Monday, 30 September 2019

द्रास हिल स्टेशन : रोमांचक मखमली एहसास

   द्रास हिल स्टेशन को दुनिया का एक आैर साइबेरिया कहा जाना चाहिए। साइबेरिया की ही तरह द्रास हिल स्टेशन भी अति ठंडा रहता है। यह शीतलता पर्यटकों को एक विशेष रोमांच से भर देती है।

  भारत के जम्मू-कश्मीर के कारगिल का यह विलक्षण एवं अद्भुत हिल स्टेशन वस्तुत हिमालय की एक शानदार घाटी है। इसे लद्दाख का गेटवे भी कहते हैं। कारगिल जिला का कस्बा द्रास प्रकृति की गोद में रचा-बसा एक अति दर्शनीय एवं सुन्दर स्थान है। 

   समुद्र तल से करीब 3230 मीटर ऊंचाई पर स्थित द्रास हिल स्टेशन कारगिल से करीब 60 किलोमीटर दूर है। साइबेरिया के बाद द्रास हिल स्टेशन को दुनिया का सबसे ठंडा स्थान माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो द्रास हिल स्टेशन का तापमान शून्य से करीब 45 डिग्री तक नीचे चला जाता है। 

   सर्दियों में चौतरफा बर्फ का आच्छादन दिखता है। द्रास हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण तीन प्रसिद्ध टॉप हिल्स हैं। यह प्रसिद्ध टॉप हिल्स पिनाकल टाइगर हिल्स, पिम्पल्स हिल्स एवं टोलोलिंग हिल्स के नाम से जाने पहचाने जाते हैं।

  खास यह कि द्रास हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक स्थानों की एक शानदार श्रंृखला विद्यमान है। जीवन में रोमांच का एहसास करना है तो द्रास हिल स्टेशन की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। 

   श्रीनगर से करीब 140 किलोमीटर दूर एवं सोनमर्ग से करीब 63 किलोमीटर दूर द्रास हिल स्टेशन एक अति दिलचस्प एवं खूबसूरत घाटी है। प्रकृति के इस सौन्दर्य को निहारने के लिए वैश्विक पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। हालात यह हैं कि द्रास हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। 

  द्रास हिल स्टेशन पर वीरता एवं शौर्यगाथाएं पर्यटकों को रोमांच से भर देती हैं। द्रास हिल स्टेशन का सर्वश्रेष्ठ एवं मुख्य आकर्षण कारगिल वार मेमोरियल है। 

  यह कारगिल वार मेमोरियल पर्यटकों को जोश एवं रोमांच से भर देता है। हालांकि इस अति विशिष्ट इलाके में आकर्षण की एक लम्बी श्रंृखला है लेकिन फिर भी कारगिल वार मेमोरियल श्रेष्ठतम है। 
  कारगिल वार मेमोरियल: कारगिल वार मेमोरियल द्रास हिल स्टेशन भव्य स्मारक है। हालांकि इसे द्रास वार मेमोरियल के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। इस पर्वतीय चोटी को कारगिल युद्ध के लिए जाना जाता है। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने विजय हासिल की थी। 

   इस युद्ध में शहीद सैनिकों की स्मृति में इस शानदार स्मारक का निर्माण किया गया था। यह स्मारक तोलोलिंग हिल्स की तलहटी में स्थित है। इस स्मारक का निर्माण भारतीय सेना ने किया था। 
   स्मारक में शहीद सैनिकों के नाम का उल्लेख है। पर्यटक स्मारक को देख कर जोश एवं वीरता से रोमांचित हो उठते हैं। पहाड़ियों के बीच बना यह स्मारक अति दर्शनीय है। स्मारक के मध्य लहराता तिरंगा की अपनी एक अलग शान है। 
   जोजिला दर्रा: जोजिला दर्रा एक पहाड़ी रास्ता है। श्रीनगर एवं लेह के मध्य हिमालय का यह शानदार प्रवेश द्वार पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। द्रास हिल स्टेशन के निकट स्थित जोजिला दर्रा इस इलाके का एक मुख्य आकर्षण है। 
   इसे साहसिक पर्यटन के तौर पर भी देखा जाता है। वस्तुत: जोजिला दर्रा लद्दाख एवं कश्मीर घाटी को जोड़ने का कार्य करता है। पर्यटकों के लिए जोजिला दर्रा की यात्रा बेहद रोमांचक होती है।

