दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन : प्राकृतिक सुन्दरता
दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन की सुन्दरता की अपनी एक अलग शान है। ओड़िशा के कंधमाल जिला स्थित यह हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य का खजाना है।
समुद्र तल से करीब 3000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन ब्रिाटिशकाल में अफसरों का सबसे अधिक पसंदीदा स्थान रहा। झीलों-झरनों, पर्वत शिखर,वादियों-घाटियों, वनस्पतियों की प्रचुरता एवं वन्य जीवन से अच्छादित यह हिल स्टेशन प्रकृति का एक सुन्दर एहसास है।
खास यह कि कॉॅॅॅफी बागानों एवं वनस्पतियों की सुगंध दिल ओ दिमाग को तरोताजा रखती है। कॉॅॅॅफी, वनस्पतियों एवं फूलों की सुगंध के साथ साथ ही इस हिल स्टेशन में बर्फबारी का आनन्द ही कुछ आैर है। दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन को प्राकृतिक सुन्दरता के कारण ओडिशा का कश्मीर भी कहा जाता है। इस स्थान का नाम ब्रिाटिश अफसर डारिंग के नाम पर रखा गया है।
खास तौर से यह इलाका जैविक हल्दी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। दुर्लभ एवं विलुप्त वनस्पतियों की उपलब्धता भी इस क्षेत्र को विशेष बनाती है। दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन का तापमान अक्सर जीरो डिग्री सेल्सियस रहता है। यहां की आबोहवा, वन्य जीवन, स्वास्थ्यप्रद वातावरण, पहाड़, झरने आदि बहुत कुछ सैलानियों को आकर्षित करते हैं।
कंधमाल का हस्तशिल्प देश दुनिया में खास तौर से प्रसिद्ध है। कंधमाल समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन में बर्फबारी का रोमांचक आनन्द है तो वहीं बादलों की लुकाछिपी भी आनन्दित करती है।
पर्वत शिखर की बुलंदियां देखते ही बनती हैं तो वहीं घाटियां-वादियां सुरम्यता का दर्शन कराती हैं। झीलों-झरनों का निर्मल प्रवाह जलक्रीड़ा का भरपूर अवसर प्रदान करता है। पर्वत शिखर पर स्थित मंदिरों के घंटा-घड़ियाल की टंकार से इलाका अनुगूंजित होता रहता है। दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन का बड़ा ही मनोहारी दृश्य रहता है।
दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षक स्थलों की एक लम्बी फेहरिस्त है। इनमें खास तौर से फूलवाड़ी, पुतुडी वॉटर फॉल्स, बलासकुंपा, विरुपाक्ष मंदिर, डुंगी, कलिंग घाटी, मंदसरू कुटी, बेलघर, हिल व्यू प्वाइंट, विरांची नारायण मंदिर, कॉफी बागान, डोलुरी नदी आदि बहुत कुछ है।
फूलबाड़ी : फूलबाड़ी प्राकृतिक खूबसूरती से लकदक स्थान है। चारों ओर पहाड़ों से घिरा फूलबाड़ी के एक किनारे पिल्लसलुंकी नदी बहती है। भेटखोल एवं ब्राह्मिणी देवी पहाड़ी की चोटी से शहर का सुन्दर-अनुपम नजारा दिखता है।
पुतुडी वॉटर फॉल्स : पुतुडी वॉटर फॉल्स प्राकृतिक सुन्दरता का एक भव्य-दिव्य स्थान है। सलुंकी नदी की जलधारा यहां करीब 60 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरती हैं। घने वन क्षेत्र में गिरता यह झरना पर्यटकों को रोमांचित करता है। पुतुडी वॉटर फॉल्स शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है। पुतुडी वॉटर फॉल्स दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन का सुन्दर स्थान है। पहाड़ों एवं वनस्पतियों से घिरा यह स्थान शांत एवं सुरम्य प्रतीत होता है। फॉल्स की सुन्दरता देखते ही बनती है।
बलासकुंपा : बलासकुंपा मुख्यत: देवी स्थान है। यहां एक भव्य-दिव्य मंदिर है। निकट ही पिल्लसुलंकी बांध पिकनिक स्पॉट है। यह बांद बलासकुंपा से करीब 3 किलोमीटर दूर है। शांत एवं सुरम्य यह स्थान फूलवाड़ी से करीब 15 किलोमीटर दूर है।
विरुपाक्ष मंदिर : विरुपाक्ष मंदिर फूलबाड़ी से करीब 60 किलोमीटर दूर चकपाड़ा में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की मुख्य विशेषता दक्षिणावर्ती शिवलिंग है। शिवलिंग दक्षिण की ओर झुका हुआ है। खास यह है कि यहां वृक्षों के भी दक्षिण की ओर झुकने की प्रवृत्ति है। मंदिर परिसर में शिवलिंग का कथानक वृतांत भी चित्र के जरिये प्रदर्शित है।
डुंगी : डुंगी फूलबाड़ी से करीब 45 किलोमीटर दूर बरहामपुर रोड पर स्थित है। यह कंधमाल जिला का एकमात्र पुरातत्व क्षेत्र है। यहां 11 वीं शताब्दी में बौद्ध विहार था। इसके नष्ट हो जाने के बाद यहां शिव मंदिर का निर्माण किया गया। इसके निर्माण के दौरान बौद्ध विहार के अवशेष मिले। इन अवशेष को मंदिर परिसर में प्रदर्शित किया गया है।
