Sunday, 31 March 2019

किन्नौर हिल स्टेशन: प्रकृति का उपहार

   किन्नौर हिल स्टेशन की प्राकृतिक सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं। जी हां, प्रकृति की गोद में रचा-बसा यह हिल स्टेशन सौन्दर्य शास्त्र का सुन्दर आयाम है।

   भारत के हिमाचल प्रदेश के सीमा क्षेत्र का यह सुन्दर हिल स्टेशन वस्तुत: धरती का श्रंगार है। किन्नौर हिल स्टेशन एवं आसपास पन्ना की हरी घाटियां, फूलों से आच्छादित धरती, मखमली घास के विहंगम मैदान, बर्फ से ढ़के पर्वत श्रंखला अति दर्शनीय होते हैं। 

  खास यह कि किन्नौर हिल स्टेशन का मौसम सदैव अति सुहावना रहता है। सर्दियों में किन्नौर हिल स्टेशन पर चौतरफा बर्फ की सुनहरी एवं शानदार चादर दिखती है। अल्पाइन वृक्षों से ढ़के किन्नौर हिल स्टेशन के गांव अति आकर्षक प्रतीत होते हैं।

   खास तौर से किन्नौर हिल स्टेशन पर सेब एवं अंगूर की खेती पर्यटकों को लुभाती हैं। किन्नौर में सांगला घाटी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। 
  कारण पर्यटक यहां साहसी खेलों का शौक पूरा कर सकते हैं। पर्यटक यहां रिवर रॉफ्टिंग एवं पैराग्लाइडिंग का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। 

   पर्यटकों को खास तौर से किन्नौर हिल स्टेशन की धरती आकर्षित करती है। सेब एवं आडू के शानदार बागान बेहद दर्शनीय प्रतीत होते हैं तो वहीं इन फलों की सुगंध दिल एवं दिमाग को एक ताजगी देती हैं। 

   मखमली घास एवं फूलों की परतों से सजी धरती एक बेहद खुशनुमा परिवेश बनाती है। बर्फ से आच्छादित पर्वत श्रंखला एक दूधिया परिवेश पैदा करते हैं। किन्नौर हिल स्टेशन का यह परिवेश बेहद दर्शनीय होता है।

   किन्नौर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अति दर्शनीय है तो वहीं आध्यात्मिकता भी कम नहीं है। किन्नौर हिल स्टेशन आध्यात्मिक रूप से भी अति समृद्ध है। कलपा का नारायण-नागिनी मंदिर हिमाचली वास्तुकला की शानदार संरचना है। 

   तिब्बती सीमा के निकट होने के कारण किन्नौर हिल स्टेशन एवं उसके आसपास बौद्ध मठों की एक शानदार श्रंखला है। खास यह कि किन्नौर हिल स्टेशन एवं आसपास वन्य जीवन का अपना एक अलग आकर्षण है।

   खास तौर से हिमालयी क्षेत्र में प्रवास करने वाले वन्य जीवन का रोमांचक एहसास पर्यटक यहां कर सकते हैं।
   वन्य जीव प्रेमियों एवं पर्यावरण प्रेमियों के लिए किन्नौर हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है। किन्नौर हिल स्टेशन एवं अासपास प्रकृति का हर सुन्दर आयाम दर्शनीय है।

   खास तौर से किन्नौर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य दर्शन, गगनचुम्बी हिम शिखर, झीले-झरने एवं नदियां आदि बहुत कुछ रोमांचक है। शीतल एवं शांत हवा के झोके दिल एवंं दिमाग को एक विशेष ऊर्जा प्रदान करते हैं। 