   सुरु घाटी: सुरु घाटी वस्तुत: एक अति दर्शनीय एवं सुरम्य क्षेत्र है। यह इलाका रोमांचक गतिविधियों के लिए जाना पहचाना जाता है। पर्यटक सुरु घाटी से द्रास हिल स्टेशन के बीच ट्रैकिंग कर रोमांचक अनुभव ले सकते हैं। प्रकृति की सुन्दरता पर्यटकों को रोमांच से भर देती है। बर्फीले पहाड़ों को देखना बेहद रोमांचक एहसास होता है। 
   बेताब घाटी: बेताब घाटी द्रास हिल स्टेशन के बेहद खूबसूरत स्थानों में से एक है। पहलगाम से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित बेताब घाटी की प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है।
   अभिनेता सनी देयोल एवं अमृता सिंह अभिनीत फिल्म बेताब की शूटिंग इसी इलाके में हुई थी। लिहाजा प्रकृति के इस सुन्दर उपहार को अब बेताब घाटी के नाम से जाना पहचाना जाता है। खूबसूरत घास के मैदान एवं पहाड़ियों से घिरी बेताब घाटी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पर्यटक बेताब घाटी पर आत्मिक एवं मानसिक शांति का एहसास करते हैं।
    द्रास हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट श्रीनगर एयरपोर्ट है। श्रीनगर एयरपोर्ट से द्रास हिल स्टेशन की दूरी करीब 134 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन बनिहाल जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी द्रास हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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Friday, 27 September 2019

मेलुरी हिल स्टेशन : बादलों का आशियाना

   मेलुरी हिल स्टेशन को बादलों का शानदार आशियाना कहना चाहिए। कारण मेलुरी हिल स्टेशन पर हमेशा चौतरफा बादलों का घेरा-डेरा बना रहता है। 

   प्रकृति की गोद में रचा-बसा मेलुरी हिल स्टेशन अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए वैश्विक ख्याति रखता है। भारत के नागालैण्ड के फेक जिला का यह शानदार एवं सुन्दर हिल स्टेशन वस्तुत: एक छोटा सा गांव है। लिहाजा इसे टूरिज्म विलेज भी कह सकते हैं।

   पर्यटक आग्रह के आधार पर विलेज टूरिज्म का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। यात्रा प्रवास के लिए पर्यटक गांव में ठहर सकते हैं। बादलों की घुमक्कड़ी मेलुरी हिल स्टेशन का एक खास अंदाज है। बादलों की यह घुमक्कड़ी पर्यटकों का तन एवं मन दोनों ही भिगो देती है। 

   लिहाजा पर्यटक मेलुरी हिल स्टेशन पर बादलों का घुमक्कड़पन कभी भूल नहीं पाते। मेलुरी हिल स्टेशन को फेक जिला का एक छोटा सा माउण्ट सिटी भी कह सकते हैं। मेलुरी हिल स्टेशन वस्तुत: एक समृद्ध कबिलाई क्षेत्र है। यह इलाका पोचरी कबिले का इलाका कहलाता है। पोचरी कबिला अपनी समृद्ध शिकार विशेषज्ञताओं के लिए जाना पहचाना जाता है। 

   हरी-भरी मखमली घास के लॉन एवं मैदान मेलुरी हिल स्टेशन की प्राकृतिक सुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। घाटियों-वादियों एवं शानदार पर्वत श्रृंखलाओं से आच्छादित मेलुरी हिल स्टेशन का इलाका अपनी विशिष्टताओं से पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। 

   कोहिमा से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित मेलुरी हिल स्टेशन ओक के सघन वन से सुसज्जित आदर्श हिल स्टेशन के तौर पर पूर्वोत्तर में देखा जाता है। रॉकी पर्वत के नीचे का यह इलाका एक राजसी वैभव का एहसास कराता है। ऊंची-ऊंची आकर्षक पहाड़ियों का प्राकृतिक सौन्दर्य देखते ही बनता है। 

   पर्यटक मेलुरी हिल स्टेशन की यात्रा के दौरान जानीबु पर्वत चोटी के सैर सपाटा का भी आनन्द ले सकते हैं। इतना ही नहीं, मेलुरी हिल स्टेशन वस्तुत: अपनी दो शानदार झीलों के लिए जाना पहचाना जाता है। 

