Friday, 31 May 2019

बड़ोग हिल स्टेशन: मखमली एहसास

   बड़ोग हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, बड़ोग हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है।

  पर्यटक यहां प्राकृतिक नजारों के बीच रोमांचक एहसास करते हैं। भारत के हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला का एक छोटा शहर बड़ोग ने प्राकृतिक सुन्दरता से पर्यटन की दुनिया में एक खास स्थान बना लिया। 

   स्थानीय बोलचाल की भाषा में इसे बरोग भी कहा जाता है। समुद्र तल से करीब 1680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बड़ोग हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
  चौतरफा प्रकृति के इन्द्रधनुषी नजारे पर्यटकों को मुग्ध कर लेते हैं। मखमली घास के विहंगम मैदान एवं लॉन पर्यटकों को एक शानदार एवं सुन्दर एहसास कराते हैं।

   कालका-शिमला नैरो गेज रेलवे स्टेशन भी बड़ोग में है। इस स्थान का नामकरण भी ब्रिाटिश इंजीनियर बड़ोग के नाम पर है। इंजीनियर बड़ोग ने इस पर्वतीय इलाके में एक बड़ी टनल बनाने की योजना बनायी थी। 

   इंजीनियर बड़ोग की स्मृति में इस इलाके को बड़ोग के नाम से जाना पहचाना जाता है। कालका-शिमला रेलवे की सबसे बड़ी टनल है। इसकी लम्बाई 1143.61 मीटर है। इसे विश्व की सबसे सीधी टनल के रूप जाना पहचाना जाता है। गुफाओं में संरचित रेल मार्ग भी पर्यटकों को यात्रा के दौरान बेहद रोमांच प्रदान करता है। 

   खास यह है कि यह रेलवे मार्ग गुफाओं से आच्छादित है। लिहाजा पर्यटक रेल यात्रा के दौरान हर पल एक खास रोमांच का एहसास करते हैं। चण्डीगढ़ से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित बड़ोग हिल स्टेशन प्राकृतिक खूबसूरत रेलवेे स्टेशन के तौर पर भी जाना पहचाना जाता है।

  बड़ोग हिल स्टेशन पर चौतरफा प्रकृति के सुन्दर नजारे एक शानदार एवं रोमांचक अनुभव प्रदान करते हैं। वस्तुत: चीड़ के सुन्दर वृक्षों से घिरा बड़ोग हिल स्टेशन प्रकृति का सुन्दर उपहार है। बड़ोग हिल स्टेशन एवं आसपास प्राकृतिक सौन्दर्य एवं आकर्षक स्थानों की शानदार एवं लम्बी श्रंखला है। 

   चूर चांदनी चोटी इस इलाके का मुख्य आकर्षण है। बड़ोग हिल स्टेशन के अन्य मुख्य आकर्षण में दगशाई, विशाल शिव मंदिर, दोलांजी बोन मठ, रेणुका झील आदि इत्यादि हैं। इसके अलावा पर्यटक यहां शलोनी देवी मंदिर, बच्चों का पार्क एवं जवाहर पार्क में भी भरपूर आनन्द ले सकते हैैं। 

   पर्यटक यदि बर्फबारी के शौकीन हैं तोे सर्दियों में बड़ोग हिल स्टेशन की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। सर्दियोें में बड़ोग हिल स्टेशन पर चौतरफा अलग ही नजारा दिखेगा। खास यह कि यहां बादलों की तो पर्यटकों से दोस्ती हो जाती है। 

   बादलों का खिलंदडपन पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है। बादल कभी पर्यटकों की गोद में होते हैं तो कभी पर्यटक बादलों की गोद में होते हैं। 
  खास यह कि बड़ोग हिल स्टेशन पर जलवायु की शीतलता मन एवं तन को प्रफुल्लित कर देती है। गर्मियों में भी पर्यटक यहां एक शांत शीतलता का एहसास करते हैं। 

  बड़ोग हिल स्टेशन का माहौल हमेशा खुशगवार रहता है। घाटियों-वादियों की खूबसूरती पर्यटकों को रिझाती है। खास यह कि बड़ोग हिल स्टेशन पर चौतरफा आनन्द की सुखद एवं शानदार अनुभूति यात्रा को यादगार बना देती है। स्वादिष्ट व्यंजनों की उपलब्धता आसान हो तो यात्रा का आनन्द दोगुना हो जाता है। 

