Monday, 16 July 2018

कोली हिल स्टेशन : प्रकृति की सुन्दरता

    कोली हिल स्टेशन को प्रकृति की गोद कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। कोली निश्चय ही प्रकृति का संजीदगी से एहसास कराता है।

    समुद्र तल से करीब 1300 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन तीर्थयात्रा का भी महत्व रखता है। कारण इस हिल स्टेशन पर दिव्य-भव्य देव स्थान अरालेश्वर विद्यमान हैं।
     तमिलनाडु के जिला नमक्कल में स्थित यह कोली हिल स्टेशन को कोलीमलाई हिल स्टेशन के नाम से भी ख्याति हासिल है। कोली भले ही छोटा हिल स्टेशन हो लेकिन इसके सौन्दर्य शास्त्र का कहीं कोई जोड़ नहीं है। करीब 280 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैला यह हिल स्टेशन सुन्दर वॉटर फॉल्स भी रखता है।

    दक्षिण भारत का यह सुन्दर हिल स्टेशन खास तौर से सुगंध से भरपूर है। वनस्पतियों सहित मसालों की पैदावार का यह एक प्रमुख केन्द्र है। मसलन कॉफी, चाय, जैकफ्रूट, अनानास, काली मिर्च आदि इत्यादि की सुगंध से परिवेश महकता रहता है।
     कोली खास तौर आैषधीय उत्पाद एवं जड़ी बूटियों के लिए जाना जाता है। पहाड़ों का खास उत्पाद जैकफ्रूट यहां खास लोकप्रिय हैं। यंू कहें कि स्वाद एवं सुगंध का कॉकटेल है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। कोली पर्वतारोहण एवं प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद रहता है। इस क्षेत्र में देवी एट्टुककाई अम्मान मंदिर है। कोलीपावाई के पौराणिक संदर्भ को ध्यान में रख कर इस पर्वत श्रंखला को कोली माला नाम से जाना गया। 

    कोली हिल्स की सुन्दरता की खासियत यह रही कि कोली को तमिल साहित्य में स्थान दिया गया। विशेषज्ञों की मानें तो ऋषियों ने तपस्या के लिए कोली को चुना था। वसंत ऋतु में कोली का परिवेश देखते ही बनता है।
    कोली हिल स्टेशन एवं उसके आसपास वन्य जीवन का भी कोलाहल रहता है। कोली हिल स्टेशन एवं उसके आसपास विशिष्ट स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से अरालेश्वर मंदिर, अगासागनगई वॉटर फॉल्स, अम्मान मंदिर, सिद्ध गुफायें, सेलूर व्यू प्वाइंट एवं सोलाक्कुडू आदि बहुत कुछ है। 
    अरालेश्वर मंदिर : अरालेश्वर मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। इसे राशीपुरम शिव मंदिर का गुप्त मार्ग माना जाता है। कहावत है कि यह शिव मंदिर दूसरी शताब्दी में वाल्विल ने बनवाया था। 
  अरापालेश्वर सथकम कविता में अरापालेश्वर की प्रसंशा की गयी है। पौराणिक कथानक के मुताबिक मंदिर का यह शिवलिंग खेतों में कृषि कार्य की अवधि में मिला था। खेती के समय शिवलिंग पर चोट लग गयी थी। इस चोट के निशान आज भी शिवलिंग पर विद्यमान है। इस देव स्थान में पत्थर का श्री यंत्र भी स्थापित है।
    कोली अभ्यारण : कोली अभ्यारण मुख्यत: हाथियों का प्रवास क्षेत्र है। अभ्यारण में भालू, भौंकने वाले हिरण, पंगोलिन, भेड़िया, सरीसूप सहित असंख्य वन्य जीव प्रजातियां उपलब्ध हैं।
     अगासागनगई वॉटर फॉल्स : अगासागनगई वॉटर फॉल्स मुख्यत: वन क्षेत्र की सुन्दरता है। अरालेश्वर मंदिर के निकट स्थित यह वॉटर फॉल्स अय्यरू नदी का हिस्सा है। करीब 300 फुट ऊंचाई से नीचे गिरता यह फॉल्स कर्णप्रिय स्वर लहरियां प्रस्फुटित करता है। यह एक अति सुन्दर पिकनिक स्पॉट भी है।
    एट्टुककाई अम्मान मंदिर : एट्टुककाई अम्मान मंदिर स्थानीय देव स्थान है। इसे पहाड़ों की देवी भी कहा जाता है। इस स्थान से ताल्लुक रखने वाली कई किवदंतियां भी हैं।
    सेलूर व्यू प्वाइंट : सेलूर व्यू प्वाइंट कोली हिल्स की सबसे ऊंची चोटी है। इस स्थान से कोली हिल स्टेशन एवं उसके आसपास का सुन्दर नजारा दिखता है। खास तौर से कोली की प्राचीनता भी दिखती है। सेमेमेडु से सेलूर नाडू तक लम्बी एवं अति घुमावदार सड़क का सुन्दर नजारा अवलोकित होता है। उगते सूरज की लालिमा की चमक खास तौर से पर्यटकों को आकर्षित करती है। बड़ा ही मनोहारी दृश्य यहां से दिखता है।
    आैषधीय फार्म : आैषधीय फार्म मुख्यत: सेमेमेडु से वासलूरपट्टी जाने के मार्ग पर स्थित है। यह एक अति सुन्दर एवं मनोरम स्थान है। यह इलाका खास तौर से आैषधीय पौधों के लिए जाना पहचाना जाता है। आैषधीय वनस्पतियों में शायद ही कोई प्रजाति ऐसी होगी, जो यहां उपलब्ध न हो। आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी दवाओं में उपयोग की जाने वाली वनस्पतियों की लम्बी श्रंखला उपलब्ध है।
     कोली हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट त्रिची है। त्रिची एवरपोर्ट चेन्नई, मुम्बई एवं बेंगलुरू से जुड़ा है। त्रिची से कोली की यात्रा करीब 133 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन सालेम है। सालेम से कोली की दूरी करीब 90 किलोमीटर है। पर्यटक इसके अलावा सड़क मार्ग से भी यात्रा कर सकते हैं।
11.248514,78.338707

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