   खास यह कि किन्नौर हिल स्टेशन का मस्ती भरा सफर बेहद रोमांचक हो जाता है। बर्फीले झरने, गुनगुनाती नदियां एवं वनस्पतियों की सुगंध पर्यटकों को बरबस आकर्षित करती हैं।
  खास यह कि किन्नौर हिल स्टेशन एवं अासपास आकर्षक स्थलों की एक शानदार श्रंखला है। खास तौर से नाको, नारकंडा, सांगला, कामरु, कलपा एवं सराहन आदि अति दर्शनीय है। 
   नाको : नाको वस्तुत: किन्नौर हिल स्टेशन का प्रमुख गांव है। यह इलाका आकर्षक झीलों के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। सर्दियों में यहां की झीलों का पानी जम जाता है। यहां की अनोखी झील एशिया में प्रसिद्ध हैै।
   नारकंडा: नारकंडा खास तौर से प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जाना पहचाना जाता है। नारकंडा की हसीन वादियां बेहद दर्शनीय हैं। खास तौर से पर्यटक यहां विश्राम भी कर सकते हैं। 
   सांगला: सांगला वस्तुत: किन्नौर हिल स्टेशन का बेहद खूबसूरत स्थान है। यहां बेरिंग नाथ मंदिर एवं बौद्ध मठ अति दर्शनीय हैं।
  कामरु: कामरु वस्तुत: किन्नौर हिल स्टेशन का प्राचीन गांव है। कामरु कभी किन्नौर की राजधानी हुआ करता था। लिहाजा इसका एक विशेष आकर्षण है। कामरु का किला दर्शनीय है। इसका वास्तुशिल्प पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करता है।
  सराहन: सराहन वस्तुत: किन्नौर हिल स्टेशन के सर्वाधिक ऊंचाई वाला क्षेत्र है। पर्वतमालाओं के मध्य श्रीखंड महादेव बेहद प्रसिद्ध हैं।
   किन्नौर हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट शिमला एयरपोर्ट है। शिमला एयरपोर्ट से किन्नौर हिल स्टेशन की दूरी करीब 267 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला जंक्शन है। पर्यटक सड़़क मार्ग से भी किन्नौर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.596029,78.355637

Friday, 29 March 2019

परवाणू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास

   परवाणू हिल स्टेशन को प्राकृतिक सुन्दरता का इन्द्रधनुषी आयाम कहा जाना चाहिए। जी हां, परवाणू हिल स्टेशन हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक शान है। इसे वनस्पति विज्ञान का शानदार संरक्षित क्षेत्र भी कहा जा सकता है।

   भारत के हिमाचल प्रदेश का यह शानदार पर्यटन एरिया वैश्विक पर्यटकों का विशेष आकर्षण है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला का परवाणू हिल स्टेशन कैक्ट्स गार्डेन के लिए खास तौर से मशहूर है। परवाणू हिल स्टेशन वस्तुत: फलों के बाग-बगीचों के लिए वैश्विक ख्याति रखता है।

   वनस्पतियों एवं फलों की सुगंध पर्यटकों के दिलोें दिमाग के लिए एक विशेष ताजगी प्रदान करती हैं। शिवालिक पर्वत श्रंखला का यह हिल स्टेशन असंख्य आकर्षण रखता है।
  ट्रिम्बर ट्रेल रिसार्ट परवाणू हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। शायद इसी लिए परवाणू हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटन क्षेत्र में टिम्बर ट्रेल के लिए भी जाना पहचाना जाता है। यहां पर्यटक रोप-वे एवं केबल कार का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। 

  ऊंची पर्वत श्रंखला के मध्य केबल कार का सफर बेहद रोमांचक एहसास कराता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पर्यटक एक अलग ही दुनिया में विचरण कर रहे हों। नवविवाहित जोड़ों के लिए सर्वथा बेहतरीन हिल स्टेशन है। 

   नवविवाहित जोड़े परवाणू हिल स्टेशन पर हनीमून का प्लान कर सकते हैं। खास यह कि परवाणू हिल स्टेशन पर चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली आभा दर्शनीय है। सुगंधित फलों के बाग-बगीचों मेंं पर्यटक भरपूर आनन्द ले सकते हैं।

   फलों-फूलों एवंं वनस्पतियों सुगंध दिल एवं दिमाग को एक विशेष ताजगी देती हैं। शांत एवं शीतल जलवायु वाला परवाणू हिल स्टेशन पर्यटकों के दिल दिमाग में छा जाता है। 
  इसी क्षेत्र में एक पर्वत श्रंखला मेें आराध्य देवी मनसा देवी का मंदिर विद्यमान है। यहां श्रद्धालु एवं पर्यटक आध्यात्मिक ऊर्जा का एहसास करते हैं।

   खास यह कि परवाणू हिल स्टेशन से चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं के लालित्य एवंं सौन्दर्य का दर्शन होता है। विशेषज्ञों की मानें तो परवाणू हिल स्टेशन वनस्पति विज्ञान के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। कैक्ट्स गार्डेन यहां की खास शोभा है। 

   विशेषज्ञों की मानें तो कैक्ट्स गार्डेन में कैक्ट्स की 3500 से अधिक प्रजातियों पुष्पित एवं पल्लवित हैं। कैक्ट्स गार्डेन की स्थापना वर्ष 1987 में हुयी थी। करीब 7 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस शानदार एवं विलक्षण कैक्ट्स गार्डेन में बहुत  कुछ विशिष्ट दर्शनीय है।