   बड़ोग हिल स्टेशन में स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों का शानदार स्वागत करते हैं। बड़ोग हिल स्टेशन से कुछ ही दूर पर्यटकों के ठहरने की शानदार व्यवस्था है। लिहाजा सैर सपाटा करने के उपरांत हिमाचल टूरिज्म के होटल में विश्राम कर सकते हैंं।

   बड़ोग हिल स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर हिमाचल टूरिज्म का शानदार होटल है। यहां पर्यटकों को स्वादिष्ट व्यंजनों के चटखारे लेना नहीं भूलना चाहिए।
  बड़ोग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट शिमला एवं चण्डीगढ़ हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी बड़ोग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.889890,77.105200

Tuesday, 28 May 2019

ग्वालदम हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास

   ग्वालदम हिल स्टेशन को प्रकृति की गोद का एक शानदार रोमांचक एहसास कहा जाना चाहिए। जी हां, ग्वालदम हिल स्टेशन प्रकृति की गोद में रचा-बसा सुन्दर परिदृश्य है।

  हरी मखमली घास का सुखद स्पर्श बेहद रोमांचक एहसास कराता है। चाय एवं सेब बागानों की खूशबू दिल एवं दिमाग को खास ताजगी प्रदान करती है। भारत के उत्तराखण्ड के चमोली का यह शानदार हिल स्टेशन बेहद दर्शनीय एवं सुन्दर है। 

   गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल के मध्य स्थित ग्वालदम हिल स्टेशन देश विदेश के पर्यटकों के खास आकर्षण का केन्द्र रहता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पर्यटक प्रकृति की गोद में हों। 

   समुद्र तल से करीब 1960 मीटर ऊंचाई पर स्थित ग्वालदम हिल स्टेशन वस्तुत: हिमालय की गोद है। ग्वालदम हिल स्टेशन वस्तुत: चौतरफा हिमालय की शानदार एवं बेहतरीन चोटियों से घिरा है। 

   खास यह कि समुद्र तल से करीब 7817 मीटर ऊंचाई वाली नंदा देवी पर्वत चोटी के यहां से शानदार दर्शन होते हैं। इसी प्रकार करीब 7120 मीटर ऊंचाई वाली त्रिशूूल पर्वत चोटी एवं करीब 6309 मीटर ऊंचाई वाला पर्वत नंदा घुति भी यहां से दर्शनीय है। कौसानी से करीब 39 किलोमीटर दूर स्थित ग्वालदम हिल स्टेशन हिमालय दर्शन का विशेष आकर्षण पेश करता है। 

   बैजनाथ धाम से करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित ग्वालदम हिल स्टेशन खास तौर से हिम शिखरों का इलाका है। चौतरफा पर्वतीय सौन्दर्य दर्शनीय है। ग्वालदम हिल स्टेशन वस्तुत: चाय एवं सेब बागानों के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है।

   चाय एवं सेब बागानों की सुगंध पर्यटकों के मन मस्तिष्क को विशेष ताजगी प्रदान करती है। ग्वालदम हिल स्टेशन की जलवायु पर्यटकों को भरपूर आक्सीजन देती है। जिससे पर्यटक खास तौर से ऊर्जावान महसूस करते हैं।

  ग्वालदम हिल स्टेशन की जलवायु में पर्यटक एहसास करते हैं कि जैसे फेफड़ों में पंख लग गये होंं। वस्तुत: ग्वालदम हिमालय का एक छोटा शहर है लेकिन प्राकृतिक सम्पदाओं से अति समृद्ध है। 

    आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता इस इलाके को काफी कुछ खास बना देती है। हालात यह हैं कि ग्वालदम हिल स्टेशन की जलवायु बेहद स्वास्थ्यवर्धक है। 
  अस्वस्थ्य व्यक्ति भी यहां ऊर्जावान होने का एहसास करने लगते हैं। वस्तुत: देखा जाये तो इसे हिमालय का सुन्दर दर्पण कहा जाना चाहिए। बादलों की आवाजाही बेहद प्रफुल्लित करती है।

