवं आस्था का केन्द्र है। मान्यता है कि इस गुफा का उपयोग पांडव नेे निर्वासन के लिए किया था।
   मुक्तेश्वर मंदिर एक पहाड़ी के उपर स्थित है। इसमें एक संगमरमर का शिवलिंग है। शिवलिंग के चारों आेर ब्राह्मा, विष्णु, हनुमान, पार्वती, गणेश आदि की प्रतिमाएं हैं। 
   नूरपुर किला: नूरपुर किला को धामेरी किला केे रूप में भी जाना एवं पहचाना जाता है। इस दिव्य भव्य किला का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। इस किला में देव स्थान भी है। इसमें भगवान कृष्ण एवं मीराबाई की प्रतिमाएं हैं।
  रंजीत सागर बांध: रंजीत सागर बांंध वस्तुत: पंजाब की एक जल आधारित विद्युत परियोजना है। इसका निर्माण वर्ष 2001 में किया गया था। 
   शाहपुर कुंडी किला: शाहपुर कुंडी किला वस्तुत: पठानकोट हिल स्टेशन का एक अति प्रसिद्ध पौराणिक स्थान है। किला वस्तुत: राजसी शासनकाल में एक रणनीतिक सैन्य किला था। हालांकि अब इसका स्वरूप एक अति विशिष्ट अतिथिगृह के तौर पर है। यहां से चौतरफा अद्भुत एवं सुन्दर दृश्य दिखता है।
   काथगढ़ मंदिर: काथगढ़ मंदिर वस्तुत: भगवान शिव को समर्पित एक शानदार शिवालय है। मंदिर में एक दिव्य भव्य शिवलिंग है। मंदिर बीस एवं चंच नदी के संगम पर स्थित है। मंदिर की वास्तुकला अति दर्शनीय है।
   पठानकोट हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट श्रीगुरू रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमृतसर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी पठानकोट हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
32.259541,75.632072

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