  इतना ही नहीं परवाणू हिल स्टेशन चाय-कॉफी के बागानों की खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है। चाय एवं कॉफी की सुगंध पर्यटकों को एक ताजगी प्रदान करती है।
  सोलन में चण्डीगढ़-शिमला मार्ग पर स्थित यह शानदार हिल स्टेशन विशिष्टताओं से भरा है। पर्यटक यहां की यात्रा को यादगार बना सकते हैं। 

  परवाणू हिल स्टेशन से ही विश्व धरोहर रेल मार्ग भी निकलता है। लिहाजा पर्यटक इस सुहानी रेल का सफर भी कर सकते हैं। खास यह कि परवाणू हिल स्टेशन को हिमाचल का बार्डर टाउन भी कह सकते हैंं। कारण यह इलाका हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा का सीमा क्षेत्र है। 

   परवाणू हिल स्टेशन एवं उसके आसपास का इलाका जैम, जैली एवं जूस के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। परवाणू हिल स्टेशन एवं आसपास के इलाके को फलों का राजा भी कहा जाता है।

   समुद्र तल से करीब 5000 फुट शीर्ष ऊंचाई पर स्थित परवाणू हिल स्टेशन वस्तुत: पाइन एवं देवदार के सघन वन क्षेत्र से घिरा इलाका है। लिहाजा आैधषीय सुगंध से परिवेश महकता रहता है।
   शायद इसी कारण पर्यटक एक विशेष ऊर्जा का एहसास करते हैं। बादलों की आवाजाही खास तौर से पर्यटकों को रोमांचित करती है। सर्दियों के मौसम में परवाणू हिल स्टेशन पर बर्फबारी का भरपूर आनन्द लिया जा सकता है।

   परवाणू हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट चण्डीगढ़ एयरपोर्ट है। चण्डीगढ़ एयरपोर्ट से परवाणू हिल स्टेशन की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कालका जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी परवाणू हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.840900,76.956700

Thursday, 28 March 2019

हमीरपुर हिल स्टेशन: धरती का ताज

   हमीरपुर हिल स्टेशन को धरती का ताज कहा जाना चाहिए। जी हां, हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत है।

   भारत के हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर का यह शानदार हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों के बीच खास लोकप्रिय है।
  सुन्दर कांगड़ा घाटी की गोद में रचा-बसा हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य का खजाना हैै। इसे पर्यटन का गेटवे भी कहा जाता है। 

  हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही धार्मिक एवं पौराणिक महत्व भी रखता है। समुद्र तल से करीब 400 मीटर से लेकर 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य का हर आयाम रखता है। हमीरपुर हिल स्टेशन के चौतरफा पर्वतीय श्रंखला विद्यमान है।

  लिहाजा यह इलाका ट्रैकिंग के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। साहसिक खेलों या गतिविधियों के लिए हमीरपुर हिल स्टेशन बेहतरीन स्थान है।
  हमीरपुर हिल स्टेशन पर पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग, पैराग्लाइडिंग, हैंड ग्लाइडिंग, एंगलिंग एवं रिवर रॉफ्टिंग का शौक पूरा कर सकते हैं। 

  हमीरपुर हिल स्टेशन एवं शहर हमीरपुर की सांस्कृतिक एवं धार्मिक समृद्धता भी अति दर्शनीय है।
  हमीरपुर में धार्मिक स्थानों एवं मंदिरों की एक शानदार एवं लम्बी श्रंखला है। भगवान शिव के अवतार बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है।

   हमीरपुर का देवाशीष मंदिर भी विशेष महत्व रखता है। शांत एवं शीतल हमीरपुर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक विशेष ऊर्जा प्रदान करता है। चौतरफा पाइन एवंं अन्य वनस्पतियों के सुन्दर एवं शानदार वृक्ष पर्यटकोंं को मुग्ध कर लेेते हैं।

  हिमाचल प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में हमीरपुर हिल स्टेशन कहीं अधिक शीतल रहता है। हमीरपुर वस्तुत: एक खूबसूरत ऐतिहासिक स्थान है। 
  हमीरपुर का नामकरण काटोज राजा हमीर चन्द्र के नाम पर है। खास यह कि हमीरपुर पर्यटकों को सर्दियों एवं गर्मियों में समान रूप से आकर्षित करता है।

