असकोट हिल स्टेशन : मखमली एहसास
असकोट हिल स्टेशन को प्राकृतिक सौन्दर्य का इन्द्रधनुषी रंग कहा जाना चाहिए। जी हां, भारत के प्रांत उत्तराखण्ड का यह हिल स्टेशन हिमालय की गोद में रचा-बसा अति सुन्दर एवं दर्शनीय है।
उत्तराखण्ड के जिला पिथौरागढ़ का यह एक छोटा हिमालयन शहर है। समुद्र तल से करीब 1106 मीटर ऊंचाई पर स्थित असकोट हिल स्टेशन नदियों, झीलों-झरनों एवं घाटियों-वादियों की सुन्दरता से लबरेज है। चौतरफा मखमली घास के मैदान-ढ़लान परिवेश को आैर भी अधिक सुन्दर बना देते हैं।
असकोट हिल स्टेशन वस्तुत: धारचूला एवं पिथौरागढ़ के मध्य स्थित है। दिल्ली से कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा असकोट से हो कर गुजरती है।
असकोट प्राचीनकाल में एक राज्य की राजधानी हुआ करता था। यहां राजवंश की एक शानदार परम्परा रही है।
गोरी गंगा एवं काली नदी का विभाजन स्थल असकोट हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य लाजवाब है।
कहीं बर्फ की चादर ओढ़े हिम शिखर दिखते हैं तो कहीं मखमली घास का एहसास है। बादलों का खिलंदडपन मुग्ध कर लेता है।
हालात यह होते हैं कि कभी बादल पर्यटकों के संग चहलकदमी करते हैं तो कभी पर्यटक बादलों की गोद में होते हैं।
असकोट हिल स्टेशन चौतरफा फूलों एवं वनस्पतियों की सुगंध से महकता रहता है। असकोट हिल स्टेशन वस्तुत: वनस्पतियों एवं आैषधीय जड़ी बूूटियों का अति समृद्ध संसार है।
खास तौर से यहां सागौन, शीशम, देवदार, नीलगिरी, ग्रीविलिया, साल, कुंज, डार्कुजा, भोज, पतरा, रायजल एवं केल के पेड़ आदि इत्यादि बहुत कुछ पाया जाता है।
वस्तुत: यह एक जनजातीय क्षेत्र है। उत्तराखण्ड की विलुप्त जनजातीय आबादी बान रावत का मुख्य आशियान अब असकोट है।
पर्यटक असकोट में जनजातीय संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं। यह क्षेत्र खास तौर से मस्क हिरण संरक्षण के लिए जाना पहचाना जाता है।
असकोट मस्क हिरण अभ्यारण के लिए देश दुनिया में खास तौर से प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र को 1986 में वन्य जीव अभ्यारण घोषित किया गया था।
पिथौरागढ़ से करीब 55 किलोमीटर दूर असकोट एक सुरम्य एवं शांत-शीतल हिल स्टेशन है। अभ्यारण विभिन्न प्रजातियों की वनस्पतियों की एक समृद्ध शाला है।
वन्य जीवों का कोलाहल एवं वनस्पतियों की सुगंध पर्यटकों को एक सुखद रोमांच प्रदान करती है। यंू कहें कि असकोट की सुरम्य जलवायु पर्यटकों को एक जीवंतता प्रदान करती है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। वनस्पतियों की समृद्ध विरासत असकोट में उपलब्ध है।
यह विरासत जीवन दायिनी मानी जाती है। अभ्यारण में धौली एवं इल्की जैसी सुन्दर नदियां प्रवाहमान हैं।
लिहाजा पर्यटक रॉफ्टिंग सहित जलक्रीड़ा का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। जंगल सफारी असकोट हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है।
करीब 599 वर्ग किलोमीटर में फैला असकोट अभ्यारण में कस्तूरी मृग का आशियाना है। जीव जन्तु कहीं भी धमाचौकड़ी करते दिखेंगे तो कहीं उनकी जलक्रीड़ा भी देख सकेंगे। असकोट अभ्यारण में हिमालयीय जीव प्रचुरता में पाये जाते हैं।
खास तौर हिमालयन जंगली बिल्ली, तेंदुआ, सरो, बार्किंग हिरण, लेमर्स, बाइसन, सिवेट एवं हिमालयन भूरा भालू आदि इत्यादि अभ्यारण की शान हैं।
असकोट हिल स्टेशन एवं अभ्यारण की यात्रा का बेहतरीन समय अप्रैल से सितम्बर के बीच का होता है।
कारण सर्दियों में असकोट का पूरा इलाका बर्फ की गिरफ्त में होता है। बर्फ का आनन्द लेना हो तो सर्दियों में असकोट हिल स्टेशन की यात्रा करनी चाहिए।
असकोट हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट नैनी सैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ है।
नैनी सैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ से असकोट हिल स्टेशन की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर जंक्शन है।
टनकपुर जंक्शन से असकोट हिल स्टेशन की दूूरी करीब 204 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी यात्रा कर सकते हैं।
29.806850,80.245480
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