रुद्रनाथ हिल स्टेशन : धरती का आभूषण
रुद्रनाथ हिल स्टेशन को प्राकृतिक सौन्दर्य का एक शानदार गहना कहना चाहिए। जी हां, रुद्रनाथ हिल स्टेशन का कण-कण प्राकृतिक सुन्दरता से आच्छादित है।
रुद्रनाथ वस्तुत: उत्तराखण्ड के चमोली का एक गांव है। समुद्र तल से करीब 2286 मीटर ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ हिल स्टेशन एक शांत एवं शीतल एरिया है। रुद्रनाथ में पर्यटक बर्फबारी का भरपूर एवं अद्भुत आनन्द ले सकते हैं।
रुद्रनाथ का शाब्दिक आक्रोश करने वाला व्यक्ति होता है। रुद्रनाथ हिल स्टेशन खास तौर रुद्रनाथ मंदिर के कारण जाना-पहचाना जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो रुद्रनाथ पंचकेदार तीर्थयात्रा का एक स्थान है। रुद्रनाथ का स्थान पंचकेदार में तीसरा है। पंचकेदार सर्किल में केदारनाथ, तुंगनाथ, मध्यमेश्वर एवं कल्पेश्वर हैं।
रुद्रनाथ हिल स्टेशन में चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की आभा अवलोकित होती है। चौतरफा हिम शिखर का सौन्दर्य अद्भुत दिखता है।
मखमली घास के मैदान एवं ढ़लान एक सुखद एवं ह्मदयस्पर्शी एहसास कराते हैं। सर्दियों में हिम शिखर बर्फ की चादर ओढ़े नजर आते हैं। बादलों की आवाजाही एक रोमांचक स्पर्श होता है। कारण कभी बादल पर्यटकों की गोद में होते हैं तो कभी पर्यटक बादलों की गोद में होते हैं।
मखमली घास के मैदान एवं ढ़लान एक सुखद एवं ह्मदयस्पर्शी एहसास कराते हैं। सर्दियों में हिम शिखर बर्फ की चादर ओढ़े नजर आते हैं। बादलों की आवाजाही एक रोमांचक स्पर्श होता है। कारण कभी बादल पर्यटकों की गोद में होते हैं तो कभी पर्यटक बादलों की गोद में होते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो रुद्रनाथ हिल स्टेशन वस्तुत: भगवान शिव के रुद्र स्वरूप को समर्पित है। चौतरफा सघन वन क्षेत्र एवं वनस्पतियों की सुगंध मन-मस्तिष्क को एक प्रफुल्लता प्रदान करती हैं।
हिम शिखर की चोटियों से लेकर घाटियों-वादियों तक मखमली घास के साथ सुगंधित फूलों की सुन्दर श्रंखला हर्षातिरेक से भर देती है।
रुद्रनाथ का इलाका खास तौर से ट्रैकिंग के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। नदियां एवं झीलें यहां की सुन्दरता में चार चांद लगा देती हैं। रुद्रनाथ हिल स्टेशन की यात्रा का सर्वाधिक बेहतरीन समय अप्रैल से नवम्बर की अवधि माना जाता है।
रुद्रनाथ हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। रुद्रनाथ मंदिर, पनार बुगियल, जोशीमठ आदि इत्यादि हैं।
रुद्रनाथ मंदिर: रुद्रनाथ मंदिर वस्तुत: भगवान शिव के रौद्र स्वरुप को समर्पित शिव स्थान है। समुद्र तल से करीब 2286 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
कहावत है कि पाण्डव अपने कृत्य एवं पाप के लिए शिव से क्षमा चाहते थे। कारण पाण्डव खुद को कौरवों को मारने का दोषी मानते थे।
भगवान शिव क्षमा दान के लिए पाण्डवों के सामने नहीं आना चाहते थे। शिव आखिर नंदी का स्वरूप धारण कर कहीं छिप गये थे। इसके बाद शिव का शरीर चार हिस्सों में विभक्त हो गया।
इन स्थानों को पंचकेदार के नाम से जाना पहचाना जाता है। जिस स्थान पर शिव का सिर पाया गया, उस स्थान को रुद्रनाथ मंदिर का निर्माण किया गया।
तीर्थयात्री सागर गांव एवं जोशीमठ से ट्रैकिंग के जरिए भी रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। रुद्रनाथ मंदिर से हाथी पर्वत, नंदा देवी, नंदा घुंटी देवी, त्रिशूल पर्वत चोटियों की सुन्दरता का अवलोकन पर्यटक कर सकते हैं।
यह इन्द्रधनुषी छटा पर्यटकों को मुग्ध कर देती है। खास यह कि सूर्य कुण्ड, चन्द्र कुण्ड, तार कुण्ड, मानकुण्ड आदि भी रुद्रनाथ मंदिर के निकट स्थित हैं।
पनार बुगियल : पनार बुगियल वस्तुत: रुद्रनाथ का प्राकृतिक सुन्दर घास का मैदान है। बुगियल सुगंधित फूलों का एक सुन्दर खजाना है। फूलों की यहां असंख्य प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इस इलाके में सुन्दर झरना एवं ट्रैकिंग एरिया भी है।
पनार बुगियल : पनार बुगियल वस्तुत: रुद्रनाथ का प्राकृतिक सुन्दर घास का मैदान है। बुगियल सुगंधित फूलों का एक सुन्दर खजाना है। फूलों की यहां असंख्य प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इस इलाके में सुन्दर झरना एवं ट्रैकिंग एरिया भी है।
जोशीमठ: जोशीमठ वस्तुत: चमोली का एक प्राकृतिक सुन्दरता से आच्छादित शहर है। समुद्र तल से करीब 6000 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ चौतरफा हिम श्रंखला से घिरा सुन्दर शहर है। जोशीमठ की श्रेष्ठतम तीर्थ के तौर पर मान्यता है।
खास यह कि यहां मंदिरों की एक सुन्दर श्रंखला है। जोशीमठ की स्थापना आदि शंकराचार्य ने 8 वीं शताब्दी में की थी। मान्यता है कि देश के शीर्ष चार मठों में जोशीमठ एक है। इस शहर को पूर्व काल में कार्तिकेयपुरा के नाम से जाना पहचाना जाता था।
कल्पवृक्ष: कल्पवृक्ष वस्तुत: एक प्राचीन वृक्ष है। जोशीमठ के निकट स्थित कल्पवृक्ष की विशिष्टताओं की एक लम्बी श्रंखला है। मान्यता है कि इसी कल्पवृक्ष के नीचे बैठ कर आदि शंकराचार्य ने घोर तप किया था। मान्यता है कि कल्पवृक्ष करीब 1200 पुराना है। कल्पवृक्ष की परिधि करीब 21.5 मीटर है।
नरसिंह मंदिर: नरसिंह मंदिर रुद्रनाथ एवं जोशीमठ का अति प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित है। बताते हैं कि भगवान नरसिंह की प्रतिमा नित्य प्रतिदिन सिकुड़ती जा रही है। मान्यता है कि जिस दिन प्रतिमा का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा, उस दिन भूस्खलन आदि घटनाएं होंगी।
रुद्रनाथ हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट देहरादून है। रुद्रनाथ हिल स्टेशन से जॉली ग्रांट एयरपोर्र्ट देहरादून की दूरी करीब 258 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से रुद्रनाथ हिल स्टेशन की दूरी करीब 241 किलोमीटर है। पर्यटक या तीर्थयात्री सड़क मार्ग से भी रुद्रनाथ हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.744230,79.492439
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