कसोल हिल स्टेशन: प्रकृति का नायाब तोहफा
कसोल हिल स्टेशन को प्रकृति का नायाब तोहफा कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, कसोल हिल स्टेशन के चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा दिखती है।
भारत के हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू का यह शानदार हिल स्टेशन देश-विदेश के पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। कसोल हिल स्टेशन वस्तुत: हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा गांव है।
समुद्र तल से करीब 1580 मीटर ऊंचाई पर स्थित कसोल हिल स्टेशन ट्रैकर्स, बैकपैकर एवं प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग की भांति है। प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज कसोल हिल स्टेशन भारत के एम्स्टर्डम के रूप में जाना पहचाना जाता है।
पार्वती नदी के किनारे स्थित कसोल हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य का अद्भुत आयाम है। भंुतर एवं मणिकरण के मध्य रचा-बसा यह हिल स्टेशन चौतरफा मखमली घास से आच्छादित है।
प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण इसे भारत का मिनी इजराइल भी कहा जाता है। आैषधीय वनस्पतियों, देवदार के सघन वन क्षेत्र कसोल हिल स्टेशन की शान हैं।
शांत एवं शीतल वातावरण पर्यटकों को एक विशेष सुकून प्रदान करते हैं। खास यह कि कसोल का मौसम हमेशा खुशगवार रहता है।
कसोल हिल स्टेशन पर बर्फबारी का आनन्द लेना हो तो पर्यटकों को दिसम्बर से फरवरी के मध्य यात्रा करनी चाहिए। चौतरफा बर्फ की सुन्दर चादर दिखेगी।
बर्फबारी का सुन्दर दृश्य पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। हरे-भरे मखमली घास के मैदान हों या फिर शानदार आशियाने हों, सभी बर्फ की चादर से ढ़के नजर आते हैं।
बर्फ से खेलना एक शानदार रोमांचक अनुभव कराता है। कुल्लू से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित कसोल हिल स्टेशन एक अद्भुत एवं विलक्षण प्रतीत होता है।
खास यह कि कसोल संगीत समारोह के लिए देश दुनिया में प्रसिद्ध है। कसोल संगीत समारोह प्रति वर्ष नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित होता है। दुनिया भर के पर्यटक इस आनन्द की अनुभूति के लिए यहां एकत्र होते हैं।
खास यह कि पर्यटक कसोल हिल स्टेशन पर गांव की मेहमानवाजी का भरपूर आनन्द उठा सकते है। इसके लिए पर्यटकों को शुल्क चुकाना पड़ता है।
कुल्लू का यह गांव पर्यटकों के बीच अपने खास प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां प्रकृति की गोद एवं तारों की छांव का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। इसे भारत का मिनी स्वीट्जरलैंड भी कहा जाता है।
पर्यटक कसोल हिल स्टेशन एवं आसपास प्राकृतिक सौन्दर्य का भरपूर लुफ्त ले सकते हैं। पार्वती नदी, खीरगंगा चोटी, मलाना, तोष, मणिकरण, जरी एवं भुंतर आदि इत्यादि की सैर कर आनन्द ले सकते हैं।
देवदार एवं आैषधीय वनस्पतियों का सघन वन क्षेत्र पर्यटकों को विशेष आनन्द की अनुभूति कराता है।
पार्वती नदी का निर्मल जल पर्यटकों को जलक्रीड़ा के लिए आमंत्रित करता है। नदी के जल के साथ अठखेलियां करना बेहद रोमांचक होता है।
घाटियों-वादियों से लेकर पर्वत मालाओं से आच्छादित यह हिल स्टेशन बेहद लुभावना है। पर्यटक यहां का सुहावने मौसम में खो से जाते हैं।
कसोल हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से जून की अवधि है। खास यह कि कसोल हिल स्टेशन फूलों की विभिन्न प्रजातियों से शोभायमान है। लिहाजा फूलों की सुगंध दिल एवं दिमाग को एक विशेष ताजगी प्रदान करती है।
पर्यटक कसोल हिल स्टेशन पर भरपूूर आक्सीजन का एहसास करते हैं। खास यह कि इस परिवेश में फेफड़ों को जैसे पंख लग जाते हों।
पर्यटक कसोल हिल स्टेशन की यात्रा कर खुद को अति ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं।
कसोल हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट भुंतर एयरपोर्ट है। भुंतर एयरपोर्ट से कसोल हिल स्टेशन की दूरी करीब 40 किलोमीटर है।
निकटतम रेलवे स्टेशन कालका जंक्शन एवं चण्डीगढ़ जंक्शन है। कालका जंक्शन से कसोल हिल स्टेशन की दूरी करीब 135 किलोमीटर है। चण्डीगढ़ जंक्शन से कसोल हिल स्टेशन की दूरी करीब 152 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कसोल हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.912800,77.174300
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