कौसानी हिल स्टेशन: धरती का स्वर्ग
कौसानी हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, उत्तराखण्ड का कौसानी हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए विश्व विख्यात है।
शायद इसी लिए कौसानी को भारत का स्वीट्जरलैण्ड कहा जाता है। उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिला का यह सुन्दर हिल स्टेशन हिमालय के ताज की भांति है। खास यह कि कौसानी हिल स्टेशन हिमालय की आगोश में रचा-बसा है। कौसानी वस्तुत: पिंगनाथ चोटी पर बसा है।
चौतरफा प्राकृतिक खूबसूरती से लबरेज नजारे पर्यटकों को लुभाते हैं। पर्यटक कौसानी से हिमालय का सौन्दर्य निहार सकते हैं। बर्फ से आच्छादित नंदा देवी पर्वत की चोटी बेहद दर्शनीय प्रतीत होती है। कोसी एवं गोमती नदियों के मध्य बसा कौसानी सुन्दरता का श्रेष्ठतम आयाम है।
कौसानी हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही खेल एवं धार्मिकता के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर एवं आश्रम की यहां एक लम्बी श्रंखला है। चाय एवं कॉॅफी की सुगंध से परिवेश महकता रहता है। कौसानी हिल स्टेशन एरिया में चाय एवं कॉफी बागानों की एक लम्बी श्रंखला है।
खास यह कि कौसानी की चाय की सुगंध जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कोरिया एवं अमेरिका तक फैली है। कौसानी की चाय के दीवाने दुनिया भर में हैं। कौसानी हिल स्टेशन से नंदाकोट, त्रिशूल एवं नंदा देवी पर्वत का विहंगम दृश्य दिखता है। चीड़ का सघन वन क्षेत्र एक शांत शीतलता प्रदान करता है।
कहीं मखमली घास के मैदान-ढ़लान हैं तो घाटियां-वादियां फूलों की सुगंध से तरोताजा रखती हैं। समुद्र तल से करीब 1980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कौसानी हिल स्टेशन विदेशी पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। पिण्डारी ग्लेशियर कौसानी हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है।
पिण्डारी ग्लेशियर की एक झलक पाने के लिए दुनिया के पर्यटक कौसानी खिचें चले आते हैं। कौसानी हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं विशेष स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। मसलन अनासक्ति आश्रम, लक्ष्मी आश्रम, पंत संग्रहालय, कौसानी चाय बागान, कोट ब्राह्मरी, बागेश्वर आदि इत्यादि बहुत कुछ है।
अनासक्ति आश्रम: अनासक्ति आश्रम को गांधी आश्रम भी कहा जाता है। यह आश्रम महात्मा गांधी की स्मृति में बनाया गया है।
अनासक्ति आश्रम: अनासक्ति आश्रम को गांधी आश्रम भी कहा जाता है। यह आश्रम महात्मा गांधी की स्मृति में बनाया गया है।
कौसानी की सुन्दरता एवं शांति ने महात्मा गांधी को बहुत अधिक प्रभावित किया था। बताते हैं कि यहीं गांधी जी ने अनासक्ति योग नामक लेख लिखा था। इस आश्रम में अध्ययन कक्ष, पुस्तकालय, प्रार्थना कक्ष एवं गांधी जी जीवन यात्रा का कक्ष है। खास यह कि गांधी आश्रम में प्रवास के दौरान प्रार्थना सभा में शामिल होना आवश्यक है।
अनासक्ति आश्रम से हिमालय का सुन्दर एवं विहंगम दृश्य दिखता है। यहां से चौखंभा, नीलकण्ठ, नंदा घुंटी, त्रिशूल, नंदा देवी, नंदा खाट, नंदा कोट, पंचचुली शिखर की सुन्दरता अवलोकित होती है।
लक्ष्मी आश्रम: लक्ष्मी आश्रम को सरला आश्रम भी कहा जाता है। सरलाबेन ने इस आश्रम की स्थापना 1948 में की थी। सरलाबेन का वास्तविक नाम कैथरीन हिलमेट था। वह गांधी जी की अनुयायी थी। इस आश्रम में गरीब लड़कियां पढ़ती एवं रहती हैं। यह लड़कियां हस्तशिल्प की कारीगरी भी सीखती एवं करती हैं।
लक्ष्मी आश्रम: लक्ष्मी आश्रम को सरला आश्रम भी कहा जाता है। सरलाबेन ने इस आश्रम की स्थापना 1948 में की थी। सरलाबेन का वास्तविक नाम कैथरीन हिलमेट था। वह गांधी जी की अनुयायी थी। इस आश्रम में गरीब लड़कियां पढ़ती एवं रहती हैं। यह लड़कियां हस्तशिल्प की कारीगरी भी सीखती एवं करती हैं।
