देहरादून हिल स्टेशन: प्राकृतिक सौन्दर्य
देहरादून हिल स्टेशन की दर्शनीयता का कहीं कोई जोड़ नहीं। दून घाटी का यह प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है।
भारत के उत्तराखण्ड प्रांत का यह शानदार शहर प्राकृतिक सम्पदाओं से अति समृद्ध है। खास यह कि देहरादून उत्तराखण्ड की राजधानी भी है।
लिहाजा देहरादून के प्राकृतिक सौन्दर्य का अंदाज ही निराला नजर आता है। हिमालय की सुन्दर एवं शानदार पृष्ठभूमि पर स्थित देहरादून हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों की पहली पसंद है।
समुद्र तल से करीब 1400 फुट की ऊंचाई पर स्थित देहरादून हिल स्टेशन एवं आसपास सुन्दर पर्यटन स्थलों की आकर्षक श्रंखला विद्यमान है।
देहरादून प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ-साथ वीरता एवं शौर्य के लिए भी जाना पहचाना जाता है। देहरादून का कलंगा स्मारक एवं गोरखा सिपाहियों की स्मृति में बना स्मारक खास है।
खास यह कि देहरादून हिल स्टेशन पर्वतीय एवं ढ़लान का मिला जुला इलाका है। खास तौर से साइकिलिंग की शौकीन पर्यटकों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। चारों ओर सीना ताने खड़े विशाल पर्वत श्रंखला एवं मखमली घास के विहंगम मैदान देहरादून हिल स्टेशन की शोभा एवं शान हैं।
देहरादून हिल स्टेशन खास तौर से स्वादिष्ट फलों एवं फूलों के लिए जाना पहचाना जाता है। स्वादिष्ट फलों के उत्पादन के लिए यहां की जलवायु विशेष मानी जाती है। देहरादून में खास तौर से लीची का उत्पादन होता है। फल उत्पादन इस घाटी का खास सौन्दर्य है।
विशेषज्ञों की मानें तो देहरादून को प्राचीनकाल में द्रोण नगर के नाम से जाना पहचाना जाता था। पाण्डव एवं कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य ने इसे तपोभूमि बनाया था। द्रोणाचार्य के नाम से इसे द्रोणनगर के नाम से जाना पहचाना गया। द्रोण पर्वत भी इसी क्षेत्र में है।
देहरादून हिल स्टेशन एवं आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से सहस्त्रधारा, राबर्स गुफा, मिंड्रोलिंग मठ, फन वैली, मालसी डियर पार्क, टपकेश्वर मंदिर, म्युजियम, तपोवन मंदिर, वन अनुसंधान संस्थान, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान आदि इत्यादि अति दर्शनीय हैं।
सहस्त्रधारा: सहस्त्रधारा दून घाटी का मुख्य आकर्षण है। देहरादून से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित सहस्त्रधारा एक शानदार झरना है। सहस्त्रधारा में गुफाएं, झरना, सीढ़ियां, खेती आदि इत्यादि बहुत कुछ शामिल हैं। खास तौर से यह इलाका गुफाओं व झरनों के लिए जाना पहचाना जाता है।
राबर्स गुफा: राबर्स गुफा वस्तुत: एक अति प्राचीन गुफा है। देहरादून से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित इस गुफा की प्राचीनता अति दर्शनीय है। यह करीब 600 मीटर लम्बी गुफा वस्तुत: नदी गुफा है। इसे गुच्चुपानी के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। राबर्स गुफा वस्तुत: दो भागों में विभक्त है। यह एक अनूठी प्राकृतिक संरचना है।
लच्छीवाला: लच्छीवाला एक शानदार एवं सुन्दर स्थल है। इसे एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है। लच्छीवाला देहरादून से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
मिंड्रोलिंग मठ: मिंड्रोलिंग मठ की स्थापना वर्ष 1676 में रिग्जिन तेरदक लिंगप्पा ने की थी। इसे बाद में 1965 में बौद्ध भिक्षुओं ने खोचेन रिनपोछे के नेतृत्व में देहरादून में स्थापित किया गया। मिंड्रोलिंग मठ सुन्दर एवं शानदार पर्यटन स्थल है। यह वास्तुशास्त्र की अच्छी संरचना है।
