Monday, 31 December 2018

जावड़ी हिल्स: प्रकृति की गोद

    जावड़ी हिल्स को प्राकृतिक सौन्दर्य का इन्द्रधनुषी आयाम कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। भारत के दक्षिणी क्षेत्र के प्रांत तमिलनाडु स्थित जावड़ी हिल्स पर्यटकों को प्रकृति की गोद का एहसास कराता है। यूं कहें कि जावड़ी हिल्स प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा है तो शायद कोई बड़ी बात न होगी।

  चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं से आच्छादित जावड़ी हिल्स बेहद सुरम्य एवं शांत क्षेत्र है। फूलों एवं वनस्पतियों की विशेष सुगंध पर्यटकों को एक विशेष स्फूर्ति प्रदान करती है।
  मखमली घास के हरे-भरे लॉन-मैदान पर्यटकों को मुग्ध करते हैं। वस्तुत: यह आदिवासी आच्छादित क्षेत्र है। लिहाजा पर्यटक जावड़ी हिल्स पर आदिवासी संस्कृति एवं लोक जीवन की अनुभूति कर सकते हैं। 


   तमिलनाडु के प्रमुख शहर चेन्नई एवं बंगलुरु के निकट स्थित जावड़ी हिल्स देश विदेश के पर्यटकों का बेहद पसंदीदा क्षेत्र है। इसे जावधु हिल्स के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। 
  वेल्लौर एवं तिरुवन्नमलाई जिला के मध्य स्थित यह हिल्स बेहद खूबसूरत हैं। करीब 32 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला यह पर्यटन क्षेत्र पर्वतीय नक्षत्रिका है।

  झीलों-झरनों एवं नदियों की सुरम्यता वाला यह इलाका वन्य जीवन से भी आबाद है। लिहाजा पर्यटक वन्य जीवों के रोमांच का एहसास भी कर सकते हैं। 
  खास तौर से जावड़ी हिल्स पर अगारम नदियां एवं पाल की सहायक नदियों का आच्छादन पर्यटकों को जलक्रीड़ा का भरपूर आनन्द प्रदान करता है।

  समुद्र तल से करीब 1150 मीटर ऊंचाई पर स्थित जावड़ी हिल्स पर बादलों की आवाजाही पर्यटकों को रोमांचित करती है। कभी पर्यटक बादलों की आगोश में होते हैं तो कभी बादल पर्यटकों की गोद में होते हैं।
  जावड़ी हिल्स के झरने भी बेहद दर्शनीय हैं। मसलन बेमनमादुव झरना पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। यहां की वेधशाला अति विशिष्ट मानी जाती है। 

  पर्यटक वेधशाला पर खगोलयीय अध्ययन कर सकते हैं। भारतीय खगोल शास्त्री वीनू बापू ने वेधशाला के लिए जावड़ी हिल्स को चुना था। 
  इस वेधशाला को कवलूर वेधशाला के नाम से जाना पहचाना जाता है। खास यह कि जावड़ी हिल्स पर आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता है। 

   जिससे सम्पूर्ण परिवेश सुगंध से आच्छादित रहता है। लिहाजा पर्यटक यहां खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं।
   खास तौर इमली, कटहल, आंवला, अमरुद, अनार, आम, नीबू, नारियल, केला आदि की सुगंध पर्यटकों को एक ताजगी का एहसास कराती है। इसके अलावा बाजरिटिया पिन्नाटा, स्मिलैक्स रेजली, कैस्टर ऑयल आदि के वृक्ष सघन वन क्षेत्र को विशेष बना देते हैं।

   खास यह कि चंदन के लिए जावड़ी हिल्स विशेष तौर से जाना पहचाना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो जावड़ी हिल्स की खोज एक फ्रांसीसी नागरिक हेनरी ले फानू ने 1883 में की थी।
  बेमनमादुव झरना: बेमनमादुव झरना जावड़ी हिल्स से करीब 12 किलोमीटर दूर है। जमानामुथुर गांव के निकट स्थित यह झरना बेहद दर्शनीय एवं सुन्दर है। पर्यटक जलक्रीड़ा एवं स्नान का आनन्द यहां ले सकते हैं। 
   कवलूर वेधशाला: कवलूर वेधशाला का निर्माण खगोल शास्त्री बीनू बापू ने 1967 में किया था। परिसर में स्थापित दूरबीन का नाम बीनू बापू टेलीस्कोप दिया गया है। 
  वेधशाला का उपयोग शोध एवं अनुसंधान के लिए किया जाता है। करीब 100 एकड़ क्षेत्रफल वाली इस वेधशाला में वन्य जीव भी हैं।
  अमृत वन: अमृत वन क्षेत्र वस्तुत: जावड़ी हिल्स का ट्रैकिंग एरिया है।
   येलागिरी: येलागिरी वस्तुत: एक सुन्दर हिल स्टेशन है। समुद्र तल से करीब 1410 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन वस्तुत: एक गांव है। येलागिरी पर सुन्दर बाग-बगीचा एवं सुन्दर घाटियां-वादियां है।
   कोमूर्ति झील: कोमूर्ति झील वस्तुत: कोलाप्पन झील के तौर पर जाना पहचानी जाती है। यह जावड़ी हिल्स की सबसे बड़ी झील है। इसे एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट भी कहा जा सकता है। पर्यटक यहां नौका विहार एवं जलक्रीड़ा का आनन्द ले सकते हैं।
   जावड़ी हिल्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। चेन्नई एयरपोर्ट से जावड़ी हिल्स की दूरी करीब 206 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन विल्लुपुरम जंक्शन है। विल्लुपुरम रेलवे स्टेशन से जावड़ी हिल्स की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी जावड़ी हिल्स की यात्रा कर सकते हैं।
13.161700,80.122310

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