Friday, 24 May 2019

भवाली हिल स्टेशन: प्रकृति का श्रृंगार

   भवाली हिल स्टेशन को प्रकृति का श्रृंगार कहा जाना चाहिए। जी हां, भवाली हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है।

   भारत के उत्तराखण्ड के जिला नैनीताल का यह सुन्दर एवं शानदार हिल स्टेशन पर्यटकों का खास आकर्षण है। समुद्र तल से करीब 1654 मीटर ऊंचाई पर स्थित भवाली हिल स्टेशन वस्तुत: प्रकृति का शानदार खजाना है।
  चौतरफा हसीन वादियों-घाटियों का आच्छादन है। वहीं, चौतरफा आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता इस इलाके को काफी कुछ खास बना देती है। 

  नैनीताल से कुछ दूर स्थित भवाली हिल स्टेशन उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्रों में जाना पहचाना जाता है। इस इलाके की खास पहचान झीलों एवं झरनों से है। इस इलाके की झीलों की ख्याति वैश्विक स्तर पर है। 

   खास यह कि भवाली हिल स्टेशन की हरी-भरी वादियां-घाटियां दिल आैर दिमाग को एक प्रफुल्लता प्रदान करती हैं। जिससे पर्यटक एक ताजगी का एहसास करते हैं।
   भवाली हिल स्टेशन वस्तुत: नैनीताल की सीमा पर स्थित एक शानदार प्रकृति दर्शन है। खास यह कि यहां के मुग्ध करने वाले परिवेश में पर्यटक खो जाते हैं। 

   वस्तुत: देखें तो यहां की शुद्ध जलवायु आैषधि का कार्य करती है। हालात यह हैं कि भवाली हिल स्टेशन विशिष्टताओं के कारण देश दुनिया में जाना पहचाना जाता है।
   ऊंची-ऊंची पर्वत श्रंखला भवाली हिल स्टेशन की शान हैं। सीढ़ीदार खेतों की श्रंखला एवं घुमावदार रास्ते पर्यटकों को मुग्ध करते हैं। 

  हसीन वादियों एवं मनमोहक वातावरण में पर्यटक सुध बुध खो बैठते हैं। भवाली हिल स्टेशन का टी.बी. सैनिटोरियम के लिए भी खास तौर से ख्याति रखता है। 
  यह इलाका चीड़ के आैषधीय पेड़ों से आच्छादित है। लिहाजा यहां की आैषधीय एवं शुद्ध जलवायु टी.बी. से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है। 

   इस आैषधीय संस्थान की स्थापना वर्ष 1912 में की गयी थी। भवाली हिल स्टेशन वस्तुत: स्वर्ग की शान एवं शोभा को दर्शाता है। भवाली की सर्पीले आकार-प्रकार की सड़कों का संजाल भी इसे खूबसूरत बना देता है। 
  चौतरफा आैषधीय वन क्षेत्र पर्यटकों को एक विशेष ताजगी प्रदान करते है। यहां बुरांश के पेड़ भारी मात्रा पाये जाते हैं। 

   लिहाजा इसकी सुगंध एवं आैषधीय तत्व पर्यटकों को विशेष ऊर्जावान बना देते हैं। बुरांश के फूलों का रस स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। 
   विशेषज्ञों की मानें तोे भवाली हिल स्टेशन की जलवायु स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभदायक है। भवाली हिल स्टेशन में दर्शनीय स्थलों की भी एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है।

   भवाली भले ही छोटा पर्यटन क्षेत्र हो लेकिन इसके महत्व को कमतर नहीं देखा जा सकता है। गोलू देवता मंदिर यहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है।
  इसकी प्राचीनता का भी एक विशेष इतिहास है। भवाली में ही घोड़ाखाल सैनिक स्कूल है। प्राचीन जाबर मंदिर भगवान शिव को समर्पित शिव मंदिर है। 

   लड़ियाकाटा की पहाडी की तलहटी पर स्थित इस मंदिर की विशिष्टतायें हैं। खास यह कि यहां लकड़ी का शिवलिंग प्रतिष्ठापित है। नैनीताल जिला का यह एकमात्र शिव मंदिर है। जिसमें विशिष्टताओं की एक श्रंखला विद्यमान है।

  मंदिर में 18 फुट लम्बा त्रिशूल स्थापित है। नैनीताल से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित भवाली हिल स्टेशन खास तौर से आडू, सेब पूलम अर्थात आलूबुखारा की खेती के लिए प्रसिद्ध है। भवाली हिल स्टेशन पर फल एवं फूलों की सुगंध पर्यटकों के दिल एवं दिमाग को प्रफुल्लित कर देती है।

  भवाली हिल स्टेशन आसपास के पर्यटन इलाकों से जुड़ा है। लिहाजा पर्यटक आसपास के पर्यटन का भी भरपूर आनन्द ले सकते हैं। पर्यटक भवाली हिल स्टेशन से काठगोदाम, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत-भीमताल, सातताल-रामगढ़, मुक्तेश्वर की यात्रा कर सकते हैं।


   भवाली हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। इसके अलावा पर्यटक पंतनगर एयरपोर्ट पंतनगर से भी यात्रा सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी भवाली हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
29.380180,79.463640

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