   चौतरफा बादलों का आच्छादन मन तन को पुलकित कर देता है। इसे आदर्श पिकनिक स्पॉट भी कहा जा सकता है। 
  खास यह कि ग्वालदम हिल स्टेशन एवं चौतरफा आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। बंदगारी, ग्वालदम नाग, अंगीरी महादेव, मची ताल, बुद्धा देवी, पिंडार नदी आदि इत्यादि हैं। 

   पर्यटक ग्वालदम हिल स्टेशन पर रोपट्रैक का भी भरपूर आनन्द ले सकते हैं। ग्वालदम से रोपकुंड का आनन्द पर्यटकों की इस यात्रा को अविस्मरणीय बना देता है।
   खास यह कि ग्वालदम हिल स्टेशन ट्रैकिंग के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। लिहाजा इस इलाके में देश विदेश के ट्रैकर्स आनन्द लेने आते हैं। 

   देवदार के शानदार वृक्षों से आच्छादित यह इलाका अति दर्शनीय है। वन क्षेत्र की सघनता में वन्य जीवन का कोलाहल पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करता है।
  सर्दियोें में यहां का परिदृश्य अति दर्शनीय होता है। चौतरफा बर्फ का शानदार आच्छादन अति सुन्दर प्रतीत होता है।

   ग्वालदम हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। देहरादून से ग्वालदम हिल स्टेशन की दूरी करीब 149 किलोमीटर है।
  निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम जंक्शन है। काठगोदाम से ग्वालदम हिल स्टेशन की दूरी करीब 82 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी ग्वालदम हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.003199,79.568535

Friday, 24 May 2019

भवाली हिल स्टेशन: प्रकृति का श्रृंगार

   भवाली हिल स्टेशन को प्रकृति का श्रृंगार कहा जाना चाहिए। जी हां, भवाली हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है।

   भारत के उत्तराखण्ड के जिला नैनीताल का यह सुन्दर एवं शानदार हिल स्टेशन पर्यटकों का खास आकर्षण है। समुद्र तल से करीब 1654 मीटर ऊंचाई पर स्थित भवाली हिल स्टेशन वस्तुत: प्रकृति का शानदार खजाना है।
  चौतरफा हसीन वादियों-घाटियों का आच्छादन है। वहीं, चौतरफा आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता इस इलाके को काफी कुछ खास बना देती है। 

  नैनीताल से कुछ दूर स्थित भवाली हिल स्टेशन उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्रों में जाना पहचाना जाता है। इस इलाके की खास पहचान झीलों एवं झरनों से है। इस इलाके की झीलों की ख्याति वैश्विक स्तर पर है। 

   खास यह कि भवाली हिल स्टेशन की हरी-भरी वादियां-घाटियां दिल आैर दिमाग को एक प्रफुल्लता प्रदान करती हैं। जिससे पर्यटक एक ताजगी का एहसास करते हैं।
   भवाली हिल स्टेशन वस्तुत: नैनीताल की सीमा पर स्थित एक शानदार प्रकृति दर्शन है। खास यह कि यहां के मुग्ध करने वाले परिवेश में पर्यटक खो जाते हैं। 

   वस्तुत: देखें तो यहां की शुद्ध जलवायु आैषधि का कार्य करती है। हालात यह हैं कि भवाली हिल स्टेशन विशिष्टताओं के कारण देश दुनिया में जाना पहचाना जाता है।
   ऊंची-ऊंची पर्वत श्रंखला भवाली हिल स्टेशन की शान हैं। सीढ़ीदार खेतों की श्रंखला एवं घुमावदार रास्ते पर्यटकों को मुग्ध करते हैं। 

  हसीन वादियों एवं मनमोहक वातावरण में पर्यटक सुध बुध खो बैठते हैं। भवाली हिल स्टेशन का टी.बी. सैनिटोरियम के लिए भी खास तौर से ख्याति रखता है। 
  यह इलाका चीड़ के आैषधीय पेड़ों से आच्छादित है। लिहाजा यहां की आैषधीय एवं शुद्ध जलवायु टी.बी. से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है। 

