आइजोल: प्रकृति का रोमांचक एहसास
आइजोल को प्रकृति का एक मखमली एवं रोमांचक एहसास कहना चाहिए। जी हां, आइजोल प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज एक आकर्षक पर्यटन क्षेत्र है।
भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम की राजधानी आइजोल का प्राकृतिक सौन्दर्य अति दर्शनीय है। मिजोरम का सबसे बड़ा एवं खूबसूरत शहर आइजोल को 'हाईलैंडर्स का घर" भी कहा जाता है। प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सांस्कृतिक समृद्धता से आच्छादित आइजोल आइडियल टूरिज्म प्वांइट है।
बादलों की गोद में रचा-बसा यह शहर पौराणिक एवं ऐतिहासिकता को भी रेखांकित करता है। समुद्र तल से करीब 1132 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आइजोल मिजोरम का मुख्य पर्यटन स्थल है। त्लावंग नदी एवं तुईरियल नदी के मध्य बसा आइजोल शांत एवं शीतल परिवेश प्रदान करता है।
चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं की खूूबसूरती पर्यटकों को लुभाती है तो वहीं मखमली घास के विशाल मैदान एवं ढ़लान पर्यटकों को एक मखमली एहसास देते हैं।
झीलों, झरनों एवं नदियों से आच्छादित यह पर्यटन क्षेत्र आकर्षण की एक लम्बी श्रंखला रखता है। मिजोरम राज्य संग्रहालय, दुर्तलांग पहाड़ियां, बकतवांग गांव, सोलोमन मंदिर आदि इत्यादि आइजोल की खूबसूरती हैं।
खास यह है कि 21 खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा मिजोरम प्राकृतिक सौन्दर्य का इन्द्रधनुष है। मिजोरम के मुख्य आकर्षण को देखें तो चम्फाई, लुंगलेई, सेरछिप एवं लोंगतलाई आदि इत्यादि हैं। मिजोरम इस शानदार प्राकृतिक सौन्दर्य में पर्यटक खो जाते हैं।
आइजोल पर बादलों का कदमताल करना बेहद रोमांचक प्रतीत होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बादल पर्यटकों की गोद में हों। तन मन को अभिसिंचित करने वाला यह परिदृृश्य बेहद रोमांचक होता है।
चम्फाई: चम्फाई वस्तुत: मिजोरम की एक अति दर्शनीय पहाड़ी है। समुद्र तल से करीब 1678 मीटर ऊंचाई पर स्थित चम्फाई मखमली घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। चम्फाई पहाड़ी से म्यांमार की खूबसूरती भी दिखती है।
म्यांमार का अद्भुत एवं विलक्षण दृश्यावलोकन पर्यटकों को रोमांचित कर देता है। स्वादिष्ट फलों के बागान चम्फाई की शान एवं शोभा हैं। विशेषज्ञों की मानें तो चम्फाई मिजोरम का सबसे अधिक फल उत्पादन करने वाला इलाका है। शायद इसीलिए चम्फाई को फलों का कटोरा भी कहा जाता है। चम्फाई पौराणिकता एवं ऐतिहासिकता को भी रेखांकित करता है।
लुंगलेई: लुंगलेई मिजोरम का दूसरा सबसे शहर है। राज्य की राजधानी आइजोल से अधिक ऊंचाई पर बसा लुंगलेई का आकार-प्रकार पुल जैसा है। मिजोरम की खूबसूरती निहारने के लिए लुंगलेई को अति आदर्श स्थान माना जाता है।
चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं की खूबसूरती एवं मखमली हरियाली पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। यहां की समृद्ध संस्कृति पर्यटकों को लुभाती है।
सेरछिप: सेरछिप मिजोरम का आदर्श एवं मुख्य पर्यटन गंतव्य है। तुड़कम नदी के किनारे स्थित सेरछिप का प्राकृतिक सौन्दर्य अति दर्शनीय है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।
सेरछिप खास तौर से वॉटर फॉल्स के लिए जाना पहचाना जाता है। म्यांमार की सीमा से सटा यह इलाका बेहद रोमांचक है। सेरछिप वस्तुत: हस्तशिल्प के लिए जाना एवं पहचाना जाता है। पर्यटक सेरछिप पर खूबसूरत हस्तशिल्प उत्पाद की खरीदारी कर सकते हैं।
लोंगतलाई: लोंगतलाई आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित सघन वन वाला पर्यटन इलाका है। सघन वन क्षेत्र का यह इलाका रोमांचक गतिविधियों के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। यहां खास तौर से प्रकृति के स्पर्श का एहसास होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे प्रकृति की गोद में आ गये हों।
आइजोल की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट लेंगपुई एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन बैराबी रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी आइजोल की यात्रा कर सकते हैं।
23.735900,92.733700
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