   इन दो झीलों को दजुडू झील एवं शिलोई झील के रूप में पहचाना जाता है। यह झीलें ही इस शानदार हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। इन झीलों की मान्यताएं हैं। मान्यता है कि इन अद्भुत एवं विलक्षण झीलों में अदृश्य शक्तियां हैं। इन झीलों को इलाके की प्राण वायु भी माना जाता है।  
   दजुडू झील: दजुडू झील को स्थानीयता में अति पवित्र दर्जा हासिल है। मान्यता है कि इस शानदार एवं दिव्य-भव्य झील में पवित्र आत्माओं का प्रवास है। लिहाजा इसको मान सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

   इस शानदार झील की निर्मलता-स्वच्छता देखते ही बनती है। जानीबु पर्वत की गोद में स्थित यह झील नागालैण्ड में विशिष्ट मानी जाती है। चौतरफा पर्वत श्रंृखलाओं से घिरी यह झील बेहद मनोरम प्रतीत होती है। पर्यटक इस झील में नौका विहार का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। 
   शिलोई झील: शिलोई झील को इस शानदार हिल स्टेशन मेलुरी की आत्मा कहें तो शायद बेहतर होगा। शिलोई झील को स्थानीयता में लटमस भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे शीलो कहा जाता है। 

  लिहाजा स्थानीयता में इसे शिलोई झील कहा जाने लगा। शिलोई झील वस्तुत: मेलुरी हिल स्टेशन की पर्वत श्रंृखलाओं के साथ चलने वाली एक सुन्दर जल यात्रा है। निचली ढ़लानों का यह सौन्दर्य विलक्षण एवं अद्भुत है।

   मेलुरी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट दीमापुर एयरपोर्ट है। दीमापुर एयरपोर्ट से मेलुरी हिल स्टेशन की दूरी करीब 184 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन दीमापुर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी मेलुरी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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Wednesday, 25 September 2019

डकसुम हिल स्टेशन : आदर्श गांंव का आनन्द

   डकसुम हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अतुलनीय कहा जाना चाहिए। डकसुम वस्तुत: एक छोटा पर्वतीय गांंव है लेकिन यह छोटा सा गांव भी धरती पर स्वर्ग से कम नहीं है। 

  चौतरफा ऊंचे-ऊंचे पर्वतीय शिखर एवं आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित सघन वन क्षेत्र डकसुम हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। भारत के जम्मू-कश्मीर के कोकरनाग जिला का यह शानदार हिल स्टेशन अद्भुत एवं विलक्षण है। इसे दर्शनीय पिकनिक स्थल कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।

  अनन्तनाग-किश्तवाड़ राजमार्ग पर स्थित डकसुम हिल स्टेशन वस्तुत: घने जंगलों का एक विस्मयकारी परिदृश्य है। शांत एवं सुरम्य परिवेश डकसुम हिल स्टेशन की विशेषता है। वन क्षेत्र की हलचल एवं झीलों-झरनों व नदियों का जल प्रवाह एक सुमधुुर संगीत की स्वरलहरियां पैदा करता है। 

  यह संगीत स्वर लहरियां ऐसा प्रतीत कराती हैं कि जैसे बांसुरी बज रही हो। यह सुमधुर संगीत पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। डकसुम हिल स्टेशन शंकुधारी वृक्षों का सघन क्षेत्र है। लिहाजा पर्यटकों को एक अलग ही आनन्द की अनुभूति होती है। समुद्र तल से करीब 2438 मीटर ऊंचाई पर स्थित डकसुम हिल स्टेशन बेहद सुन्दर है।

   पर्वतारोहण के शौकीन पर्यटकों के लिए डकसुम हिल स्टेशन किसी स्वर्ग की भांति है। खास यह कि डकसुम हिल स्टेशन का परिदृश्य काफी कुछ अनोखा है। सर्दियों में डकसुम हिल स्टेशन का परिदृश्य अत्यधिक लुभावना एवं विलक्षण होता है।

  कारण चौतरफा बर्फ की सुनहरी चादर का अपना एक अलग ही जादू होता है। सर्दियों में डकसुम हिल स्टेशन पर भारी बर्फबारी होती है। चीड़ के शानदार एवं शोभनीय वृक्ष, घास के हरे-भरे मखमली लॉन-मैदान, साफ-सुथरी बर्ग की झाड़ियां, ताजगी का सुखद एहसास कराने वाला परिवेश पर्यटकों को एक उत्साह एवं ऊर्जा से भर देता है।