   इस आैषधीय संस्थान की स्थापना वर्ष 1912 में की गयी थी। भवाली हिल स्टेशन वस्तुत: स्वर्ग की शान एवं शोभा को दर्शाता है। भवाली की सर्पीले आकार-प्रकार की सड़कों का संजाल भी इसे खूबसूरत बना देता है। 
  चौतरफा आैषधीय वन क्षेत्र पर्यटकों को एक विशेष ताजगी प्रदान करते है। यहां बुरांश के पेड़ भारी मात्रा पाये जाते हैं। 

   लिहाजा इसकी सुगंध एवं आैषधीय तत्व पर्यटकों को विशेष ऊर्जावान बना देते हैं। बुरांश के फूलों का रस स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। 
   विशेषज्ञों की मानें तोे भवाली हिल स्टेशन की जलवायु स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभदायक है। भवाली हिल स्टेशन में दर्शनीय स्थलों की भी एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है।

   भवाली भले ही छोटा पर्यटन क्षेत्र हो लेकिन इसके महत्व को कमतर नहीं देखा जा सकता है। गोलू देवता मंदिर यहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है।
  इसकी प्राचीनता का भी एक विशेष इतिहास है। भवाली में ही घोड़ाखाल सैनिक स्कूल है। प्राचीन जाबर मंदिर भगवान शिव को समर्पित शिव मंदिर है। 

   लड़ियाकाटा की पहाडी की तलहटी पर स्थित इस मंदिर की विशिष्टतायें हैं। खास यह कि यहां लकड़ी का शिवलिंग प्रतिष्ठापित है। नैनीताल जिला का यह एकमात्र शिव मंदिर है। जिसमें विशिष्टताओं की एक श्रंखला विद्यमान है।

  मंदिर में 18 फुट लम्बा त्रिशूल स्थापित है। नैनीताल से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित भवाली हिल स्टेशन खास तौर से आडू, सेब पूलम अर्थात आलूबुखारा की खेती के लिए प्रसिद्ध है। भवाली हिल स्टेशन पर फल एवं फूलों की सुगंध पर्यटकों के दिल एवं दिमाग को प्रफुल्लित कर देती है।

  भवाली हिल स्टेशन आसपास के पर्यटन इलाकों से जुड़ा है। लिहाजा पर्यटक आसपास के पर्यटन का भी भरपूर आनन्द ले सकते हैं। पर्यटक भवाली हिल स्टेशन से काठगोदाम, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत-भीमताल, सातताल-रामगढ़, मुक्तेश्वर की यात्रा कर सकते हैं।


   भवाली हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। इसके अलावा पर्यटक पंतनगर एयरपोर्ट पंतनगर से भी यात्रा सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी भवाली हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
29.380180,79.463640

Wednesday, 22 May 2019

खिलनमर्ग हिल स्टेशन: धरती का स्वर्ग

   खिलनमर्ग हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, खिलनमर्ग के प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है।

   मखमली घास से सुसज्जित मैदान-ढ़लान व कोमल फूलों से सजी घाटियां-वादियां यहां की खास शान हैं। भारत के प्रांत जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला का यह शानदार हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है।

   वस्तुत: गुलमर्ग से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित खिलनमर्ग हिल स्टेशन एक शानदार एवं सुन्दर घाटी है। समुद्र तल से करीब 2730 मीटर ऊंचाई पर स्थित खिलनमर्ग हिल स्टेशन एक स्वप्नलोक है। 

  खास यह कि यहां से गुलमर्ग एवं कश्मीर की घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य आसानी से देखा जा सकता है। वस्तुत: इस इलाके को शिव समुद्र तट के नाम से जाना पहचाना जाता है। वस्तुत: खिलनमर्ग एक ढ़लान वाली स्थलाकृति है।

   खिलनमर्ग हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य वैश्विक पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करता है। बर्फ से ढकी पर्वत चोटियां, मखमली घास के विशाल मैदान एवं फूलों से आच्छादित बाग-बगीचे खिलनमर्ग हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य में चार चांद लगा देते हैं। 

