Friday, 3 August 2018

कोटागिरी हिल स्टेशन : हसीन वादियां

    कोटागिरी हिल स्टेशन को धरती पर फूलों का एक सुन्दर खूशबूदार गुलदस्ता कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, कोटागिरी हिल स्टेशन की सुन्दरता का कहीं कोई जोड़ नहीं।

    तमिलनाडु के नीलगिरी का यह हिल स्टेशन चाय एवं काफी बागानों की सुगंध से दिल-ओ-दिमाग को चैतन्यता एवं ताजगी से भर देता है। समुद्र तल से करीब 1793 मीटर ऊंचाई पर स्थित कोटागिरी हिल स्टेशन हिम शिखर एवं घाटियों-वादियों की एक लम्बी श्रंखला है। सुन्दर बाग-बगीचे एवं हरे-भरे घास के लॉन-ढ़लान निश्चय ही पर्यटकों को मुग्ध कर लेते हैं।

   बादलों की अठखेलियां खास तौर से बच्चों को खिलंदड़ बना देती हैं। पर्यटक कोटागिरी हिल स्टेशन में घुड़सवारी का भी आनन्द ले सकते हैं। खास तौर से चाय-कॉफी एवं फूलों-वनस्पतियों की सुगंध मन मस्तिष्क को एक ऊर्जावान ताजगी से प्रफुल्लित कर देती है। कोटागिरी हिल स्टेशन दक्षिण भारत के शीर्ष एवं सुन्दर हिल स्टेशन में से एक है। खास एवं खूबियों के कारण कोटागिरी हिल स्टेशन पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बन गया है।

    खास यह है कि कोटागिरी हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षक स्थलों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से कैथरीन वॉटर फॉल्स, एल्क वॉटर फॉल्स, रंगास्वामी पिलर्स एवं कोडानाड व्यू प्वाइंट आदि हैं। खास यह कि कोटागिरी हिल स्टेशन का मौसम सदाबहार माना जाता है। इस क्षेत्र को कोटा का पहाड़ भी कहा जाता है।

    इस इलाके में कोटा जाति के परम्परागत शिल्पकारों की आबादी है। शिल्पकार टेराकोटा कला में दक्षता रखते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कोटा का इतिहास अति प्राचीन है। कोटा के मंदिर कामताराया देवता को समर्पित हैं। यहां अरुद्र दर्शन उत्सव होता है। यह कोटा समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। ट्रैकिंग के लिए कोटागिरी हिल स्टेशन को सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है। कोटागिरी हिल स्टेशन में ब्रिाटिशकाल के यूरोपियन शैली के कई सुन्दर बंगले हैं। इन बंगलों ने खास तौर से अंग्रेजियत को कायम रखा। हालांकि इन बंगलों को आधुनिक आवासों में तब्दील कर दिया गया।

    कैथरीन वॉटर फॉल्स : कैथरीन वॉटर फॉल्स कोटागिरी हिल स्टेशन का प्रमुख आकर्षण है। यहीं नीलगिरी पहाड़ों की दूूसरी सबसे ऊंची चोटी है। कल्लार नदी के दक्षिण-पश्चिम से निकलने वाली जलधारा यहां वॉटर फॉल्स का स्वरूप ले लेती है। करीब 250 फुट की ऊंचाई से गिरने वाले फॉल्स की जलधारा से उभरने वाली संगीत स्वर लहरियां कर्णप्रिय होती हैं। कैथरीन फॉल्स का नाम अंग्रेज कॉकबर्न की पत्नी के नाम पर रखा गया है। हालांकि कैथरीन फॉल्स का वास्तविक नाम गद्देहादा हला है। 

    कोडानाड व्यू प्वाइंट : कोडानाड व्यू प्वाइंट एक शानदार एवं आकर्षक पर्यटक स्थल है। पर्यटक सुबह एवं शाम यहां से सूर्योदय एवं सूर्यास्त का सुन्दर नजारा देख सकते हैं। व्यू प्वाइंट से किल-कोटागिरी क्षेत्र की चोटियां, मोयार नदी, कल्लार नदी सहित आसपास का सुन्दर एवं मोहक नजारा दिखता है। व्यू प्वाइंट की कोटागिरी हिल स्टेशन से दूरी करीब 16 किलोमीटर है। 
  लांगवुड शोला : लांगवुड शोला वस्तुत: कोटागिरी के कई गांवों का जलरुाोत है।
   रंगास्वामी शिखर : रंगास्वामी शिखर देनाड गांव से कुछ दूर स्थित है। इसे रंगास्वामी स्तम्भ भी कहा जाता है। रंगास्वामी स्तम्भ करीब 120 मीटर ऊंचाई वाला दिव्य-भव्य असाधारण शिलाखण्ड है। खास यह कि इस शिलाखण्ड पर चढ़ा नहीं जा सकता। रंगास्वामी शिखर कोटागिरी से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित है। इलाके के बाशिंदों की दृष्टि में यह एक पवित्र स्थान है। इस स्थान को भगवान रंगास्वामी भी कहा जाता है। श्रद्धालु पूजा-अर्चना एवं आराधना भी करते हैं।
     कोटागिरी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कोयम्बटूर है। कोयम्बटूर से कोटागिरी हिल स्टेशन की दूरी करीब 105 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कुन्नूर है। कुन्नूर से कोटागिरी की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
11.414299,76.866331

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