  चौतरफा घाटियों-वादियों एवं पर्वत शिखरों से आच्छादित यह हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों को विशेष तौर से आकर्षित करता है। मखमली घास के शानदार सुन्दर मैदान पर्यटकों को पुलकित कर देते हैं। 

  बादलों की अठखेलियां पर्यटकों को रोेमांचित कर देती हैं। यहां बर्फबारी का आनन्द ही कुछ आैर होता है। सर्दियों के मौसम में चौरतफा बर्फ की चादर दिखती है। यह दृश्य बेहद सुन्दर एवं आकर्षक होता है। 

  हमीरपुर हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमेंं खास तौर सेे गोविन्द सागर झील, आमेेर महल, ज्वाला जी मंदिर, देव सिद्ध मंदिर,  सुजानपुुर टीहरा, नादौन डोटिसिद्ध मंदिर, कमलाह किला आदि इत्यादि बहुत कुछ है। 

   सुजानपुर टिहरा: सुजानपुर टिहरा वस्तुत: कभी काटोज राजवंश की राजधानी रहा करता था। यह स्थान भव्य-दिव्य किला, शानदार एवं सुन्दर मंदिरों तथा हिन्दू उत्सव आदि के लिए जाना पहचाना जाता था।
  सुजानपुर टिहरा से चौतरफा शानदार प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द पर्यटक ले सकते हैं। साहसिक खेलों का भी पर्यटक आनन्द ले सकते हैं।

   हमीरपुर से करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित सुजानपुर टिहरा में एक विशाल मैदान है। यहां होली का पर्व खास तौर से चार दिन तक अनवरत चलता है। 
  खास यह कि यहां एक सैनिक स्कूल भी है। धार्मिक स्थानों में यहां खास तौर से नरबदेश्वर महादेव, गौरी शंकर एवं मुरली मनोहर मंदिर हैं। 
   नादौन: नादौन वस्तुत: काटोज राजवंश का एक प्राचीन शहर है। व्यास नदी के तट पर बसा नादौन अपनी प्राचीनता के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। 
  देव सिद्ध मंंदिर: देव सिद्ध मंदिर वस्तुत: बाबा  बालक नाथ का सिद्ध स्थान है। हमीरपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर वस्तुुत: गुफा मंदिर है। मंदिर मुख्यत: भगवान भोले नाथ को समर्पित है। नवरात्रि एवं महाशिवरात्रि पर भक्तों का विशाल सैलाब दर्शन के लिए उमड़ता है।
   हमीरपुर हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गग्गल एयरपोर्ट कांगड़ा है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऊना जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी हमीरपुर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.686399,76.521400

Sunday, 24 March 2019

गावी हिल स्टेशन: सुगंध की बादशाहत

  गावी हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, गावी हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद््भुत एवं विलक्षण है।

  वस्तुत: गावी हिल स्टेशन प्रकृति का शानदार एवं सुन्दर उपहार है। गावी वस्तुत: दक्षिण भारत के केरल के पठानमथिट्टा जिला का एक सुन्दर गांव है। प्रकृति की गोद में रचा-बसा गावी हिल स्टेशन चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की एक निराली छटा रखता है।
  घाटियों-वादियों एवं मखमली घास के हरे-भरे शानदार सुन्दर लॉन-मैदान से आच्छादित गावी हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करता है। वनस्पतियों की सुगंध पर्यटकों को एक खास ताजगी प्रदान करती है। 

  वनस्पतियों की सुगंध दिल-दिमाग को ताजगी प्रदान करती है तो वहीं गुणवत्ता युक्त आक्सीजन पर्यटकों को ऊर्जावान बना देती है।
   पर्यटकों को ऐसा एहसास होता है कि जैसे स्वर्ग लोक में स्वच्छंद विचरण कर रहे हों। पर्यावरण एवं प्रकृति प्रेमियों के लिए गावी हिल स्टेशन किसी स्वर्ग की भांति है।

   खास यह कि गावी हिल स्टेशन के चौतरफा चाय, कॉफी एवं मसालों के बागानों की एक अच्छी सुन्दर श्रंखला है।
   ट्रैकिंग के शौकीन पर्यटकों के लिए तो गावी हिल स्टेशन स्वर्ग है। झीलों-झरनों एवं नदियों से आच्छादित गावी हिल स्टेशन जलक्रीड़ा के शौकीन पर्यटकों के लिए बेहद पसंदीदा है।