  सिंटन टॉप डकसुम हिल स्टेशन का एक खास आकर्षण है। पर्यटक सिंटन टॉप पर रेस्ट्रां आदि इत्यादि में स्वादिष्ट एवं लजीज चटखारेदार व्यंजनोें का आनन्द ले सकते हैं। डकसुम हिल स्टेशन वस्तुत: झीलों-झरनों एवं घाटियों-वादियों के लिए खास प्रसिद्ध है।

  डकसुम हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय सितम्बर से अप्रैल की अवधि है। इस दौरान डकसुम हिल स्टेशन का विलक्षण दृश्य पर्यटकों को सम्मोहित कर लेता है।
   ब्रोंगी नदी, देसु गांव, सिंटन दर्रा एवं राजपरियन वन्य जीव अभयारण्य आदि इत्यादि डकसुम हिल स्टेशन के शानदार एवं मुख्य आकर्षण है। 
  ब्रोंगी नदी: ब्रोंगी नदी का प्रवाह अति दर्शनीय है। इसका शीतल जल पर्यटकों को सुखद एहसास कराता है। शहरीकरण से अछूता ब्रोंगी नदी का इलाका बेहद रोमांचक है। इसका प्रवाह एवं जल सौन्दर्य अति दर्शनीय है। इसे एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी कह सकते हैं। 
  सिंटन दर्रा: सिंटन दर्रा वस्तुत: कश्मीर एवं किश्तवाड़ को जोड़ने वाला इलाका है। समुद्र तल से करीब 12000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सिंटन दर्रा का शिखर सिंटन टॉप के नाम से जाना पहचाना जाता है। सिंटन टॉप से डकसुम हिल स्टेशन अनमोल दृश्य दिखता है। 
  देसु गांव: देसु गांव डकसुम हिल स्टेशन का एक शानदार आकर्षण है। ब्रोंगी नदी के किनारे रचे-बसे इस शानदार गांव का परिदृश्य देख कर आदर्श गांव भी कह सकते हैं। 
  खास यह कि आग्रह कर पर्यटक इस गांव में एक अतिथि के तौर पर रह कर प्रकृति का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। सुबह एवं शाम को सैर सपाटा करने के शौकीन पर्यटक एक नया जीवन सा महसूस करते हैं। पुराने घर एवं फलों से लदे पेड़ इस गांव को आैर भी आकर्षक बना देते हैं।

   राजपरियन वन्य जीव अभयारण्य: राजपरियन वन्य जीव अभयारण्य हिमालयीय वन्य जीवों का आशियाना है। ब्रोंगी नदी से प्रारम्भ होकर एक बडे़ हिस्से को समाहित करने वाले इस अभयारण्य में विभिन्न प्रजातियों का वन्य जीवन दिखेगा।

   डकसुम हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट श्रीनगर एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी डकसुम हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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Monday, 23 September 2019

मणिपुर हिल स्टेशन: सुन्दरता का खजाना

   मणिपुर हिल स्टेशन को सुन्दरता का खजाना कहा जाना चाहिए। जी हां, मणिपुर हिल स्टेशन की हरी भरी वादियां-घाटियां, पर्वत मालाओं की श्रंृखला, आैषधीय वनस्पतियों की भीनी-भीनी सुगंध पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। 

   भारत के उत्तरी-पूर्वी इलाके का मणिपुर हिल स्टेशन वस्तुत: प्रकृति का एक सुन्दर आयाम है। खास यह कि मणिपुर का प्राकृतिक सौन्दर्य खुद ब खुद पर्यटकों को आकर्षित करता है। मणिपुर की शीतल जलवायु मन मस्तिष्क को एक खास उत्साह एवं उर्जा प्रदान करती है। 

  सर्दियों में मणिपुर हिल स्टेशन की यात्रा का आनन्द दोगुना हो जाता है। कारण तापमान कई बार सर्दियों में शून्य से भी नीचे चला जाता है। बारिश का भरपूर आनन्द लेेना हो तो पर्यटकों को मई से अक्टूबर की अवधि में मणिपुर हिल स्टेशन की यात्रा करनी चाहिए। 

