Thursday, 15 November 2018

चैल हिल स्टेशन: धरती का श्रंगार

    चैल हिल स्टेशन को धरती का श्रंगार कहा जाना चाहिए। जी हां, चैल हिल स्टेशन की खूबसूरती देख कर कहा जा सकता है कि दुनिया का सबसे खूबसूरत स्थान है।

   हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला स्थित यह हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता का श्रेष्ठतम आइना है। चौतरफा मखमली घास के मैदान-ढ़लान यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। चैल हिल स्टेशन पर बर्फबारी का अपना एक अलग ही आनन्द एवं रोमांच है। 

   सर्दियों के मौसम में चौतरफा बर्फ की चादर दिखती है। बर्फ का गिरना एक सिहरन एवं रोमांच पैदा करता है। समुद्र तल से करीब 2226 मीटर ऊंचाई पर स्थित चैल हिल स्टेशन पर वनस्पतियों की प्रचुरता परिवेश को अत्यधिक ऊर्जावान बना देती है।

   खास यह कि चैल का क्रिकेट मैदान एवं पोलो मैदान विश्व प्रसिद्ध है। इसका सबसे बड़ा कारण चैल का यह क्रिकेट एवं पोलो मैदान दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर है।
   चैल का यह मैदान समुद्र तल से करीब 2444 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। चैल हिल स्टेशन वन्य जीव प्रेमियों के लिए भी खास है। 

    कारण वन्य जीव अभ्यारण में विलुप्त प्रजातियों के जीव जंतु भी स्वच्छंद विचरण करते दिखते हैं। वनस्पतियों एवं विभिन्न प्रजाति के फूलों की सुगंध चैल के परिवेश को बेहद सुहाना बना देती हैं। सध टिब पर्वत श्रंखला पर स्थित चैल हिल स्टेशन देश के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है।

   खास यह कि चैल की सुन्दरता से प्रभावित हो कर राजा भूपिन्दर सिंह ने चैल को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। पटियाला के राज परिवार ने चैल में चैल महल का 1891 में निर्माण कराया था।
   चैल महल वस्तुत: चैल की शाही विरासत है। चैल हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। चैल सैन्य पाठशाला के अलावा यहां गुरुद्वारा साहिब, काली जी का मंदिर टिब्बा आदि इत्यादि बहुत कुछ है।

   चैल हिल स्टेशन ट्रैकिंग एवं फिशिंग का पसंदीदा क्षेत्र है। शिवालिक पर्वत श्रंखला से घिरा चैल हिल स्टेशन देवदार एवं पाइन के सुन्दर वृक्ष श्रंखला से घिरा हुआ है।
    चैल हिल स्टेशन शांत एवं शीतलता के लिए विशेष तौैर से जाना पहचाना जाता है। चैल हिल स्टेशन से चौतरफा सुन्दर परिदृश्य का अवलोकन किया जा सकता है।
   चैल से खास तौर से शिमला, सोलन एवं कसौली की सुन्दरता दिखती है। रात में तो यह दृश्य बेहद खुशनुमा प्रतीत होता है।

    चैल हिल स्टेशन एवं आसपास के आकर्षक स्थानों में खास तौर से काली मंदिर, राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय, वन्य जीव अभ्यारण, लवर प्वाइंट, स्टोन कुम्भ आदि हैं।
   काली टिब्बा मंदिर: काली टिब्बा मंदिर वस्तुत: चैल का श्रेष्ठतम धार्मिक स्थान है। मुख्यत: यह मंदिर काली जी को समर्पित है। 

   यह मंदिर चैल की एक पहाड़ी पर स्थित है। यह स्थान दुनिया के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। शिवालिक पर्वत श्रंखला का यह एक सुन्दर स्थान है।
  राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय: राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय शिक्षा का एक बेहतरीन स्थान है। विशेषज्ञों की मानें तो देश के पांच सैन्य विद्यालय में से यह एक है। यहां करीब 300 कैडेट्स शिक्षा ग्रहण करते हैं। 
   चैल वन्य जीव अभ्यारण: चैल वन्य जीव अभ्यारण करीब 10854.36 हेक्टेयर में फैला है। अभ्यारण में तेंदुआ, कलगीदार साही, जंगली सुअर, गोरल, यूरोपियन लाल हिरण, काकर, सांभर, लाल जंगली पक्षी, खलीज, जयकार, फीसेंट आदि प्रवास करते हैं। 
  साधुपुल: साधुपुल वस्तुत: साधुपुर का सुन्दर मार्ग है। साधुपुर चैल एवं सोलन के बीच बसा एक सुन्दर गांव है। अश्वनी नदी पर बने इस पुल की विशिष्टताएं हैं। साधुपुर में वॉटर पार्क एवं एक कैफे भी है। 
   क्रिकेट एवं पोलो मैदान: क्रिकेट एवं पोलो मैदान का निर्माण महाराजा भूपिन्दर सिंह ने 1893 में कराया था। महाराजा स्वयं क्रिकेट प्रेमी थे। यह स्थान समुद्र तल से करीब 2444 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
    लवर प्वाइंट: लवर प्वाइंट चैल से करीब 10 किलोमीटर दूर है। इस स्थान को आगंतुक जुंगा भी कहते है। लवर प्वाइंट बेहद शांत एवं सुन्दर स्थान है।
   चैल हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जुबरहट्टी शिमला है। जुबरहट्टी एयरपोर्ट से चैल हिल स्टेशन की दूरी करीब 72 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कालका है। कालका रेलवे स्टेशन से चैल हिल स्टेशन की दूरी करीब 81 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी चैल हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.967621,77.191650

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