Sunday, 27 May 2018

खजियार हिल स्टेशन: धरती का स्वर्ग

    खजियार हिल स्टेशन की सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं। हिमाचल प्रदेश का यह हिल स्टेशन दुनिया के शीर्ष सुन्दर हिल स्टेशन में से एक है।

   समुद्र तल से करीब 2000 मीटर ऊंचाई पर स्थित खजियार हिल स्टेशन सदाबहार देवदार के सुन्दर वृक्षों से घिरा है। सुरम्य स्थान होने व सुन्दर होने के कारण इसे भारत के मिनी स्वीटजरलैण्ड की संज्ञा से भी नवाजा जाता है।
      डलहौजी व चम्बा के बीच स्थित खजियार हिल स्टेशन में घास के मखमली एवं सुन्दर मैदानों एवं ढ़लानों की एक लम्बी श्रंखला है। पश्चिमी हिमालय के दौलाधर पर्वत की तलहटी पर स्थित खजियार हिल स्टेशन वस्तुत: अभ्यारण का एक सुन्दर हिस्सा है।
     खास यह कि इस हिल स्टेशन में चौतरफा एक सुखद अनुभूति होती है। विशेषज्ञों की मानें तो खजियार हिल स्टेशन दुनिया के 160 शीर्ष सुन्दर स्थानों में से एक है। मौज मस्ती एवं सैर सपाटा के लिए खजियार हिल स्टेशन में चौतरफा सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। 
   खजियार हिल स्टेशन पर सर्दियों में बर्फ का दुशाला बड़ा ही सुन्दर दिखता है। यहां की खूबसूरती सैलानियां-पर्यटकों पर गजब ढ़हाती है। पर्यटक यहां घुडसवारी का भी आनन्द ले सकते हैं। खजियार हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षक स्थानों में दौलाधर पर्वत, खजियार झील, खजजी नाग मंदिर, ट्रैकिंग प्वाइंट आदि बहुत कुछ है। 
    विशेषज्ञों की मानें तो धरती पर कहीं स्वर्ग है तो खजियार हिल स्टेशन में है। खजियार हिल स्टेशन की खूबसूरत पहाड़ियां, चारों ओर फैली हरियाली, सुरम्य वादियां पर्यटकों को मदहोश कर देती हैं। खजियार की झीलें दुनियां भर में खास पहचान रखती हैं।
    दौलाधर पर्वत: दौलाधर पर्वत हिल स्टेशन की विशेषता है। घने देवदार एवं पाइंस के वृक्ष सुन्दर पर्यावरण का एहसास कराते है। घना वन क्षेत्र आैर पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिलों को छू जाता है।
    खजियार झील: खजियार झील हिल स्टेशन का एक सुन्दर स्थान है। यह एक अस्थायी द्वीप की भांति है। तस्तरीनुमा यह झील करीब 1.50 किलोमीटर लम्बी है। झील किनारे पहाड़ी शैली में बना एक सुन्दर मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर में नाग देवता की प्रतिमा स्थापित है। 
     खजजी नाग मंदिर : खजजी नाग मंदिर खजियार झील से कुछ दूर स्थित है। चम्बा के राजा ने 12 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर का गुम्बद सुनहरा है। लिहाजा इस मंदिर को गोल्डन देवी का मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर के मण्डप में कौरव-पाण्डव की छवियां अंकित हैं। लकड़ी की नक्काशी बेहद आकर्षक एवं शानदार है। यह मंदिर मुख्यत: नाग देवता को समर्पित है। मंदिर में मुख्य तौर से नाग देवता की प्रतिमायें हैं। साथ ही शिव जी एवं देवी हिडिम्बा की भी प्रतिमायें हैं।
      ट्रैकिंग : ट्रैकिंग का यहां एक अलग लुफ्त है। खजियार हिल स्टेशन का यह एक शानदार इलाका है। खजियार ट्रैकिंग एरिया खजियार से प्रारम्भ होकर दैनकुण्ड तक करीब 3.50 किलोमीटर है। दहौसी-खजियार रोड पर करीब 6 किलोमीटर ट्रैकिंग प्वाइंट है।
      कालातोप खजियार अभ्यारण: कालातोप खजियार अभ्यारण बेहद सुन्दर स्थान है। वन्य जीवन के साथ ही यह क्षेत्र वनस्पतियों से भी आच्छादित है। अभ्यारण में खास तौर से हिम वन्य जीवों का विचरण रहता है। कस्तूरी मृग, हिम भालू व हिम तेंदुआ आदि भी दिखते हैं। दुलर्भ वनस्पतियों की प्रचुरता के कारण इसे आैषधीय अभ्यारण क्षेत्र भी माना जाता है। पर्यटक यहां खुद को बेहद स्वस्थ्य एवं ऊर्जावान मानते हैं। पिकनिक के साथ ही यह इलाका ट्रैकिंग के लिए भी जाना पहचाना जाता है।
      खजियार हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। पर्यटक खजियार हिल स्टेशन की यात्रा हिमाचल प्रदेश के डलहौजी या चम्बा से भी कर सकते हैं। निकटतम एयरपोर्ट अमृतसर है। अमृतसर एयरपोर्ट से खजियार हिल स्टेशन की दूरी करीब 220 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है। पठानकोट रेलवे स्टेशन से खजियार हिल स्टेशन की दूरी करीब 95 किलोेमीटर है। सड़क मार्ग से भी खजियार हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
32.546218,76.058081

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