Tuesday, 13 November 2018

नारकंडा हिल स्टेशन : रोमांच का एहसास

   नारकंडा हिल स्टेशन को प्रकृति का सुन्दर उपहार कहा जाना चाहिए। जी हां, नारकंडा हिल स्टेशन की सुन्दरता का इन्द्रधनुषी रंग किसी को भी मोेह लेता है।

   हिमाचल प्रदेश के लघु शहर नारकंडा स्थित यह हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता से लबरेज है। समुद्र तल से करीब 2708 मीटर ऊंचाई पर स्थित नारकंडा हिल स्टेशन पर प्रकृति का हर रंग दिखता है। 

   चौतरफा मखमली घास के हरे-भरे मैदान एक सुखद एहसास कराते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे देवलोक में विचरण कर रहे हों। हिमाचल प्रदेश के तिब्बत रोड स्थित यह हिल स्टेशन पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र रहता है। शिवालिक पर्वत श्रंखला से घिरा यह हिल स्टेशन पर्यटकों के लिए कुछ खास होता है। 

   सर्दियों में नारकंडा में स्कीइंग के मजे ही कुछ आैर होते हैं। कारण सर्दियों में बर्फबारी का नजारा देखने वाला होता है। मखमली घास के सुन्दर मैदान मन को मोह लेते हैं। पर्वत मालाओं पर बर्फ की चादर स्वप्नलोक की संरचनाओं को साकार करती दिखती है। 

   बाग-बगीचों की संस्कृति वाला यह इलाका वनसम्पदाओं से भी आच्छादित है। खास तौर से वनस्पतियों की प्रचुरता पर्यटकों को भरपूर आक्सीजन प्रदान करती है। 

   यूं कहें कि वनस्पतियों की प्रचुरता से फेफड़ों को पंख लग जाते हैं। खास यह कि नारकंडा हिल स्टेशन सेब की खूशबू से महकता रहता है। इस इलाके में सेब संस्कृति प्रारम्भ करने का श्रेय सत्यनंद स्टोक्स को है। यहां की मुख्य अर्थव्यवस्था सेब उत्पादन पर आधारित है। 

   बर्फबारी के बीच नारकंडा का जनजीवन बेहद रोमांचकारी होता है। मौसम का हर पहलु यहां एक सुखद एहसास कराता है। मौसम चाहे गर्मी का हो या फिर सर्दियां हों। बर्फबारी का आनन्द लेना हो तो नारकंडा हिल स्टेशन बेहतरीन है। 

   खास यह कि अक्टूबर से फरवरी तक शहर एवं हिल स्टेशन बर्फ से आच्छादित रहता है। तापमान भी कई बार शून्य से नीचे चला जाता है। नारकंडा हिल स्टेशन का एक बड़ा इलाका वन आधारित है।
   वन क्षेत्र में खास तौर से कॉनिफर, ऑक, मेपल, पापुलस, एस्कुलस, कोरीलस एवं होली आदि प्रजातियों की वृक्ष श्रंखला है। 

   खास तौर से नारकंडा हिल स्टेशन से चौतरफा हिमालय की सुन्दरता का शानदार अवलोकन किया जा सकता है। शिमला से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित नारकंडा हिल स्टेशन में एक सुरम्य एवं शांत परिवेश रहता है। 
  सेब के साथ ही आड़ू के बागान भी सुन्दरता को बढ़ाते हैं। झीलों-झरनों की श्रंखला नारकंडा की सुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। 

   हटू चोटी: हटू चोटी को नारकंडा हिल स्टेशन का एक सुन्दर नगीना कहा जा सकता है। समुद्र तल से करीब 12000 फुट की ऊंचाई पर स्थित हटू इलाके की सबसे ऊंची पर्वत श्रंखला है। देवदार वृक्ष श्रंखला से घिरा यह इलाका पर्यटकों के लिए विशेष है। 

   ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे हर रंग से परिवेश ढ़का हो। हटू चोटी को धरती का शानदार गहना कहा जा सकता है। पेड़ों पर आच्छादित लाल रंग के चमकदार सेब पर्यटकों को खास तौर से लालायित करते हैं।
   हटू माता मंदिर यहां का विशेष आकर्षण है। हटू माता मंदिर मुख्यत: प्रकांड पंडित रावण की पत्नी मंदोदरी को समर्पित है। इसका यहां विशेष धार्मिक महत्व है। चौतरफा फैले अल्पाइन के वृक्ष बेहद सुन्दर प्रतीत होते है।

  इस पर्वत चोटी का ऐतिहासिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। प्राकृतिक अद्भुत संरचनाओं का यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए आदर्श है।
   स्कीइंग: नारकंडा हिल स्टेशन स्कीइंग के लिए विशेष माना जाता है। कारण अक्टूबर से फरवरी तक चौतरफा बर्फ का साम्राज्य दिखता है। घना वन क्षेत्र एवं सेब बागानों की सुगंध मन मस्तिष्क को एक विशेष ताजगी प्रदान करती है। पर्यटक स्कीइंग का रोमांचक अनुभव यहां प्राप्त कर सकते हैं। कुछ यूं भी कह सकते हैं कि नारकंडा हिल स्टेशन स्वास्थ्य संजीवनी है।

  नारकंडा हिल स्टेशन यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट भुंतर है। भुंतर एयरपोर्ट से नारकंडा हिल स्टेशन की दूरी करीब 82 किलोमीटर है। 
  निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला है। शिमला रेलवे स्टेशन से नारकंडा हिल स्टेशन की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी नारकंडा हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.320450,77.440060

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