लाहौल हिल स्टेशन : हिमपात का आनन्द
लाहौल हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य को अद्भुत एवं विलक्षण कहा जाना चाहिए। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।
भारत के हिमाचल प्रदेश का यह हिल स्टेशन खास तौर से भारी हिमपात के लिए जाना पहचाना जाता है। वस्तुत; लाहौल हिल स्टेशन हिमाचल प्रदेश का एक शानदार जिला है। इस जिला को लाहौल एवं स्पीति के नाम से जाना पहचाना जाता है।
करीब 12210 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैला यह शानदार इलाका वैश्विक पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करता है। लाहौल हिल स्टेशन पर चौतरफा हिम शिखर नजर आते हैं। बर्फ से लदे हिम शिखर अति दर्शनीय एवंं सुन्दर प्रतीत होते हैं।
लाहौल हिल स्टेशन खास तौर से ऊंचे हिम शिखर श्रंखला के लिए वैश्विक स्तर पर जाना पहचाना जाता है। समुद्र तल से करीब 10050 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन खास तौर से स्वप्नलोक सा प्रतीत होता है। इस इलाके में खास रोहतांग दर्रा है।
रोहतांग दर्रा इलाका खास तौर से समुुद्र तल से करीब 3978 मीटर की ऊंचाई वाला इलाका है। खास यह कि लाहौल हिल स्टेशन की पूर्वी सीमा तिब्बत से मिलती है।
उत्तर दिशा में जम्मू-कश्मीर का लद्दाख है। खास यह कि लाहौल हिल स्टेशन पर चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की एक शानदार एवं नई इबारत दर्शनीय है।
बर्फबारी के शौकीन पर्यटकों के लिए लाहौल हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पर्यटक यहां हमेशा बर्फबारी का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।
खास तौर से सर्दियों में बर्फबारी का क्या कहना। चौतरफा बर्फ की सुनहरी एवं सफेद चादर दिखती है। झीले-नदियां लाहौल हिल स्टेशन का खास सौन्दर्य हैं।
मखमली घास के मैदान एवं ढलान पर्यटकों को खास तौर से लुभाते हैं। हिल स्टेशन का एक बड़ा इलाका आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित है।
लिहाजा परिवेश वनस्पतियों की सुगंध से लबरेज रहता है। खुली, शांत एवं शीतल हवाओं के झोके पर्यटकों को खास तौर से पुलकित करते हैं।
लाहौल हिल स्टेशन एवं आसपास दर्शनीय एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से कुंजम दर्रा, गोम्पा का स्तूप, किब्बर गांव, त्रिलोक नाथ मंदिर, टाबो मठ, हम्ता दर्रा, ग्यू मम्मी, धनकर झील एवं काई मठ आदि इत्यादि बहुत कुछ है। कुंजम दर्रा के निकट ही शानदार चन्द्र ताल है। इसका सौन्दर्य वाकई दर्शनीय है।
लाहौल एवं स्पीति वस्तुत: हिमाचल प्रदेश की दो शानदार घाटियां हैं। खास यह कि लाहौल एवं स्पीति घाटियों की प्रवृत्ति एकदम भिन्न है।
लाहौल घाटी का परिवेश मखमली हरा भरा है तो वहीं स्पीति घाटी का परिवेश शीतल पर्वत मालाओं एवं बंजर भूमि वाला है।
कुंजम दर्रा: कुंजम दर्रा समुद्र तल से करीब 4550 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। कुंजम दर्रा वस्तुत: लाहौल एवं स्पीति को अलग करता है। यह दर्रा ही एक दूसरे कोे आपस में जोड़ता है।
गोम्पा का स्तूप: गोम्पा का स्तूप अत्यधिक ऊंचाई पर होने के कारण अति शीतल रहता है। गर्मियों का मौसम यहां बेहद सुहाना होता है।
किब्बर गांव: किब्बर गांव को दुनिया की सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित गांव के तौर पर माना जाता है। फोटोग्राफर्स के लिए किब्बर किसी स्वर्ग से कम नहीं है। किब्बर गांव के निकट कई मठ आदि भी हैं।
वन्य जीव अभयारण्य: वन्य जीव अभयारण्य खास तौर से लाहौल हिल स्टेशन की शान है। हिम भेडिया एवं हिम तेंदुआ सहित असंख्य वन्य जीव यहां की शान एवं शोभा हैं।
वन्य जीव अभयारण्य: वन्य जीव अभयारण्य खास तौर से लाहौल हिल स्टेशन की शान है। हिम भेडिया एवं हिम तेंदुआ सहित असंख्य वन्य जीव यहां की शान एवं शोभा हैं।
त्रिलोकी नाथ मंदिर: त्रिलोकी नाथ मंदिर खूबसूरत चन्द्रबाग घाटी पर स्थित है। इसे पहले टुंडा विहार के नाम से जाना पहचाना जाता था। हिन्दुओं के साथ ही बौद्ध धर्म की भी आस्थाएं यहां से जुड़ी हैं। वस्तुत: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
हिन्दू धर्म के लोग यहां भगवान शिव को पूजते हैं तो वहीं बौद्ध धर्म के लोग अवलोकितेश्वर के रूप में पूजते हैं। खास यह कि कैलाश मानसरोवर के बाद त्रिलोकनाथ मंदिर सबसे अधिक पवित्र माना जाता है।
धनकर झील: धनकर झील वस्तुत: धनकर गांव से करीब 45 किलोमीटर एक शानदार एवं सुन्दर सरोवर है।
समुद्र तल से करीब 4136 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। हरे-भरे परिवेश वाली इस झील पर बहुत कुछ अद्भुत दर्शनीय है। खास यह कि गर्मियों के मौसम में इस झील का जल भाप बन कर उड़ जाता है।
लाहौल हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट भुंतर एयरपोर्ट कुल्लू है। निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर जंक्शन है।
पर्यटक शिमला एवं चण्डीगढ़ जंक्शन से भी यात्रा कर सकते हैं। पर्यटक सड़क मार्ग से भी लाहौल हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
32.431030,77.206890
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