Thursday, 23 August 2018

लाचुंग हिल स्टेशन: प्राकृतिक सौन्दर्य

   सिक्किम के लाचुंग हिल स्टेशन को भारतीय पर्यटन का सरताज कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।

   लाचुंग हिल स्टेशन समुद्र तल से करीब 2900 मीटर ऊंचाई पर स्थित प्रकृति का एक सुन्दर आयाम है। लाचुंग तीस्ता नदी की सहायक नदियों लचुन एवं लचंग के संगम पर बसा एक छोटा-लघु शहर है। लाचुंक का स्थानीयता में शाब्दिक अर्थ छोटा पास होता है।

   सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 125 किलोमीटर दूर स्थित लाचुंग हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता का विलक्षण आयाम है। लाचुंग खास सुन्दरता के कारण पर्यटन की दुनिया का चुनिंदा हिल स्टेशन है। 

  लाचुंग की आबादी खास तौर से लेप्चा एवं तिब्बती वशंज हैं। इस इलाके में बोली भाषा नेपाली, लेपचा एवं भूटिया प्रचलित है। सर्दियों में लाचुंग आम तौर पर बर्फ से ढ़का रहता है। स्कीइंग के लिए यह एक अति बेहतरीन एरिया है। यहां फुनी में स्कीइंग आयोजित की जाती है। 

    ब्रिटिश लेखकों ने लाचुंग को सिक्किम का सबसे खूबसूरत सुन्दर गांव कहा है। यहां की यमथांग घाटी एवं लाचेन घाटी की सुन्दरता लाजवाब है। उत्तर सिक्किम की गोद में रचा-बसा लाचुंग हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता का अप्रतिम खजाना रखता है।

   लाचुंग के खूबसूरत झरने, फलों के बगीचे, हिमनद नदियां आदि इत्यादि बहुत कुछ मन को लुभाते हैं। लाचुंग नवविवाहित जोड़ों के हनीमून के लिए सर्वथा बेहतरीन एवं सुन्दर स्थान है। साहसिक खेलों, प्रकृति प्रेमियों एवं फोटोग्राफी के शौकीन पर्यटक लाचुंग हिल स्टेशन में भरपूर आनन्द ले सकते हैं। बर्फ की ओढ़नी लाचुंग की सुन्दरता को आैर भी बढ़ा देती है।

   लिहाजा यहां की शानदार सुन्दरता कैमरे में कैद की जा सकती है। बर्फ से ढ़की पर्वत चोटियां देखते ही बनती हैं। लाचुंग हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। लाचुंग हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई की अवधि है। 

  अप्रैल-मई में लाचुंग की घाटियां फूलों की लकदक एवं सुगंध से भरपूर रहती हैं। यमथांग एवं लाचेन यहां की सुन्दर घाटियां हैं। यमथांग घाटी को खास तौर शून्य प्वाइंट भी माना जाता है। आत्म साधना के लिए यह क्षेत्र स्वर्ग माना जाता है। लाचुंग खास तौर से सेब, आडू एवं खुबानी के बागों के लिए जाना जाता है।  
   लाचुंग मठ: लाचुंग मठ एक पहाड़ी चोटी पर स्थित है। इस सुन्दर परिवेश में पर्यटक ध्यान लगाने बैठ जायें तो निश्चय ही खुद को भूल जायेंगे। लगभग 12000 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस लाचुंग मठ को न्यिंगमापा मठ कहा जाता है। वास्तुकला के सुन्दर आयाम इस मठ की स्थापना 1806 में की गयी थी। बाग बगीचों से घिरा यह एक सुन्दर एवं आध्यात्मिक स्थान है।  

    लाचुंग हथकरघा केन्द्र : लाचुंग हथकरघा केन्द्र में स्थानीय हस्तशिल्प के कलात्मकता का अवलोकन किया जा सकता है। हाथों से बने कम्बल आदि अद्वितीय होते हैं। 

   शिंगवा रोडोडैड्रन अभ्यारण : शिंगवा रोडोडैड्रन अभ्यारण करीब 8000 फुट ऊंचाई पर स्थित एक सुन्दर वन क्षेत्र है। खास तौर से हिमालयी पेड़ बुरांश की सुन्दरता यहां देखी जा सकती है। शिंगवा रोडोडैड्रन की यहां चार दर्जन से अधिक प्रजातियां उपलब्ध हैं। यह एक प्राकृतिक पार्क है। प्रजातियों में प्रीमुला, पोपपीज, पोर्टेटलस, सैक्सिफ्रेज एवं सज्जन आदि उपलब्ध हैं। खास यह कि कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान भी इसी क्षेत्र में है।
   सागा दावा महोत्सव : सागा दावा महोत्सव यहां का मुख्य सांस्कृतिक पर्व है। लाचुंग में इसका आह्लादन दिखता है। बौद्ध परम्परा का यह पारम्परिक त्योहार है। भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन, जन्म, ज्ञान, मृत्यु आदि घटनाओं को दर्शाता है। इस उत्सव में लोक कलाओं एवं देशी-विदेशी व्यंजनों का संगमन यहां दिखता है। पर्यटक यहां जीवन का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।
   लाचुंग हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बगदाग्रा पश्चिम बंगाल है। यह एयरपोर्ट लाचुंग हिल स्टेशन से करीब 185 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन नई जलपाईगुडी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी लाचुंग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
27.754380,88.505480

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