  नदियों की शीतल एवं शांत जलधाराएं पर्यटकों को खास तौर सेे आनन्द की अनुभूति के लिए आमंत्रित करती हैं। फूलों की असंख्य प्रजातियां गावी हिल स्टेशन में पुष्पित एवं पल्लवित होती हैं।
  वनस्पतियों एवं सुगंधित फूलों से आच्छादित वन क्षेत्र में कैम्प करने का अपना एक अलग आनन्द होता है। 


  लिहाजा पर्यटक शांत एवं शीतल वन क्षेत्र में कैम्प कर इन्द्रधनुषी पर्यावरण का भरपूर आनन्द लेते हैं। गावी हिल स्टेशन की शुद्ध जलवायु से फेफडों को जैसे पंख लग जाते हैं। 
  जंगल सफारी, कोचुपा एवं गावी की झीलों में पर्यटक आनन्द के हर अंदाज की अनुभूति करते हैं। मसालों के विशाल बाग-बगीचे सुगंध की अप्रतिम अनुभूति कराते हैं। 

  गावी हिल स्टेशन वस्तुत: पेरियार टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। लिहाजा पर्यटक गावी हिल स्टेशन में वन्य जीवन के रोमांच का शानदार एहसास कर सकते हैं। 
  पर्यटक गावी हिल स्टेशन एवं उसके आसपास बाघ, हाथी, तेंदुए, भालू, भारतीय गौर, सांभर, भौंकने वाले हिरण, पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां, नीलगिरि लंगूर, नीलगिरि मार्टेन, मालाबार गिलहरी आदि इत्यादि असंख्य वन्य जीव स्वच्छंद विचरण करते हैं। खास यह कि पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां उपलब्ध रहती हैं। 

  पक्षियों के कलरव एवं कोलाहल से गावी हिल स्टेशन अनुगूंजित होता रहता है। परिवेश में चाय-कॉफी, मसालों, फूलों एवं वनस्पतियों की मिश्रित सुगंध पर्यटकों को एक विशेष ताजगी का एहसास कराती है।


  गावी के झरने पर्यटकों को रोमांच से भर देते हैं। झरनों में पर्यटक जलक्रीड़ा का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।
   विशेषज्ञों की मानें तो गावी हिल स्टेशन पर गोफर के पेड़ विशेष हैं। गोफर का पेड़ बेहद दुर्लभ माना जाता है। इसे निर्मपल्ली के तौर पर भी जाना पहचाना जाता है।

   विशेषज्ञों की मानें तो गोफर वुड बाइबिल का एक पवित्र शब्द है। यह रसीले पत्तों वाला वृक्ष होता है। गावी हिल स्टेशन का पेरियार नेशनल पार्क एक विशेष आकर्षण है। खास तौर से गावी हिल स्टेशन का लेडी जूता फ्लावर बेहद प्रसिद्ध है।

  आैषधीय एवं सुगंधित वनस्पतियों का गावी हिल स्टेशन विशेष भण्डारण क्षेत्र है। गावी का मशरूम देश-विदेश में विशेष प्रसिद्ध है। पर्यटक गावी हिल स्टेशन पर एक विशेष ताजगी का एहसास करते हैं।

  गावी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट तिरुवनंतपुरम, कोचीन एवं मदुरै हैं। 
  तिरुवनंतपुर एयरपोर्ट से गावी हिल स्टेशन की दूरी करीब 185 किलोमीटर है। इसी प्रकार कोचीन से करीब 190 किलोमीटर एवं मदुरै से करीब 186 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन चेंगन्नूर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी गावी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
9.265590,76.785301

Monday, 18 March 2019

एबट माउंट: प्राकृतिक सौन्दर्य का जादू

   एबट माउंट का प्राकृतिक सौन्दर्य दिलों पर छा जाये। एबट माउंट के प्राकृतिक जादू से शायद ही कोई बच सके। 

   जी हां, एबट माउंट कुछ ऐसा ही है, जिससे पर्यटक कभी भी भूल नहीं पाते। भारत के उत्तराखण्ड के जिला चम्पावत का यह सुन्दर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य की खास खूबियों से परिपूूरित है। लिहाजा एबट माउंट देश-दुनिया केे पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।

   समुद्र तल से करीब 6400 फुट ऊंचाई पर स्थित एबट माउंट हिल स्टेशन चम्पावत जिला के काली कुमाऊं क्षेत्र में स्थित सुन्दर हिल स्टेशन है।
  वस्तुत: एबट माउंट 13 शानदार काटेज का एक समूह स्थल है। जिसे एबट माउंट हिल्स के नाम से जाना पहचाना जाता है। 