   खास यह कि खिलनमर्ग हिल स्टेशन एशिया का एकमात्र हेली स्कीइंग रिसोर्ट भी है। यहां सुन्दरता के बीच साहसिक खेलों की हलचल पर्यटकों को रोमांचित करती है। शीतकालीन खेलों के लिए खिलनमर्ग हिल स्टेशन खास तौर से जाना पहचाना जाता है।

  श्रीनगर से करीब 56 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित खिलनमर्ग हिल स्टेशन अपने खास अंदाज के लिए जाना पहचाना जाता है। वस्तुत: खिलनमर्ग हिल स्टेशन प्रकृति की गोद में आकर्षक लक्जरी पहाडी रिसोर्ट है।
   वस्तुत: इस इलाके को गौरीमार्ग भी कहा जाता है। बर्फ से खेलने का शौक हो तो पर्यटकों को सर्दियों में इस हिल स्टेशन पर आनन्द शिखर की अनुभूति करनी चाहिए। 

   खिलनमर्ग हिल स्टेशन की असाधारण सुन्दरता पर्यटकों को मोह लेती है। खास तौर से खिलनमर्ग की ग्रामीण संस्कृति का अंदाज ही कुछ खास दिखता है। खिलनमर्ग हिल स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित गुलमर्ग हिल स्टेशन पर भी पर्यटक आनन्द की सुखद अनुभूति कर सकते हैं। यहां विशाल गोल्फ कोर्स भी है। 

  विशेषज्ञों की मानें तो दुनिया का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स गुलमर्ग की शान है। इसे ग्रीन गोल्फ कोर्स के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। गुलमर्ग में गुंडोला लिफ्ट पर्यटकों को एक खास रोमांच का एहसास कराती है। 

   यह जीवन का बेहद रोमांचक क्षण एवं अनुभव होता है। यह ट्रैक पर्यटकों को 15000 फुट की ऊंचाई तक ले जाता है। शीतलता एवं शांति के बीच आनन्द की अनुभूति एक शानदार अनुभव प्रदान करता है। 
   खास यह कि देवदार के सघन वन क्षेत्र खिलनमर्ग हिल स्टेशन की सौन्दर्य आभा को आैर भी अधिक निखार देते हैं।

  आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता खिलनमर्ग हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। विशेषज्ञों की मानें तो विलुप्त आैषधीय वनस्पतियों की एक लम्बी श्रंखला खिलनमर्ग हिल स्टेशन पर सुरक्षित एवं संरक्षित है। पर्यटक यहां खुद को अत्यधिक ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं। फेफडों को जैसे पंख लग जाते हों। 

   खिलनमर्ग हिल स्टेशन की यात्रा का हर मौसम में एक अलग आनन्द है। लिहाजा मौसम के लिहाज से यात्रा न करके आनन्द की अनुभूति एवं एक सुखद ताजगी के लिए खिलनमर्ग हिल स्टेशन की यात्रा करनी चाहिए।

    खिलनमर्ग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट सतवरी श्रीनगर एयरपोर्ट है। सतवरी श्रीनगर एयरपोर्ट से बारामूला की दूरी करीब 175 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन बनिहाल जंक्शन है। बनिहाल जंक्शन से बारामूला की दूरी करीब 115 किलोमीटर है। पर्यटक खिलनमर्ग हिल स्टेशन की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं।
34.203900,74.354400

Friday, 17 May 2019

रांची हिल स्टेशन: धरती का ताज

  रांची हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य को धरती का ताज कहा जाना चाहिए। जी हां, रांची हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है।

  चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा दिखती है। प्राकृतिक सौन्दर्य की यह इन्द्रधनुषी निराली छटा पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करती है।
  रांची खास तौर से एक शानदार हिल स्टेशन के साथ ही भारत के प्रांत झारखण्ड की राजधानी होने का गौरव भी रखता है। 

  रांची को पूरब का मैनचेस्टर भी कहा जाता है। रांची हिल स्टेशन को शानदार पर्वत श्रंखलाओं एवं शानदार एवं झीलों-झरनों के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। रांची झील इस हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। 

