कोहिमा हिल स्टेशन : प्रकृति का नगीना
शायद कोहिमा हिल स्टेशन की नायाब सुन्दरता को प्रकृति ने खुद गढ़ा। जी हां, नागालैण्ड स्थित कोहिमा हिल स्टेशन में जैसे साक्षात स्वर्ग उतर आया हो।
समुद्र तल से करीब 1444 मीटर ऊंचाई पर स्थित कोहिमा हिल स्टेशन प्रकृति के साथ खिलंदड़पन का हर मौका देता है। चौतरफा पर्वत श्रंखला के शिखर धरती का मुकुट होने का एहसास कराते हैं। सुगंधित वनस्पतियां, फूलों की घाटियां-वादियां, मखमली घास का बिछौना आदि बहुत कुछ इस इलाका को खास बना देता है।
कोहिमा नागालैण्ड की राजधानी है। लिहाजा सुन्दरता भी लाजवाब है। कोहिमा वस्तुत: आदिवासी बाहुल्य इलाका है। अस्तु आदिवासी संस्कृति से कोहिमा आच्छादित रहता है। समुद्र तल से शीर्ष पर होने के कारण कोहिमा बादलों की आवाजाही से गुलजार रहता है।
कोहिमा के आदिवासियों की बहु रंगबिरंगी संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है। कोहिमा हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थलों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से कोहिमा संग्रहालय, स्मृति स्थल, एम्पोरियम, नागा हेरिटेज काम्प्लेक्स, कोहिमा गांव, दजुकोउ घाटी, जप्फु चोटी, त्सेमिन्यु, खोनोमा गांव आदि बहुत कुछ दर्शनीय है।
कोहिमा को खास तौर से सांस्कृतिक त्योहारों के लिए जाना पहचाना जाता है। कोहिमा बहादुर एवं साहसी अंगमी नागा जनजातियों की भूमि के तौर पर जाना पहचाना जाता है।
स्मारक : स्मारक वस्तुत: द्वितीय विश्व युद्ध का स्मृति शेष है। द्वितीय विश्व युद्ध में जापानियों ने नागालैण्ड पर हमला कर दिया था। इस हमले में बड़ी संख्या में अफसर मारे गये थे। हमले में मारे गये सैनिकों को गैरीसन हिल में दफनाया गया था। यहां सैनिकों को समर्पित 1421 समाधियां हैं। इस समाधि स्थल को स्मारक के तौर पर देखा जाता है।
स्मारक : स्मारक वस्तुत: द्वितीय विश्व युद्ध का स्मृति शेष है। द्वितीय विश्व युद्ध में जापानियों ने नागालैण्ड पर हमला कर दिया था। इस हमले में बड़ी संख्या में अफसर मारे गये थे। हमले में मारे गये सैनिकों को गैरीसन हिल में दफनाया गया था। यहां सैनिकों को समर्पित 1421 समाधियां हैं। इस समाधि स्थल को स्मारक के तौर पर देखा जाता है।
कोहिमा चर्च : कोहिमा चर्च को एशिया के सबसे बड़े चर्च के तौर पर मान्यता है। खास यह कि चर्च काफी विस्तृत क्षेत्र में स्थित है। चर्च की भव्यता-दिव्यता कोहिमा की पहचान बन चुकी है। इस चर्च में एक साथ 3000 से अधिक लोग बैठ सकते हैं। लगभग 25000 वर्ग फुट में फैला है। चर्च में बेथलेहम जैतुन की लकड़ी से बनी सुन्दर नाद देखी जा सकती है। नाद चर्च की खूबसूरती का एक आयाम है। यहां प्रार्थना के बाद शांति का एहसास होता है।
संग्रहालय : संग्रहालय में खास तौर से कला एवं संस्कृति का भव्य-दिव्य प्रदर्शन है। इसका इतिहास काफी रोचक है। नागालैण्ड सरकार ने संग्रहालय का निर्माण बयावी पहाड़ी पर कराया था। संग्रहालय में नागालैण्ड की संस्कृति एवं इतिहास से ताल्लुक रखने वाली वस्तुओं का प्रदर्शन है। इनमें खास तौर से कीमती रत्न, हाथी दांत, मोतियों से बना हार, लकड़ी आैर भैंस के सींगों से बने वाद्य यंत्र एवं अन्य कलात्मक वस्तुएं प्रदर्शित हैं। कला प्रेमियों के लिए संग्रहालय में कलादीर्घा भी है। इसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा सृजित एवं रचित पेंटिंग्स प्रदर्शित हैं।
नागा हेरिटेज काम्प्लेक्स : नागा हेरिटेज काम्प्लेक्स वस्तुत नागालैण्ड का लघु प्रतिबिम्ब है। इसमें द्वितीय विश्व युद्ध की छवि उभारने के साथ ही मनोरंजक भी बनाने की कोशिश की गयी है। संग्रहालय सहित बहुत कुछ इस हेरिटेज की शोभा है। यहां प्रतिवर्ष हॉरनबिल उत्सव मनाया जाता है।
कोहिमा गांव : कोहिमा गांव को एशिया की सबसे घनी आबादी वाला माना जाता है। इस गांव की स्थापना व्हिनुओ नामक व्यक्ति ने की थी। खास यह कि इस गांव को भूतकाल एवं भविष्य का संगम माना जाता है।
कहावत है कि प्राचीनकाल में यहां सात झीलें एवं सात द्वार थे। अब एक द्वार को छोड़ कर सभी कुछ गायब हो चुके हैं। यह द्वार अति सुन्दर है। इस द्वार को भैंस के सींगों के आकार वाले पत्थरों से सजाया गया है। यह शिल्प इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। गांव का यह एक मुख्य आकर्षण है। इस गांव को प्राकृतिक सौन्दर्य, संस्कृति, हस्तशिल्प आदि की बहुलता के लिए जाना जाता है।
दजुकोउ घाटी एवं जप्फु चोटी : दजुकोउ घाटी एवं जप्फु चोटी कोहिमा हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। कोहिमा की दक्षिणी दिशा में करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित दजुकोउ घाटी अत्यंत सुन्दर है। इसकी खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस घाटी में फूलों की विभिन्न प्रजातियां उपलब्ध रहती हैं। घाटी हमेशा सुगंध युक्त रहती है। दजुकोउ घाटी के साथ ही पर्यटक जप्फु चोटी का मनोहारी दृश्य देख सकते हैं।
प्फुत्सेरो : प्फुत्सेरो को सबसे ऊंचा एवं ठंडा शहर के तौर पर जाना जाता है। इसे कोहिमा हिल स्टेशन की रीढ़ कहा जाता है। कोहिमा से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव का तापमान सर्दियों में शून्य से भी नीचे चला जाता है। समुद्र तल से करीब 2133 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह गांव सेब की खेती किसानी के लिए खास ख्याति रखता है।
प्फुत्सेरो : प्फुत्सेरो को सबसे ऊंचा एवं ठंडा शहर के तौर पर जाना जाता है। इसे कोहिमा हिल स्टेशन की रीढ़ कहा जाता है। कोहिमा से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव का तापमान सर्दियों में शून्य से भी नीचे चला जाता है। समुद्र तल से करीब 2133 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह गांव सेब की खेती किसानी के लिए खास ख्याति रखता है।
कोहिमा हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध है। निकटतम एयरपोर्ट दीमापुर है। निकटतम रेलवे स्टेशन भी दीमापुर में है। दीमापुर से कोहिमा हिल स्टेशन की दूरी करीब 74 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कोहिमा की यात्रा कर सकते हैं।
25.906905,93.729756
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