पुह हिल स्टेशन: अद्भुत सौन्दर्य
पुह हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य को अद्भुत एवं विलक्षण कहा जाना चाहिए। खास यह कि इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जा सकता है।
कारण पुह हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य दिलों की गहराईयोें तक उतर जाता है। पर्यटकों को ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे किसी अन्य लोक में विचरण कर रहे हों। भारत के हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला का यह शानदार एवं सुन्दर हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का खास आकर्षण है।
वस्तुत: पुह हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा गांव है। इस छोटे से गांव ने हिल स्टेशन का स्वरूप ग्रहण कर लिया। पर्यटक पुह में विलेज टूरिज्म का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। तिब्बत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित पुह हिल स्टेशन धर्म एवं आध्यात्म के लिए भी खास तौर से जाना पहचाना जाता है।
भारतीय पुराण, कथा, साहित्य एवं संस्कृति की जड़ें पुह में काफी गहरी हैं। समुद्र तल से करीब 9000 फुट की ऊंचाई पर स्थित पुह हिल स्टेशन की खास पहचान एक अनोखी तिब्बत संस्कृति है। इसे भोेती संस्कृति के तौर पर जाना पहचाना जाता है। पुह वस्तुत: ऊंचे पर्वत मालाओं एवं घाटियों-वादियों का मिला-जुला इलाका है।
खास यह कि नदियों, झीलों एवं झरनों का अद्भुत सौन्दर्य अति दर्शनीय है। समुद्र से करीब 2950 मीटर की शीर्ष ऊंचाई पर बहती सतलज नदी पुह में दाखिल होती है। पर्वत मालाओं से घिरा यह इलाका काफी कुछ अलग दिखता है।
आैषधीय वनस्पतियों के कुछ खास इलाके प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा दिखाते हैं। सेब के बागान पुह के प्राकृतिक सौन्दर्य में चार चांद लगा देते हैं।
खास यह कि पुह के सेब का स्वाद भी निराला होता है। लिहाजा देश दुनिया में पुह का सेब खास तौर से पसंद किया जाता है। सेब की बागवानी ही पुह की मुख्य खेती किसानी है। सर्दियों के मौसम में पुह हिल स्टेशन का सौन्दर्य आैर भी अधिक निखर आता है।
चौतरफा बर्फ की चादर एक अनोखा सौन्दर्य दर्शित करती है। बादलों की आवाजाही पर्यटकों को रोमांचित करती है। बादल कभी पर्यटकों की गोद में होते हैं तो कभी पर्यटक बादलों की गोद में होते हैं। पर्यटकों के लिए यह पल बेहद रोमांचक होते हैं। पर्यटक पुह के परिवेश में एक विशिष्ट ताजगी का एहसास करते हैं। मानों फेफड़ों को पंख लग जाते हों।
पुह का आशय एक बाल कतरा से होता है। इसे ऋषि डोंगरी या ऋषि डोंगरी घाटी अथवा ऋषि डोंगरी गांव भी कहा जाता है। पुह हिल स्टेशन वस्तुत: अति बर्फीला क्षेत्र है। लिहाजा सर्दियों में चौतरफा बर्फ का आच्छादन दिखता है।
पुह हिल स्टेशन के आसपास का इलाका भी अति दर्शनीय एवं सुन्दर है। इन इलाको में आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता पर्यटकों को खास तौर से प्राण वायु प्रदान करती है।
लिहाजा स्वास्थ्य की दृष्टि पुह सहित आसपास का इलाका बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। स्पील्लो एवं रामपुर गांव पुह के आसपास केे खास गांव हैं।
रामपुर वस्तुत: पुह से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित है। रामपुर में एक अलग ही आवासीय संस्कृति दर्शित है। रामपुर गांव में सामान्यत: घर दो मंजिला होते हैं। इन घरों का निर्माण या संरचना मौसम को ध्यान में रख कर की जाती है। घरों की पहली मंजिल को पशुओं के लिए उपयोग में लाया जाता है।
इसे कार्यशाला के तौर पर भी इस्तेेमाल किया जाता है। घरों की उपरी मंजिल में रिहायश को अत्यंत कम क्षेत्र दिया जाता है। बालकनी का दायरा काफी अधिक होता है। इन घरों की संरचना हवादार एवं सूरज की रोशनी के निकट होने के आधार पर होती है। घरों की संरचना ऐतिहासिक कलाकृतियों जैसी होती है।
खास तौर से घर की संरचना में पत्थर एवं लकड़ी का उपयोग किया जाता है। पुह हिल स्टेशन पर बौद्ध मठ भी हैं। जिससे पुह का परिवेश धार्मिक रहता है।
पुह हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जुबरहट्टी शिमला है। निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला जंक्शन एवं देहरादून जंक्शन हैं। पर्यटक सड़क मार्ग से भी पुह हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.596030,78.355640
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