Sunday, 15 September 2019

नंदी हिल्स : बादलों का रोमांच

   नंदी हिल्स का अनुपम सौन्दर्य निश्चय ही आपको मुग्ध कर लेगा। नंदी हिल्स पर प्राकृतिक सौन्दर्य का अद्भुत एवं विलक्षण दर्शन इसे काफी कुछ खास बना देता है। इसे बादलों का सुन्दर आशियाना भी कह सकते हैं। 

   नंदी हिल्स पर बादलों संग अठखेेलियां करना बेहद रोमांचक एहसास होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बादल पर्यटकों की गोद में हों या फिर पर्यटक बादलों की गोद में हों। पर्यटकों का यह एहसास बेहद प्रफुल्लित करने वाला होता है। भारत के कर्नाटक के जिला चिकबलपुर का यह शानदार हिल स्टेशन वस्तुत: पहाड़ियों, घाटियों-वादियों वाला इलाका है। 

   बादलों का खिलंदड़पन इस शानदार घाटी की विशेषता है। खास यह कि नंदी हिल्स पर पर्यटक बादलों पर मुग्ध हुये बिना नहीं रह सकते। मन होता है कि बादलों को अपनी गिरफ्त या आगोश में ले लें। समुद्र तल से करीब 4581 फुट की ऊंचाई पर स्थित नंदी हिल्स कर्नाटक का मुख्य पर्यटन स्थल है।

   नंदी हिल्स का शानदार प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। विशेषज्ञों की मानें तो नंदी हिल्स का आकार-प्रकार एक सोते हुये नंदी अर्थात बैल की भांति है। लिहाजा इसे नंदी हिल्स के नाम से जाना पहचाना जाता है। इस सुरम्य एवं शांत हिल स्टेशन को प्राचीन काल में आनन्दगिरि के नाम से ख्याति हासिल थी।

   चोल राजवंश के शासनकाल में इस हिल स्टेशन को एक आदर्श स्थान का दर्जा दिया गया। नंदी हिल्स खास तौर से अपनी पौराणिकता एवं ऐतिहासिकता केे लिए भी जाना पहचाना जाता है। नंदी हिल्स पर प्राचीन काल के मंदिरों एवं ऐतिहासिक इमारतों की दर्शनीयता खास है। 

   नंदी हिल्स पर एक खास दुर्ग भी है। इसकी स्थापत्य कला अद्भुत एवं विलक्षण है। विशेषज्ञों की मानें तो इस विशाल दुर्ग का निर्माण टीपू सुल्तान ने किया था। इसे नंदी दुर्ग के नाम से जाना पहचाना गया। 

  समुद्र तल से करीब 1450 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह दुर्ग एक ऐतिहासिक संरचना है। हालांकि ब्रिाटिश शासनकाल में इस विशाल दुर्ग का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया। नंदी दुर्ग वस्तुत: टीपू सुल्तान का ग्रीष्मकालीन महल हुआ करता था।
   खास यह कि नंदी हिल्स पर स्थापत्य कला को दर्शित करने वाले कई सुन्दर मंदिर भी हैं। इनमें खास तौर से वीरभद्र स्वामी का मंदिर विशेष ख्याति रखता है।

  चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा रखने वाला नंदी हिल्स सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंृखला रखता है। अमृत सरोवर एवं हार्टीकल्चल गार्डेन खास तौर से नंदी हिल्स की शान में चार चांद लगा देते हैं। 

  पैराग्लाइडिंग एवं साइकिलिंग के शौकीन पर्यटकों के लिए नंदी हिल्स किसी स्वर्ग से कम नहीं है। मानसून के मौसम में नंदी हिल्स का प्राकृतिक सौन्दर्य आैर भी अधिक निखर आता है। 

   दक्षिण भारत का यह शानदार हिल स्टेशन घाटियों-वादियों एवं मखमली ढ़लानों के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। नंदी हिल्स एवं आसपास झीलों-झरनों एवं जलाशयों की शानदार श्रंृखला नंदी हिल्स को काफी कुछ खास बना देती है।

   नंदी हिल्स को सनसेट प्वाइंट के रूप में भी खास तौर से जाना जाता है। नंदी हिल्स से सूूर्योदय एवं सूर्यास्त की निराली छटा दिखती है। नंदी हिल्स का सूर्योदय एवं सूर्यास्त अपनी विशिष्ट छटा से एक अलग ही दर्शनीयता देता है। नंदी हिल्स कई नदियों का उद्गम स्थल भी है। 

   इनमें खास तौर से अर्कवती, पेन्नार, पोन्नैयार, पलार नदियां हैं। नंदी हिल्स की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से जून की अवधि है। चिकबलपुर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नंदी हिल्स एक आदर्श हिल स्टेशन के तौर पर ख्याति रखता है।

    नंदी हिल्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बेंगलुरू एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन चिकबलपुर जंक्शन है। रेलवे स्टेशन से नंदी हिल्स की दूरी करीब 19 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी नंदी हिल्स की यात्रा कर सकते हैं।
13.408680,77.713850

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