   समुद्र तल से करीब 2140 फुट ऊंचाई पर स्थित रांची हिल स्टेशन पहाड़ी सौन्दर्य का शानदार आयाम है। पर्यटक यहां ट्रैकिंग एवं रॉक क्लाइबिंग का शौक पूरा कर सकते हैं। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता निश्चय ही पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है।

   झारखण्ड का शाब्दिक आशय जंगल का क्षेत्र से होता है। इस आशय से ही स्पष्ट है कि रांची हिल स्टेशन वन सम्पदाओं से आच्छादित है। सदाबहार वन क्षेत्र एवं वन्य जीवन रांची हिल स्टेशन की खासियत है। 
   वस्तुत: रांची हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता इस क्षेत्र को काफी कुछ खास बना देती है। यूं कहें कि रांची हिल स्टेशन आैषधीय वनस्पतियों का भण्डारण क्षेत्र है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।

  पर्यटक रांची हिल स्टेशन की यात्रा के दौरान एक खास रोमांच का एहसास करते हैं। रांची हिल स्टेशन एवं आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थलों की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। 

  खास तौर से रांची हिल्स, हुदरू फॉल्स, दशम फॉल्स, जोन्हा फॉल्स, रांची झील, पहाड़ी मंंदिर, जगन्नाथ मंदिर, बिरसा जूलॉजिकल पार्क, कांके बांध, रॉक गार्डेन, डियर पार्क आदि इत्यादि बहुत कुछ है।

  खास यह कि रांची हिल स्टेशन की आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता पर्यटकों को खास तौर से ऊर्जावान बना देती है। यहां की शीतल एवं शांत जलवायु पर्यटकों को खास ऊर्जा से भर देती है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे फेफड़ों को पंख लग जाते हों। 

  इस इलाके के दर्शनीय स्थलों में खास तौर से नेतारहाट, सती हिल्स, पारसनाथ पर्वत, खंडोली पर्वत आदि इत्यादि हैं। रांची हिल स्टेशन भ्रमण के लिए सितम्बर से मई की अवधि आदर्श समय माना जाता है। 

  नेतारहाट: नेतारहाट वस्तुत: झारखण्ड का अति दर्शनीय हिल स्टेशन है। यह हिल स्टेशन झारखण्ड के जिला लातेहार का हिस्सा है। इसे छोटा नागपुर की रानी भी कहा जाता है।
   नेतारहाट वस्तुत: सूर्योदय एवं सूर्यास्त के लिए पर्यटकों के बीच खास तौर से प्रसिद्ध है। समुद्र तल से करीब 1071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नेतारहाट का अपना एक अलग ही आनन्द है। मानसून के लिए नेतारहाट एक शानदार एवं आदर्श हिल स्टेशन माना जाता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए नेतारहाट किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
    सती हिल्स: सती हिल्स वस्तुत: झारखण्ड का मुख्य आकर्षण है। हजारीबाग जिला का यह हिल स्टेशन बडकागांव में स्थित है। यह हिल स्टेशन वस्तुत: रॉक पेंटिंग्स एवं बड़ी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है।
   खास यह कि यह गुफा अति भव्य एवं दिव्य है। इसमें एक साथ दो सौ से अधिक पर्यटक प्रवेश कर सकते हैं। गुफा के आसपास का क्षेत्र अति दर्शनीय है। 
  पारसनाथ पर्वत: पारसनाथ पर्वत समुद्र तल से करीब 4500 फुट ऊंचाई पर स्थित है। पारसनाथ पर्वत वस्तुत: गिरिडीह जिला स्थित पहाड़ियों की एक बड़ी श्रंखला है।
   प्राकृतिक खूबसूरती के साथ साथ इस इलाके का धार्मिक महत्व भी है। जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर पारसनाथ के नाम पर इस इलाके को जाना पहचाना जाता है।
   खास यह कि इस पर्वत पर जैन धर्म के सभी 9 तीर्थंकर के मंदिर विद्यमान हैं। मान्यता है कि इन तीर्थंकर ने यहां मोझ प्राप्त किया था। धर्म के साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए यह क्षेत्र बेहतरीन है।

   रांची हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट रांची एयरपोर्ट है। रेलवे स्टेेशन भी रांची जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी रांची हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
23.369900,85.325279

फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...