पंत संग्रहालय: पंत संग्रहालय हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि सुमित्रा नन्दन पंत की स्मृति में है। सुमित्रा नन्दन पंत का जन्म कौसानी में हुआ था। बाद में पंत के पैतृक अावास को ही संग्रहालय बना दिया गया था। संग्रहालय में सुमित्रा नन्दन पंत की कविताओं का संग्रह एवं जीवन वृतांत सहित बहुत कुछ है।
कौसानी चाय बागान: कौसानी चाय बागान करीब 208 हेक्टेयर में फैला है। यहां गिरियाज उत्तरांचल चाय खास तौर से उगाई जाती है। पर्यटक चाय बागान में सैर सपाटा कर चाय उत्पाद को समझ सकते हैं। कौसानी की चाय जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, अमेरिका आदि को भी सप्लाई की जाती है।
कोट ब्राह्मरी: कोट ब्राह्मरी कौसानी से करीब 21 किलोमीटर दूर तेहलीहाट में स्थित दुर्गा मंदिर है। दुर्गा देवी का यह भ्रमर अवतार माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो दुर्गा जी ने अरुण नामक दैत्य के वध के लिए भ्रामरी का अवतार लिया था। देवी पर्व पर यहां विशेष मेला लगता है।
कोट ब्राह्मरी: कोट ब्राह्मरी कौसानी से करीब 21 किलोमीटर दूर तेहलीहाट में स्थित दुर्गा मंदिर है। दुर्गा देवी का यह भ्रमर अवतार माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो दुर्गा जी ने अरुण नामक दैत्य के वध के लिए भ्रामरी का अवतार लिया था। देवी पर्व पर यहां विशेष मेला लगता है।
बागेश्वर: बागेश्वर गोमती एवं सरयु नदी के संगम पर स्थित है। कौसानी हिल स्टेशन से करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित बागेश्वर मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण है। मंदिर का निर्माण 1602 में लक्ष्मी चन्द ने कराया था। मंदिर में स्थापित देव प्रतिमाएं 7 वीं से लेकर 12 वीं शताब्दी के मध्य काल की हैं।
पिनाकेश्वर: पिनाकेश्वर वस्तुत: एक रमणीक स्थल एवं पिकनिक स्पॉट है। ट्रैकिंग के लिए यह सबसे बेहतरीन एरिया है। प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित पिनाकेश्वर कौसानी हिल स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर दूर है।
पिण्डारी ग्लेशियर: पिण्डारी ग्लेशियर का सौन्दर्य दर्शनीय है। ग्लेशियर ट्रैकिंग का सर्वथा उपयुक्त स्थान है। ग्लेशियर की यात्रा एवं अवलोकन बेहद रोमांचक अनुभव होगा। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 3820 मीटर है।
कुमाउंनी अंदाज: कुमाउंनी अंदाज से आशय कौसानी के विभिन्न उत्पाद से है। कौसानी का अचार, आैषधि, चौलाई, लाल चावल, शर्बत, जैम, शहद आदि बेहद मशहूर है। कुमाउंनी भोजन-व्यंजन का आनन्द लेना हो तो पर्यटक खरीददारी कर सकते हैं।
पिण्डारी ग्लेशियर: पिण्डारी ग्लेशियर का सौन्दर्य दर्शनीय है। ग्लेशियर ट्रैकिंग का सर्वथा उपयुक्त स्थान है। ग्लेशियर की यात्रा एवं अवलोकन बेहद रोमांचक अनुभव होगा। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 3820 मीटर है।
कुमाउंनी अंदाज: कुमाउंनी अंदाज से आशय कौसानी के विभिन्न उत्पाद से है। कौसानी का अचार, आैषधि, चौलाई, लाल चावल, शर्बत, जैम, शहद आदि बेहद मशहूर है। कुमाउंनी भोजन-व्यंजन का आनन्द लेना हो तो पर्यटक खरीददारी कर सकते हैं।
कौसानी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट पंत नगर है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम जंक्शन है। काठगोदाम से कौसानी हिल स्टेशन की दूरी करीब 142 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कौसानी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
29.843440,79.605660
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