   इस अवधि में मणिपुर हिल स्टेशन पर बारिश का मौसम होता है। खास यह कि मणिपुर वस्तुत: लोक नृत्य की विविधिता की ख्याति रखता है। मणिपुर नृत्य देख कर पर्यटक मुग्ध हो जाते हैं। मणिपुर हिल स्टेशन पर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पर्यटक प्रकृति की गोद में हों। 

   मणिपुर हिल स्टेशन पर बादलों का खिलंदडपन पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है। बादलों के साथ खेलना पर्यटकों को जीवन पर्यंत न भूलने वाला रोमांचक अनुभव देता है। बारिश के मौसम में पर्यटक भीगना नहीं भूलते। कारण मणिपुर हिल स्टेशन की बारिश का मजा ही कुछ आैर होता है। 

   इतना ही नहीं, मणिपुर हिल स्टेशन चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा रखता है। काइना हिल्स, लांंगथबल हिल्स, मैबम लोकपा हिल्स, खोरीपाबा हिल्स, कांगचुप हिल्स, पर्वत किशा हिल्स आदि इत्यादि मणिपुर हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं।  
   काइना हिल्स: काइना हिल्स मणिपुर की राजधानी इम्फाल से करीब 29 किलोमीटर दूर एक शानदार हिल्स एरिया है। काइना हिल्स का निराला प्राकृतिक सौन्दर्य एक सम्मोहन रखता है। इस प्राकृतिक सौन्दर्य से पर्यटक सम्मोहित हुये बिना नहीं रह सकते।

   समुद्र तल से करीब 921 मीटर ऊंचाई पर स्थित काइना हिल्स एक शानदार आध्यात्मिक केन्द्र एवं हिन्दुओं का तीर्थ भी है। यह पर्वतीय क्षेत्र हरे भरे पहाड़ों एवं शांत-शीतल परिवेश के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है।
   लांगथबल हिल्स: लांगथबल हिल्स मणिपुर हिल स्टेशन का एक आैर शानदार सौन्दर्य है। इण्डो-बर्मा रोड़ पर मणिपुर हिल स्टेशन से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित यह पहाड़ी स्टेशन अद्भुत एवं विलक्षण है। लांगथबल हिल्स वस्तुत: ऐतिहासिक महत्व के प्राचीन खण्डहरों के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। लांगथबल सुनियोजित मंदिरों, कटहल के पेड़ों, देवदार के वृक्षों एवं पारम्परिक घरों के लिए प्रसिद्ध है। 

   मैबम लोकपा हिल्स: मैबम लोकपा हिल्स वस्तुत: मणिपुर हिल स्टेशन का एक शानदार हिल्स एरिया है। स्थानीय स्तर पर इसे लाल पहाड़ी के तौर पर जाना पहचाना जाता है। मणिपुर की राजधानी इम्फाल से करीब 16 किलोमीटर दूर स्थित यह एक आदर्श एवं सुन्दर पिकनिक स्पॉट भी है। 
   खोरीपाबा हिल्स: खोरीपाबा हिल्स अपने खास प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जाना पहचाना जाता है। लाई हरोबा खोरीपाबा का विशेष त्योहार है। इस दौरान पर्यटकों का उत्साह देखते ही बनता है। 
   कांगचुप पहाड़ी: कांगचुप पहाड़ी मणिपुर हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। कांगचुप से इम्फाल घाटी का सुन्दर नजारा दिखता है। कांगचुप हिल्स नम्बोल नदी के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। 
  पर्वत किशा: पर्वत किशा एक खास एवं पवित्र स्थान है। यहां एक गुफा है। इस गुफा को अति पवित्र माना जाता है। गुफा के जल को विशेष माना जाता है। मान्यता है कि यह जल स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
   मणिपुर हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बीर टिकेन्द्रजीत इण्टरनेशनल एयरपोर्ट इम्फाल है। निकटतम रेलवे स्टेशन दीमापुर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी मणिपुर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकतेे हैं।
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Monday, 16 September 2019

गंगामूला हिल स्टेशन : सुगंध का खजाना

   गंगामूला हिल स्टेशन को आैषधीय वनस्पतियों का खजाना कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। इन आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध से गंगामूला हिल स्टेशन हमेशा महकता रहता है।

   जिससे मन एवं मस्तिष्क प्रफुल्लित हो उठता है। भारत के कर्नाटक राज्य के चिकमंगलुरु जिला का यह शांत एवं सुरम्य हिल स्टेशन दक्षिण भारत का स्वर्ग कहा जाता है। समुद्र तल से करीब 1458 मीटर ऊंचाई पर स्थित गंगामूला हिल स्टेशन फोटोग्राफी के लिए एक आदर्श हिल स्टेशन है।

