Wednesday, 17 October 2018

चोपता हिल स्टेशन: प्रकृति का स्पर्श

   चोपता हिल स्टेशन को प्रकृति का सुन्दर स्पर्श कहा जाये तो शायद कुछ गलत न होगा। जी हां, उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग का चोपता हिल स्टेशन अपनी सुन्दरता एवं विशिष्टता के कारण देश दुनिया में खास पहचान रखता है। 

   वस्तुत: इस हिल स्टेशन को चोपता तुंगनाथ के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। समुद्र तल से करीब 2680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन देश दुनिया में अपनी एक खास ख्याति रखता है। इसे भारत का मिनी स्वीटजरलैण्ड भी कहा जाता है। उत्तराखण्ड के गढ़वाल का यह सबसे खूबसूरत इलाका है। 

   आमतौर पर यह चोपता बर्फबारी वाला इलाका है। लिहाजा पर्यटक यहां बर्फबारी का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। अधिकांश समय इस इलाके के हिम शिखर बर्फ की चादर ओढ़े नजर आते हैं।
  सुन्दरता का आलम यह है कि मीलों तक फैले मखमली घास मैदान या ढ़लान एक स्वप्नीली दुनिया का एहसास कराते हैं।

 घास के इन मखमली मैदानों में फूलों की श्रंखला मुग्ध कर लेती है। फूलों की सुगंध मन मस्तिष्क को एक सुखद ताजगी का एहसास कराती है।

  चोपता हिल स्टेशन में एहसास होता है कि जैसे किसी अन्य दुनिया में प्रवेश कर गये हों। चोपता हिल स्टेशन का इलाका पंचकेदार क्षेत्र कहलाता है। 
   खास यह कि चोपता से ही हिमालय की नंदाखाट चोटी भी दर्शनीय है। बांस एवं बुरांश के वन क्षेत्र एक सुखद शीतलता प्रदान करते हैं। यहां के मनोहारी दृश्य पर्यटकों को लुभाते हैं। 

    चोपता हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं विशेष स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। विशेषज्ञों की मानें तो चोपता हिल स्टेशन हिमालय की गोद में रचा-बसा एक सुरम्य स्थान है। हिम श्रंखला के अन्य आकर्षण मसलन त्रिशूल, नन्दा देवी, चौखम्बा आदि इत्यादि यहां से साफ तौर पर दिखते हैं।

   चोपता गांव सहित पूरा इलाका पाइन, देवदार एवं अन्य विशिष्ट प्रजातियों की वन सम्पदा से आच्छादित है। वनस्पतियों की प्रचुरता एवं वन्य जीवन का एहसास चोपता को कुछ खास बना देता है। दुर्लभ पक्षियों का कोलाहल-कलरव बेहद कर्णप्रिय होता है। कस्तूरी मृग का विचरण देख कर पर्यटक मुग्ध हो उठते हैं। 

   खास यह कि आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध मन मस्तिष्क को स्वास्थ्यवर्धक ऊर्जा प्रदान करते हैं। मखमली घास के मैदानों को स्थानीयता में बुग्यल्स कहा जाता है। मखमली घास के यह मैदान मखमली स्पर्श का एहसास कराते है। चोपता हिल स्टेशन में ट्रैकिंग का भी आनन्द लिया जा सकता है।

   चोपता हिल स्टेशन में जलवायु बेहद शीतल रहती है। खास तौर से बर्फबारी के दौरान यहां 4 से 7 फुट तक मोटी बर्फ जम जाती है। कई बार तो ऐसा प्रतीत होता है कि चोपता ने बर्फ की चादर ओढ़ रखी है।


  चोपता-तुंगनाथ ट्रैकिंग: चोपता-तुगंनाथ ट्रैकिंग ट्रैकर्स का सर्वाधिक पसंदीदा स्थान है। हालांकि चोपता हिल स्टेशन से कई ट्रैकिंग प्वाइंट हैं। यह ट्रैकिंग प्वाइंट घास के मैदान एवं वन क्षेत्र को काट कर बनाया गया है। 

   चन्द्रशिला, तुंगनाथ, देवरिया ताल एवं चोपता सबसे अच्छे ट्रैक मार्ग माने जाते हैं। पक्षियों की बहुलता के कारण यह इलाके पक्षी प्रेमियों के भी पसंदीदा हैं। चोपता ट्रैक से चन्द्रशिला शिखर तक जाया जा सकता है।
   केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण: केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण चोपता हिल स्टेशन का विशेष क्षेत्र है। वन्य जीवन की उपलब्धता एवं वनस्पतियों की प्रचुरता वाला परिवेश पर्यटकों को खास ऊर्जा प्रदान करता है। 

  अभ्यारण में अल्पाइन, ओक, पाइन, ब्यूरेन एवं अन्य हिमालय प्रजातीय वृक्ष यहां की शान हैं।
   दर्शनीय हिम शिखर: खास तौर से चोपता हिल स्टेशन से 41 से अधिक हिम शिखरों का अवलोकन किया जा सकता है। इनमेें खास तौर से मेरु, सुमेरु, गणेश पर्वत, चौखम्बा, बंदरपूंछ, नीलकंठन, तिरसुली, नंदा देवी आदि इत्यादि बहुत कुछ अवलोकित होता है।

   चोपता हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट देहरादून है। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून से चोपता हिल स्टेशन की दूरी करीब 225 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी चोपता हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.481180,79.193900

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