काजा हिल स्टेशन: धरती का मुकुट
काजा हिल स्टेशन को धरती का मुकुट कहा जाना चाहिए। जी हां, काजा हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अतुलनीय है। शायद इसी लिए काजा हिल स्टेशन की लोकप्रियता वैश्विक स्तर पर है।
हिमाचल प्रदेश के स्पीति जिला का यह सुन्दर हिल स्टेशन वस्तुत: बर्फ से आच्छादित क्षेत्र है। समुद्र तल से करीब 3650 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन विविध संस्कृतियों का समागम क्षेत्र भी है।
खास यह कि काजा हिल स्टेशन नदियों, झीलों-झरनों एवं वनस्पतियों से आच्छादित है।
दांतेदार पर्वत शिखर काजा हिल स्टेशन की शान एवं सौन्दर्य है। खास यह कि इस हिल स्टेशन पर बंजर की सुन्दरता भी दिखती है।
काजा हिल स्टेशन पर पर्यटक ट्रैकिंग का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। पिन पार्वती, परंग ला, कुंजम पास, चन्द्रताल एवं पिन भाबा आदि इत्यादि शानदार ट्रैकिंग एरिया हैं।
ट्रैकिंग के अलावा पर्यटक हिम्मत-ए-दिल का खेल रॉफ्टिंग का भी आनन्द ले सकते हैं। स्पीति नदी में रॉफ्टिंग का अपना एक अलग ही रोमांचक आनन्द मिलता है। खास तौर से काजा हिल स्टेशन साहसिक खेलों के लिए जाना पहचाना जाता है।
खास तौर से यहां की प्राचीन ग्रामीण शैली पर्यटकों को आकर्षित करती है। प्रकृति की गोद में रचा-बसा काजा हिल स्टेशन का प्राचीन गांव किब्बर खास आकर्षण रखता है। सांस्कृतिक अन्वेषण के लिए काजा हिल स्टेशन बेहतरीन स्थान है।
काजा हिल स्टेशन को काजा-स्पीति घाटी के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। खास यह कि काजा हिल स्टेशन की जलवायु अति शीतल एवं शांत है।
तिब्बत एवं लद्दाख से मिला जुला क्षेत्र होने के कारण काजा हिल स्टेशन की संस्कति भी बौद्ध धर्म से प्रभावित दिखती है।
बौद्ध संस्कृति वैश्विक पर्यटकों को खास तौर से प्रभावित करती है। काजा हिल स्टेशन पर चौतरफा हिम शिखर सीना ताने खड़े दिखते हैं।
गर्मियों का कुछ समय छोड़ कर काजा हिल स्टेशन का परिवेश अधिकतर समय बर्फ से आच्छादित रहता है। हिमालयीय संस्कृतियों एवं परम्पराओं का अवलोकन यहां का परिवेश खुद-ब-खुद करा देता है।
काजा हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण एवं अद्भुत स्थान 'की गोम्पा" मठ है। 'की गोम्पा" मठ की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई थी। की गोम्पा स्पीति घाटी का सबसे बड़ा मठ है।
इसकी राजसी भव्यता दिव्यता पर्यटकों को विशेष तौर से आकर्षित करती है। जून एवं जुलाई के मध्य काजा हिल स्टेशन पर तिब्बती संस्कृति पर आधारित लदेरचा मेला का भव्य आयोजन होता है।
यह मेला दर्शनीय होता है। इसे एक असाधारण रंगीन मेला भी कह सकते हैं। इसमें तिब्बत का लोक नृत्य एवं स्वादिष्ट भोजन-व्यंजन का आनन्द पर्यटक ले सकते हैं। काजा वस्तुत: स्पीति घाटी का सुन्दर शहर भी है।
खास यह कि ऊंचाई पर होने एवं रंगीन आभा से आलोकित होने के कारण काजा हिल स्टेशन काफी दूर से दिखने लगता है।
काजा के एक ओर किन्नौर घाटी दर्शित है तो वहीं एक अन्य दिशा में लाहौल घाटी मुग्ध करती है।
विशेषज्ञों की मानें तो अक्टूबर से लेकर जून तक इस इलाके में बर्फबारी होती रहती है। काजा वस्तुत: ट्रैकिंग, पर्वतारोहण एवं घाटी के सैर सपाटा के लिए खास प्रसिद्ध है।
तंगुएड मठ सहित यहां कई बौद्ध मठ प्रसिद्ध हैं। काजा हिल स्टेशन के निकट ही कीब गांव भी पर्यटकों का पसंदीदा क्षेत्र है।
समुद्र तल से करीब 4205 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह गांव अपने खास सौन्दर्य के लिए जाना पहचाना जाता है। गेटे गांव भी विशेष है।
लैंग्जा गांव समुद्री जीवाश्म के लिए विशेष तौर से जाना जाता है। काजा हिल स्टेशन से करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित धनकर किला यहां का एक अन्य सुन्दर आकर्षण है।
खास यह कि काजा हिल स्टेशन इलाके में हिक्किम गांव आबाद है। समुद्र तल से करीब 4400 मीटर ऊंचाई पर स्थित हिक्किम गांव दुनिया की सर्वाधिक ऊंचाई वाला गांव है।
इन सहित अन्य खूबियों के कारण ही काजा हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र है।
काजा हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट भुंटर एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी काजा हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
32.275560,78.006550
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