द्रास हिल स्टेशन : रोमांचक मखमली एहसास
द्रास हिल स्टेशन को दुनिया का एक आैर साइबेरिया कहा जाना चाहिए। साइबेरिया की ही तरह द्रास हिल स्टेशन भी अति ठंडा रहता है। यह शीतलता पर्यटकों को एक विशेष रोमांच से भर देती है।
भारत के जम्मू-कश्मीर के कारगिल का यह विलक्षण एवं अद्भुत हिल स्टेशन वस्तुत हिमालय की एक शानदार घाटी है। इसे लद्दाख का गेटवे भी कहते हैं। कारगिल जिला का कस्बा द्रास प्रकृति की गोद में रचा-बसा एक अति दर्शनीय एवं सुन्दर स्थान है।
समुद्र तल से करीब 3230 मीटर ऊंचाई पर स्थित द्रास हिल स्टेशन कारगिल से करीब 60 किलोमीटर दूर है। साइबेरिया के बाद द्रास हिल स्टेशन को दुनिया का सबसे ठंडा स्थान माना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो द्रास हिल स्टेशन का तापमान शून्य से करीब 45 डिग्री तक नीचे चला जाता है।
सर्दियों में चौतरफा बर्फ का आच्छादन दिखता है। द्रास हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण तीन प्रसिद्ध टॉप हिल्स हैं। यह प्रसिद्ध टॉप हिल्स पिनाकल टाइगर हिल्स, पिम्पल्स हिल्स एवं टोलोलिंग हिल्स के नाम से जाने पहचाने जाते हैं।
खास यह कि द्रास हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक स्थानों की एक शानदार श्रंृखला विद्यमान है। जीवन में रोमांच का एहसास करना है तो द्रास हिल स्टेशन की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
श्रीनगर से करीब 140 किलोमीटर दूर एवं सोनमर्ग से करीब 63 किलोमीटर दूर द्रास हिल स्टेशन एक अति दिलचस्प एवं खूबसूरत घाटी है। प्रकृति के इस सौन्दर्य को निहारने के लिए वैश्विक पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। हालात यह हैं कि द्रास हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
द्रास हिल स्टेशन पर वीरता एवं शौर्यगाथाएं पर्यटकों को रोमांच से भर देती हैं। द्रास हिल स्टेशन का सर्वश्रेष्ठ एवं मुख्य आकर्षण कारगिल वार मेमोरियल है।
यह कारगिल वार मेमोरियल पर्यटकों को जोश एवं रोमांच से भर देता है। हालांकि इस अति विशिष्ट इलाके में आकर्षण की एक लम्बी श्रंृखला है लेकिन फिर भी कारगिल वार मेमोरियल श्रेष्ठतम है।
कारगिल वार मेमोरियल: कारगिल वार मेमोरियल द्रास हिल स्टेशन भव्य स्मारक है। हालांकि इसे द्रास वार मेमोरियल के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। इस पर्वतीय चोटी को कारगिल युद्ध के लिए जाना जाता है। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने विजय हासिल की थी।
इस युद्ध में शहीद सैनिकों की स्मृति में इस शानदार स्मारक का निर्माण किया गया था। यह स्मारक तोलोलिंग हिल्स की तलहटी में स्थित है। इस स्मारक का निर्माण भारतीय सेना ने किया था।
स्मारक में शहीद सैनिकों के नाम का उल्लेख है। पर्यटक स्मारक को देख कर जोश एवं वीरता से रोमांचित हो उठते हैं। पहाड़ियों के बीच बना यह स्मारक अति दर्शनीय है। स्मारक के मध्य लहराता तिरंगा की अपनी एक अलग शान है।
जोजिला दर्रा: जोजिला दर्रा एक पहाड़ी रास्ता है। श्रीनगर एवं लेह के मध्य हिमालय का यह शानदार प्रवेश द्वार पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। द्रास हिल स्टेशन के निकट स्थित जोजिला दर्रा इस इलाके का एक मुख्य आकर्षण है।
इसे साहसिक पर्यटन के तौर पर भी देखा जाता है। वस्तुत: जोजिला दर्रा लद्दाख एवं कश्मीर घाटी को जोड़ने का कार्य करता है। पर्यटकों के लिए जोजिला दर्रा की यात्रा बेहद रोमांचक होती है।
सुरु घाटी: सुरु घाटी वस्तुत: एक अति दर्शनीय एवं सुरम्य क्षेत्र है। यह इलाका रोमांचक गतिविधियों के लिए जाना पहचाना जाता है। पर्यटक सुरु घाटी से द्रास हिल स्टेशन के बीच ट्रैकिंग कर रोमांचक अनुभव ले सकते हैं। प्रकृति की सुन्दरता पर्यटकों को रोमांच से भर देती है। बर्फीले पहाड़ों को देखना बेहद रोमांचक एहसास होता है।
बेताब घाटी: बेताब घाटी द्रास हिल स्टेशन के बेहद खूबसूरत स्थानों में से एक है। पहलगाम से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित बेताब घाटी की प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है।
अभिनेता सनी देयोल एवं अमृता सिंह अभिनीत फिल्म बेताब की शूटिंग इसी इलाके में हुई थी। लिहाजा प्रकृति के इस सुन्दर उपहार को अब बेताब घाटी के नाम से जाना पहचाना जाता है। खूबसूरत घास के मैदान एवं पहाड़ियों से घिरी बेताब घाटी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पर्यटक बेताब घाटी पर आत्मिक एवं मानसिक शांति का एहसास करते हैं।
द्रास हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट श्रीनगर एयरपोर्ट है। श्रीनगर एयरपोर्ट से द्रास हिल स्टेशन की दूरी करीब 134 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन बनिहाल जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी द्रास हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
34.560130,76.126140
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