  सघन वन क्षेत्र से आच्छादित यह हिल स्टेशन वस्तुत: कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है। धुंधली जलवायु वाला गंगामूला हिल स्टेशन अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए वैश्विक ख्याति रखता है। गंगामूला हिल स्टेशन इलाके की मुख्य नदियों का उद्गम स्थल भी है।

   गंगामूला से तुंगा नदी, भद्रा नदी एवं नेत्रवती नदी का उद्गम होता है। गंगामूला की यह नदियां इस शानदार एवं सुन्दर हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। खास यह कि गंगामूला हिल स्टेशन को दक्षिण भारत का आदर्श हिल स्टेशन माना जाता है। इस इलाके को वाराह पर्वत के रूप में भी जाना पहचाना जाता है। 

   पश्चिमी घाट के इस इलाके को खास तौर से वर्षा क्षेत्र भी माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो गंगामूला हिल स्टेशन खनिज सम्पदाओं का अति समृद्धशाली क्षेत्र है। वर्षा वन की प्रमुखता वाले इस क्षेत्र को खास धरोहर के तौर पर देखा जाता है। 

   प्राकृतिक सौन्दर्य एवं विशिष्टताओं के कारण गंगामूला हिल स्टेशन को यूनेस्को ने वैश्विक धरोहर घोषित किया है। इसे जैव विविधिता का एक विशेष क्लस्टर कहा जा सकता है।
  गंगामूला हिल स्टेशन वस्तुत: पश्चिमी घाटों की सुन्दर एवं लुभावनी पहाड़ियां हैं। इलाके की तीनों शक्तिशाली नदियां इन पहाड़ियों से प्रवाहित होती हैं। 

   गंगामूला हिल स्टेशन के सघन वन क्षेत्र में देवी भगवती को समर्पित एक दिव्य-भव्य मंदिर है। इस मंदिर की स्थापत्य कला अति सुन्दर है। पहाड़ियों में गुफा के आंतरिक क्षेत्र में वाराह की 1.8 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस पर्वत को वाराह पर्वत के नाम से जाना पहचाना जाता है। 

   यह सघन वन क्षेत्र जंगली जीवन से अति समृद्ध है। पशु-पक्षियों के लिए यह इलाका किसी स्वर्ग से कम नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो गंगामूला हिल स्टेशन के इस इलाके में पक्षियों की 110 से अधिक प्रजातियां संरक्षित एवं पल्लवित हैं।

   गंगामूला हिल स्टेशन पर्यटकों को यात्रा का एक सुखद एहसास कराता है। शुद्ध जलवायु पर्यटकों को भरपूर आक्सीजन देती है। पर्यटकों को एहसास होता है कि फेफड़ों को जैसे पंख लग गये हों। शुद्ध जलवायु पर्यटकों को एक खास उत्साह से भर देती है। 

   गंगामूला हिल स्टेशन पर झील एवं झरनों की लम्बी श्रंृखला इसे काफी कुछ खास बना देती है। झील एवं झरनों की शोभा गंगामूला हिल स्टेशन की सुन्दरता में चार चांद लगा देती है। 

   यह परिदृश्य पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। शांत, सुरम्य एवं शीतलता वाला गंगामूला हिल स्टेशन देेश विदेश के पर्यटकों को एक खास आकर्षण प्रदान करता है। 

   मखमली घास के मैदान, पर्वत की घाटियां-वादियां एवं लहराती-बलखाती सड़कों की श्रंखला गंगामूला हिल स्टेशन का आकर्षण आैर भी अधिक बढ़ा देती हैं। आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध पर्यटकों को एक उत्साह से भर देती है। जिससे पर्यटक एक विशेष ताजगी का एहसास करते हैं।

    गंगामूला हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मंगलुरु एयरपोर्ट है। मंगलुरु एयरपोर्ट से गंगामूला हिल स्टेशन की दूरी करीब 113 किलोमीटर है। 
  निकटतम रेलवे स्टेशन कादूर जंक्शन है। कादूर जंक्शन रेलवे स्टेशन से गंगामूला हिल स्टेशन की दूरी करीब 40 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी गंगामूला हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...