Friday, 15 June 2018

मालशेज घाट : रोमांच की अनुभूति

     मालशेज घाट हिल स्टेशन को धरती का स्वर्र्ग कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। आनन्द एवं रोमांच की अनुभूति कराने वाला यह हिल स्टेशन देश दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थानों में है। बारिश में इस हिल स्टेशन का कोई जोड़ नहीं। 

   समुद्र तल से करीब 700 मीटर ऊंचाई पर स्थित मालशेज घाट हिल स्टेशन में खासियत-खूबियों की एक अनन्त श्रंखला विद्यमान है।
  महाराष्ट्र के ठाणे-पुणे रोड पर स्थित यह हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता का शानदार आयाम है। ठाणे-अहमद नगर जिला सीमाओं के मध्य में स्थित मालशेज घाट हिल स्टेशन खास तौर से सहयाद्री पर्वत श्रंखला का हिस्सा है। विविध प्रकार की वनस्पतियों की प्रचुरता इस क्षेत्र को सैर सपाटा, मनोरंजन एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ खास बना देती है।
    हिल एरिया के वॉटर फॉल्स में नहाने का आनन्द ही कुछ आैर होता है। इस इलाके में घूमने-फिरने का सबसे अच्छा समय अगस्त-सितम्बर का माना जाता है। कारण हरियाली का शानदार एवं अद्भुत दृश्य यहां दिखता है। प्राकृतिक झीले-झरने एवं सदाबहार वनस्पतियों की प्रचुरता एवं वन्य जीवन का आनन्द देखते ही बनता है। 
     निश्चय ही मालशेज घाट की खूबसूरत घाटियां-वादियां तनाव व थकान को पल में मिटा देती हैं। मालशेज हिल स्टेशन ट्रैकिंग के लिए भी एक शानदार स्थान है। शिवाजी का जन्म स्थान भी इस इलाके में हुआ था। छत्रपति शिवाजी के जन्म स्थान शिवनेरी की यात्रा भी यहां से की जा सकती है।
      करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित शिवनेरी का अपना एक अलग ही महत्व है। मालशेज घाट हिल स्टेशन एवं उसके आसपास समृद्ध एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। खास आकर्षण यह है कि मालशेज के मुख्य मार्ग पर गिरता झरना पर्यटकों को एक रोमांचक अनुभूति कराता है। इलाके के मुख्य आकर्षण में खास तौर से शिवनेरी किला, पिंपलगांव जोगे बांध, एडवेंचर्स आदि हैं।
     शिवनेरी किला : शिवनेरी किला मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी का जन्म स्थान है। यह किला देश के अति महत्वपूर्ण किलों में से एक है। विशेषज्ञों की मानें तो 17 वीं शताब्दी का यह सैन्य किला है।
     पिंपलगांव जोगे बांध : पिंपलगांव जोगे बांध कुकाडी नदी की एक सहायक नदी का बांध है। बांध एरिया इलाके का एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है। यह इलाका मुख्यत: अंगूर की खेती वाला है लिहाजा इस बांध से अंगूर की खेती के लिए पानी की आपूर्ति होती है। पर्यटक यहां पिकनिक भी मनाते हैं।
      फ्लेमिंगो पहाड़ी : फ्लेमिंगो पहाड़ी मुख्यत: एक पिकनिक स्पॉट है। पहाड़ की चोटी पर स्थित यह इलाका शांत एवं अति शीतलता वाला है। बादलों की हलचल पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस स्थान से मालशेज घाट का विहंगम दृश्य यहां से दिखता है।
    खेरेश्वर गांव : खेरेश्वर गांव प्राकृतिक सुन्दरता का एक सुन्दर आयाम है। गांव की संस्कृति एवं गांव की सोंधी महक का आनन्द यहां लिया जा सकता है। खेरेश्वर गांव के निकट ही हरिश्चन्द्रगढ़ है। इस इलाके में झरनों की एक लम्बी श्रंखला है।
     वन्य जीव अभ्यारण : वन्य जीव अभ्यारण मालशेज घाट इलाके के मुख्य आकर्षण में से एक है। वन क्षेत्र में वनौषधियों की सुगंध मन मस्तिष्क को तरोताजा करती है। वन्य जीवन की हलचल पर्यटकों को आकर्षित करती है। खास तौर से पक्षियों के कलरव से वन क्षेत्र में कोलाहल बना रहता है। बाघ, तेंदुये, खरगोश एवं मोर आदि की उपलब्धता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
      मालशेज घाट की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मुम्बई इंटरनेशनल है। मुम्बई से मालशेज घाट की दूरी करीब 140 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कल्याण है। कल्याण से मालशेज घाट की दूरी 154 किलोमीटर है। पर्यटक मालशेज की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं।
19.340625,73.774552

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