हमीरपुर हिल स्टेशन: धरती का ताज
हमीरपुर हिल स्टेशन को धरती का ताज कहा जाना चाहिए। जी हां, हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत है।
भारत के हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर का यह शानदार हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों के बीच खास लोकप्रिय है।
सुन्दर कांगड़ा घाटी की गोद में रचा-बसा हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य का खजाना हैै। इसे पर्यटन का गेटवे भी कहा जाता है।
हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही धार्मिक एवं पौराणिक महत्व भी रखता है। समुद्र तल से करीब 400 मीटर से लेकर 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हमीरपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य का हर आयाम रखता है। हमीरपुर हिल स्टेशन के चौतरफा पर्वतीय श्रंखला विद्यमान है।
लिहाजा यह इलाका ट्रैकिंग के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। साहसिक खेलों या गतिविधियों के लिए हमीरपुर हिल स्टेशन बेहतरीन स्थान है।
हमीरपुर हिल स्टेशन पर पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग, पैराग्लाइडिंग, हैंड ग्लाइडिंग, एंगलिंग एवं रिवर रॉफ्टिंग का शौक पूरा कर सकते हैं।
हमीरपुर हिल स्टेशन एवं शहर हमीरपुर की सांस्कृतिक एवं धार्मिक समृद्धता भी अति दर्शनीय है।
हमीरपुर में धार्मिक स्थानों एवं मंदिरों की एक शानदार एवं लम्बी श्रंखला है। भगवान शिव के अवतार बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है।
हमीरपुर का देवाशीष मंदिर भी विशेष महत्व रखता है। शांत एवं शीतल हमीरपुर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक विशेष ऊर्जा प्रदान करता है। चौतरफा पाइन एवंं अन्य वनस्पतियों के सुन्दर एवं शानदार वृक्ष पर्यटकोंं को मुग्ध कर लेेते हैं।
हिमाचल प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में हमीरपुर हिल स्टेशन कहीं अधिक शीतल रहता है। हमीरपुर वस्तुत: एक खूबसूरत ऐतिहासिक स्थान है।
हमीरपुर का नामकरण काटोज राजा हमीर चन्द्र के नाम पर है। खास यह कि हमीरपुर पर्यटकों को सर्दियों एवं गर्मियों में समान रूप से आकर्षित करता है।
चौतरफा घाटियों-वादियों एवं पर्वत शिखरों से आच्छादित यह हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों को विशेष तौर से आकर्षित करता है। मखमली घास के शानदार सुन्दर मैदान पर्यटकों को पुलकित कर देते हैं।
बादलों की अठखेलियां पर्यटकों को रोेमांचित कर देती हैं। यहां बर्फबारी का आनन्द ही कुछ आैर होता है। सर्दियों के मौसम में चौरतफा बर्फ की चादर दिखती है। यह दृश्य बेहद सुन्दर एवं आकर्षक होता है।
हमीरपुर हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमेंं खास तौर सेे गोविन्द सागर झील, आमेेर महल, ज्वाला जी मंदिर, देव सिद्ध मंदिर, सुजानपुुर टीहरा, नादौन डोटिसिद्ध मंदिर, कमलाह किला आदि इत्यादि बहुत कुछ है।
सुजानपुर टिहरा: सुजानपुर टिहरा वस्तुत: कभी काटोज राजवंश की राजधानी रहा करता था। यह स्थान भव्य-दिव्य किला, शानदार एवं सुन्दर मंदिरों तथा हिन्दू उत्सव आदि के लिए जाना पहचाना जाता था।
सुजानपुर टिहरा से चौतरफा शानदार प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द पर्यटक ले सकते हैं। साहसिक खेलों का भी पर्यटक आनन्द ले सकते हैं।
हमीरपुर से करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित सुजानपुर टिहरा में एक विशाल मैदान है। यहां होली का पर्व खास तौर से चार दिन तक अनवरत चलता है।
खास यह कि यहां एक सैनिक स्कूल भी है। धार्मिक स्थानों में यहां खास तौर से नरबदेश्वर महादेव, गौरी शंकर एवं मुरली मनोहर मंदिर हैं।
नादौन: नादौन वस्तुत: काटोज राजवंश का एक प्राचीन शहर है। व्यास नदी के तट पर बसा नादौन अपनी प्राचीनता के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है।
नादौन: नादौन वस्तुत: काटोज राजवंश का एक प्राचीन शहर है। व्यास नदी के तट पर बसा नादौन अपनी प्राचीनता के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है।
देव सिद्ध मंंदिर: देव सिद्ध मंदिर वस्तुत: बाबा बालक नाथ का सिद्ध स्थान है। हमीरपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर वस्तुुत: गुफा मंदिर है। मंदिर मुख्यत: भगवान भोले नाथ को समर्पित है। नवरात्रि एवं महाशिवरात्रि पर भक्तों का विशाल सैलाब दर्शन के लिए उमड़ता है।
हमीरपुर हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गग्गल एयरपोर्ट कांगड़ा है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऊना जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी हमीरपुर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.686399,76.521400
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