मोरनी हिल स्टेशन: इन्द्रधनुषी सौन्दर्य
मोरनी हिल स्टेशन को प्राकृतिक सौन्दर्य का इन्द्रधनुषी आयाम कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। हरियाणा के पंचकूला स्थित यह सुन्दर हिल स्टेशन पर्यटकों का पसंदीदा स्पॉट है।
झीलों-झरनों एवं वनस्पतियों से आच्छादित यह हिल स्टेशन अति शांत एवं सुरम्य है। समुद्र तल से करीब 1220 मीटर ऊंचाई पर स्थित मोरनी हिल स्टेशन में दिव्य-भव्य खेल के मैदान, स्विमिंग पुल, स्केटिंग रेंज आदि बहुत कुछ है। मखमली घास के ढ़लान एवं मैदान पर्यटकों को रोमांचित करते हैं।
झीलों-झरनों एवं वनस्पतियों से आच्छादित यह हिल स्टेशन अति शांत एवं सुरम्य है। समुद्र तल से करीब 1220 मीटर ऊंचाई पर स्थित मोरनी हिल स्टेशन में दिव्य-भव्य खेल के मैदान, स्विमिंग पुल, स्केटिंग रेंज आदि बहुत कुछ है। मखमली घास के ढ़लान एवं मैदान पर्यटकों को रोमांचित करते हैं।
हरियाणा का शानदार एवं जानदार मोरनी हिल स्टेशन अपनी खास खूबियों के कारण देश दुनिया में जाना-पहचाना जाता है। वनस्पतियों की सोंधी सुगंध मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर देेती है। वहीं, शीतल हवाओं के झोंके मन को पुलकित कर देते हैं। मोरनी हिल्स के फूलों की असंख्य प्रजातियां स्पॉट को कुछ खास बना देती हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो मोरनी हिल स्टेशन हरियाणा का सुप्रसिद्ध हिल स्टेशन है। साथ ही पंचकूला का यह इलाका हरियाणा का उच्चतम शिखर बिन्दु है। मोरनी हिल्स राजघराने के नाम पर आधारित है। राजघराना ने रानी के नाम से इस हिल स्टेशन का नामकरण किया था।
झीलों-झरनों, वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियां एवं पर्वत श्रंखला हिमालय का प्राकृतिक मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो मोरनी हिल्स हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रंखला का हिस्सा है। इस हिल स्टेशन के निकट ही पहाड़ियों के मध्य गांव भी स्थित है। इन प्राकृतिक सुन्दरता वाली पहाड़ियों के मध्य दो भव्य-दिव्य झीलें भी हैं।
इन झीलों की सुरम्यता देखते ही बनती है। पहाड़ियों के अलग होने के बावजूद दोनों झीलों के मध्य एक अदृश्य ताल्लुक दिखता है। कारण इन दोनों झीलों का जल स्तर सदैव समान रहता है। इन झीलों के जल को पवित्र माना जाता है।
टिक्कड़ ताल, बड़ा टिक्कड़ एवं छोटा टिक्कड़ मानव निर्मित झीलें हैं। इस रमणीक स्थान के निकट ही एक राजसी किला एवं महल भी है। जिसमें राजसी आन-बान एवं शान के विविध आयाम दिखते हैं।
मोरनी हिल स्टेशन एवं उसके आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से रिसार्ट भी बनाये गये है। जिससे इस सुरम्य एवं रमणीक क्षेत्र में पर्यटकों को ठहरने में कोई असुविधा न हो।
मोरनी हिल स्टेशन ट्रैकिंग के पसंदीदा युवाओं का पसंदीदा स्पॉट है। प्रकृति की गोद का यह सुन्दर आयाम पर्यटकों की मौजूदगी से हमेशा गुलजार रहता है। मोरनी हिल स्टेशन विविध वनस्पतियों एवं पर्यावरण से संवर्धित है।
वसंत की अवधि में मोरनी हिल्स की सुन्दरता देखते ही बनती है। कारण चौतरफा इन्द्रधनुषी रंगों के सुगंधित फूलों की श्रंखला हिल्स को आलोकित करती है। यह दृश्य अति मनोरम एवं लोक लुभावन प्रतीत होता है। पक्षियों का कोलाहल बेहद कर्णप्रिय होता है। खास यह कि मोरनी हिल स्टेशन को भोज जबियाल भी कहते हैं।
खास यह कि पर्यटक यहां सैर सपाटा का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। मोरनी हिल स्टेशन की जलवायु को प्राण वाहिनी माना जाता है। पर्यटक मोरनी हिल स्टेशन पर खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं।
खास यह भी कि मोरनी हिल्स की घाटियों के मध्य घग्गर नदी प्रवाहित होती है। घग्गर नदी के किनारे ट्रैकिंग का अपना एक अलग ही आनन्द होता है। रोमांच के यह क्षण पर्यटकों के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ते हैं।
वन्य जीवन भी यहां दिखता है। सांभर, बिज्जू एवं जंगली बिल्ली आदि की हलचल दिखायी देती है। विशेषज्ञों की मानें तो पाण्डवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय मोरनी हिल्स इलाका में गुजारा था।
गांव ठाकुरद्वारा में पाण्डवों ने पूजा अर्चना के लिए एक शिव मंदिर बनाया था। पाण्डव इस शिव मंदिर में छत नहीं डाल सके थे। लिहाजा छत विहीन यह शिव मंदिर अब खण्डहर दशा में विद्यमान है।
मोरनी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट चण्डीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है। चण्डीगढ़ एयरपोर्ट से मोरनी हिल स्टेशन की दूरी करीब 52 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन चण्डीगढ़ जंक्शन है। चण्डीगढ़ रेलवे स्टेशन से मोरनी हिल स्टेशन की दूरी करीब 40 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी यात्रा कर सकते हैं।
30.714660,76.987080
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