कलिंग घाटी : कलिंग घाटी फूलबाड़ी से करीब 48 किलोमीटर दूर बरहामपुर रोड पर स्थित है। इस घाटी के पास ही दशमिल्ला नामक स्थान है। इस स्थान पर सम्राट अशोक ने कलिंग से युद्ध लड़ा था। यह मुख्यत: सिल्वर कल्चर गार्डेन है। खास तौर से यह इलाका आयुर्वेदिक पौधों के लिए जाना पहचाना जाता है। गार्डेन में रबर एवं बांस के पेड़ हैं। उद्यान परिसर खूशबू से भरा रहता है। जिससे दिल-ओ-दिमाग तरोताजा रहता है।
हिल व्यूू प्वाइंट : हिल व्यूू प्वाइंट एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है। यहां से दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन का सुन्दर दृश्य दिखता है।
विरांची नारायण मंदिर : विरांची नारायण मंदिर को लकड़ी का कोणार्क भी कहा जाता है। लकड़ी के डिजाइन, लकड़ी का वास्तुकला एवं नक्काशी देखते ही बनती है।
कॉफी बागान : कॉफी बागान एवं काली मिर्च के बागान बड़ी तादाद में इस इलाके में हैं।
बेलघर अभ्यारण: बेलघर अभ्यारण वनस्पतियों एवं वन्य जीवन का मुख्य क्षेत्र है। यह इलाका खास तौर से हाथियों एवं विलुप्त वनस्पतियों के लिए जाना जाता है।
फूलबाड़ी : फूलबाड़ी प्राकृतिक खूबसूरती से लकदक स्थान है। चारों ओर पहाड़ों से घिरा फूलबाड़ी के एक किनारे पिल्लसलुंकी नदी बहती है। भेटखोल एवं ब्राह्मिणी देवी पहाड़ी की चोटी से शहर का सुन्दर-अनुपम नजारा दिखता है।
पुतुडी वॉटर फॉल्स : पुतुडी वॉटर फॉल्स प्राकृतिक सुन्दरता का एक भव्य-दिव्य स्थान है। सलुंकी नदी की जलधारा यहां करीब 60 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरती हैं। घने वन क्षेत्र में गिरता यह झरना पर्यटकों को रोमांचित करता है। पुतुडी वॉटर फॉल्स शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है। पुतुडी वॉटर फॉल्स दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन का सुन्दर स्थान है। पहाड़ों एवं वनस्पतियों से घिरा यह स्थान शांत एवं सुरम्य प्रतीत होता है। फॉल्स की सुन्दरता देखते ही बनती है।
बलासकुंपा : बलासकुंपा मुख्यत: देवी स्थान है। यहां एक भव्य-दिव्य मंदिर है। निकट ही पिल्लसुलंकी बांध पिकनिक स्पॉट है। यह बांद बलासकुंपा से करीब 3 किलोमीटर दूर है। शांत एवं सुरम्य यह स्थान फूलवाड़ी से करीब 15 किलोमीटर दूर है।
विरुपाक्ष मंदिर : विरुपाक्ष मंदिर फूलबाड़ी से करीब 60 किलोमीटर दूर चकपाड़ा में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की मुख्य विशेषता दक्षिणावर्ती शिवलिंग है। शिवलिंग दक्षिण की ओर झुका हुआ है। खास यह है कि यहां वृक्षों के भी दक्षिण की ओर झुकने की प्रवृत्ति है। मंदिर परिसर में शिवलिंग का कथानक वृतांत भी चित्र के जरिये प्रदर्शित है।
डुंगी : डुंगी फूलबाड़ी से करीब 45 किलोमीटर दूर बरहामपुर रोड पर स्थित है। यह कंधमाल जिला का एकमात्र पुरातत्व क्षेत्र है। यहां 11 वीं शताब्दी में बौद्ध विहार था। इसके नष्ट हो जाने के बाद यहां शिव मंदिर का निर्माण किया गया। इसके निर्माण के दौरान बौद्ध विहार के अवशेष मिले। इन अवशेष को मंदिर परिसर में प्रदर्शित किया गया है।
कलिंग घाटी : कलिंग घाटी फूलबाड़ी से करीब 48 किलोमीटर दूर बरहामपुर रोड पर स्थित है। इस घाटी के पास ही दशमिल्ला नामक स्थान है। इस स्थान पर सम्राट अशोक ने कलिंग से युद्ध लड़ा था। यह मुख्यत: सिल्वर कल्चर गार्डेन है। खास तौर से यह इलाका आयुर्वेदिक पौधों के लिए जाना पहचाना जाता है। गार्डेन में रबर एवं बांस के पेड़ हैं। उद्यान परिसर खूशबू से भरा रहता है। जिससे दिल-ओ-दिमाग तरोताजा रहता है।
हिल व्यूू प्वाइंट : हिल व्यूू प्वाइंट एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है। यहां से दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन का सुन्दर दृश्य दिखता है।
विरांची नारायण मंदिर : विरांची नारायण मंदिर को लकड़ी का कोणार्क भी कहा जाता है। लकड़ी के डिजाइन, लकड़ी का वास्तुकला एवं नक्काशी देखते ही बनती है।
कॉफी बागान : कॉफी बागान एवं काली मिर्च के बागान बड़ी तादाद में इस इलाके में हैं।
बेलघर अभ्यारण: बेलघर अभ्यारण वनस्पतियों एवं वन्य जीवन का मुख्य क्षेत्र है। यह इलाका खास तौर से हाथियों एवं विलुप्त वनस्पतियों के लिए जाना जाता है।
दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट भुवनेश्वर है। भुवनेश्वर से दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन की दूरी करीब 250 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन ब्रह्मपुर है। ब्रह्मपुर से दारिंगबाड़ी हिल स्टेशन की दूरी करीब 120 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से भी हिल स्टेशन की यात्रा की जा सकती है।
19.903696,84.130321
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