फन वैली: फन वैली एक आदर्श पिकनिक स्पॉट है। खास तौर से यहां विशाल आंतरिक परिसर, बहु व्यंजन रेस्ट्रां, कियोस्क, रोमांचकारी सवारी, वाटर पार्क आदि इत्यादि बहुत कुछ है।
हर की दून घाटी: हर की दून घाटी शहर से दूर एक खूबसूरत पर्यटन क्षेत्र है। वस्तुत: पालने के आकार की घाटी है। इसका सौन्दर्य देखते ही बनता है। समुद्र तल से करीब 3566 मीटर ऊंचाई पर स्थित हर की दून घाटी प्रकृति का शानदार उपहार है। इसे देवताओं की घाटी भी कहा जाता है।
हर की दून घाटी: हर की दून घाटी शहर से दूर एक खूबसूरत पर्यटन क्षेत्र है। वस्तुत: पालने के आकार की घाटी है। इसका सौन्दर्य देखते ही बनता है। समुद्र तल से करीब 3566 मीटर ऊंचाई पर स्थित हर की दून घाटी प्रकृति का शानदार उपहार है। इसे देवताओं की घाटी भी कहा जाता है।
मालसी डियर पार्क: मालसी डियर पार्क वस्तुत: शिवालिक पर्वत श्रंखला का एक शानदार प्राणी उद्यान है। इस प्राणी उद्यान में हिरन, मोर, बाघ, नीलगाय सहित अन्य जीव जन्तुओं की आश्रय स्थली है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह किसी स्वर्ग कम नहीं है।
वनस्पतियों एवंं जीवों से समृद्ध यह पार्क देहरादून हिल स्टेशन की शान है। हिमालय की सुन्दरता का यह शानदार नगीना पशु प्रेमियों को बेहद आकर्षित करता है।
टपकेश्वर मंदिर: टपकेश्वर मंदिर देहरादून से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित है। वस्तुत: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर नदी के किनारे स्थित है। खास यह कि मंदिर के शिवलिंग पर छत से अनवरत पानी टपकता रहता है। इस लिए इसे टपकेश्वर महादेव के नाम से जाना पहचाना जाता है।
तपोवन मंदिर: तपोवन मंदिर एक पवित्र स्थान है। देहरादून से करीब 5 किलोमीटर स्थित तपोवन मंदिर वस्तुत: प्रकृति की गोद में रचा बसा एक धार्मिक स्थान है।
वन अनुसंधान संस्थान: वन अनुसंधान संस्थान वर्ष 1906 में स्थापित किया गया था। करीब 415 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह संस्थान काफी विशिष्ट है। खास तौर से यहां वास्तुकला एवं ग्रीको-रोमन शैली का समावेश देखने को मिलता है। संस्थान की प्राकृतिक सुन्दरता से बॉलीवुड भी आकर्षित होता है।
टपकेश्वर मंदिर: टपकेश्वर मंदिर देहरादून से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित है। वस्तुत: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर नदी के किनारे स्थित है। खास यह कि मंदिर के शिवलिंग पर छत से अनवरत पानी टपकता रहता है। इस लिए इसे टपकेश्वर महादेव के नाम से जाना पहचाना जाता है।
तपोवन मंदिर: तपोवन मंदिर एक पवित्र स्थान है। देहरादून से करीब 5 किलोमीटर स्थित तपोवन मंदिर वस्तुत: प्रकृति की गोद में रचा बसा एक धार्मिक स्थान है।
वन अनुसंधान संस्थान: वन अनुसंधान संस्थान वर्ष 1906 में स्थापित किया गया था। करीब 415 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह संस्थान काफी विशिष्ट है। खास तौर से यहां वास्तुकला एवं ग्रीको-रोमन शैली का समावेश देखने को मिलता है। संस्थान की प्राकृतिक सुन्दरता से बॉलीवुड भी आकर्षित होता है।
देहरादून हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। एयरपोर्ट देहरादून से करीब 25 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी देहरादून हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.316299,78.032982
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