   करीब 5 एकड़ क्षेत्र में फैला यह शानदार हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता का शानदार नगीना है। चौतरफा देवदार का सघन वन क्षेत्र एबट माउंट की सुन्दरता में चार चांद लगा देता है। मखमली घास के हरे-भरे मैदान-लॉन-ढ़लान पर्यटकों को बरबस आकर्षित करते हैं। 

   चौतरफा हिम शिखर अति दर्शनीय प्रतीत होते हैं। शीतल एवं शांत हवा के झोके मन एवं तन को एक सुखद अनुभूति कराते हैं। सर्दियों में एबट माउंट का परिदृश्य अति दर्शनीय होता है। 

   सर्दियों का मौसम यहां बेहद सुहावना प्रतीत होता है। सर्दियों में तापमान नीचे जाने से शीतलता कहीं अधिक बढ़ जाती है। 
  एबट माउंट पर बर्फबारी का आनन्द ही कुछ आैर होता है। चौतरफा हिम शिखर से लेकर आशियानों तक बर्फ की सुनहरी चादर एक अनोखा दृश्य पैदा करती है। 

   बर्फबारी का यह सुन्दर दृश्य अति दर्शनीय होता है। एबट माउंट का प्राचीन चर्च भी खास है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल लोहाघाट से करीब 8 किलोेमीटर दूर स्थित एबट माउंट कुमाऊं हिल्स का पश्चिमी इलाका है।
   विशेषज्ञों की मानें तो एबट माउंट की स्थापना 20 वीं शताब्दी में जॉन हेराल्ड एबॉट नामक एक अंग्रेज व्यवसायी ने की थी। 
  शायद इसीलिए इस स्थान का नाम एबट माउंट हिल्स रखा गया। इस स्थान को विधिवत ब्रिटिश शासनकाल में बसाया गया।

   हिमालय की गोद में रचा-बसा एबट माउंट अति दर्शनीय है। एबट माउंट से चौतरफा हिमालय के दर्शन कराता है। एबट माउंट देश दुनिया में अपनी खास खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। 
  वैश्विक पर्यटकों का पसंदीदा इलाका एबट माउंट फूलों की विभिन्न प्रजातियों की सुगंध से परिपूरित रहता है। जिससे पर्यटक खुद ब खुद आकर्षित होते हैं।

   विशेषज्ञों की मानें तो एबट माउंट के चौतरफा विश्व की सबसे ऊंची, चौड़ी एवं लम्बी पर्वत श्रंखला विद्यमान है।
   खास यह कि एबट माउंट के शीर्ष पर खुला विहंगम मैदान है। इसकी ढ़लान भी बेहद सुन्दर दिखती है। एबट माउंट वस्तुत: देवदार के सघन वन क्षेत्र के मध्य स्थित है।

   खास यह कि इस क्षेत्र में प्राचीनकाल की 16 से अधिक हवेलियां स्थित हैं। खास यह कि एबट माउंट इलाके में चन्द शासकों द्वारा निर्मित एक शानदार एवं भव्य स्मारक भी है। 

   एबट माउंट से पर्यटक त्रिशूल, मैक्ट्रोली, नंदकोट, नंदधौती एवं नंदादेवी जैसे पर्वत मालाओं के दर्शन कर सकते हैं। यह 600 किलोमीटर लम्बे हिमालय की चोटियों को दर्शाता है।
   विशेषज्ञों की मानें तो एबट माउंट को कुमाऊं का बौना हिल्स भी कहते हैं। खास यह कि छोटे हैमलेट में एक सुन्दर प्राचीन चर्च भी है। 

  इस चर्च में पर्यटक आध्यात्मिक आनन्द की अनुभूति करते हैं। पर्यटक पंचोटेश्वर में सैर सपाटा का भरपूर आनन्द लेते हैं।
   सरयू एवं महाकाली नदी के संगम पर पर्यटक जलक्रीड़ा का भी आनन्द लेते हैं। पर्यटक यहां मछली पकड़ने का भी शौक पूरा करते हैं।

   एबट माउंट की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर जंक्शन एवं काठगोदाम जंक्शन हैं।
   टनकपुर जंक्शन से एबट माउंट की दूरी करीब 80 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी एबट माउंट की यात्रा कर सकते हैं।
29.312316,80.074707

फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...