नुब्रा घाटी: सुगंध का तोहफा
नुब्रा घाटी को प्रकृति की गोद कहा जाना चाहिए। नुब्रा घाटी वस्तुत: प्रकृति की गोद में रचा-बसा एक शानदार एवं सुन्दर हिल स्टेशन है।
नुब्रा घाटी में ऐसा प्रतीत होता है कि जैसा साक्षात धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। भारत के जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख का यह इलाका किसी जादुई करिश्मा से कम नहीं। नुब्रा घाटी का शांत वातावरण एवं शीतलता पर्यटकों को एक खास ऊर्जा प्रदान करती है।
समुद्र तल से करीब 3038 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शानदार हिल स्टेशन वस्तुत: धरती पर एक अलग ही दुनिया है।
नुब्रा घाटी वस्तुत: नदियों का संगम है। यह श्योक नदी एवं नुब्रा नदी का संगम स्थल है। नुब्रा घाटी का शाब्दिक अर्थ फूलों की घाटी होता है।
खास यह कि फूलों की विभिन्न प्रजातियां पुष्पित एवंं पल्लवित होती हैं। इसे लद्दाख के बाग के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। ऋतुओं के संग फूलों की प्रजातियों में भी यहां बदलाव दिखता है। सर्दियों में नुब्रा घाटी पर खास खुशबू वाले फूलों की चादर सी बिछ जाती है।
गर्मियों मेें खास किस्म के गुलाबी एवं पीले फूलों की इन्द्रधनुषी निराली छटा पर्यटकों को मुग्ध करती है। खास यह कि यहां जंगली फूलों की आभा भी नुब्रा घाटी की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।
विशेषज्ञों की मानें तो दुनिया का सबसे ऊंचा दर्रा खार्दूंग ला दर्रा भी इसी इलाके में है। इस दर्रा की दर्शनीयता पर्यटकों को एक खास रोमांच से भर देती है।
इस दर्रा की समुद्र तल से ऊंचाई करीब 5602 मीटर है। इसे दुनिया का सबसे ऊंचा मोटर साइकिल पास भी माना जाता है।
खास यह कि नुब्राा घाटी एवं आसपास का इलाका अधिकतर समय बर्फ से आच्छादित रहता है। लिहाजा पर्यटक नुब्राा घाटी पर रोमांचक एहसास करते हैं।
पनामिक गांव, एन्सा मठ एवं दिस्कित मठ खास तौर से नुब्राा घाटी के मुख्य आकर्षण है। पनामिक गांव समुद्र तल से करीब 10442 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
खास यह कि पर्यटक यहां हर पल रोमांच का एहसास करते हैं। नुब्रा घाटी को डुमरा के भी नाम से जाना पहचाना जाता है।
डुमरा का अर्थ फूलों की घाटी होेता है। नुब्रा घाटी वस्तुत: लेह-लद्दाख का मिला जुला इलाका है। इस घाटी की खासियत है कि इसे तीन भुजाओं वाली घाटी के तौर पर जाना पहचाना जाता है।
डुमरा का अर्थ फूलों की घाटी होेता है। नुब्रा घाटी वस्तुत: लेह-लद्दाख का मिला जुला इलाका है। इस घाटी की खासियत है कि इसे तीन भुजाओं वाली घाटी के तौर पर जाना पहचाना जाता है।
खास यह कि नुब्रा घाटी पर पर्यटक आकाश की खूबसूरती का हर रंग आसानी से देख सकते हैं। नुब्रा घाटी पर नीला आकाश अति दर्शनीय एवं खूबसूरत प्रतीत होता है।
नुब्रा घाटी के चौतरफा पर्वत शिखर एवं पर्वत शिखर पर बर्फ की चादर अति सुन्दर प्रतीत होती है। खास यह कि नुब्रा घाटी एवं आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। हंडर लद्दाख, तुतुर्क, सुमूर, पनामिक गांव आदि इत्यादि हैं।
हंडर लद्दाख: हंडर लद्दाख को नुब्रा घाटी की शान कहा जाना चाहिए। वस्तुत: यह अति दर्शनीय एवं सुन्दर स्थान है। नुब्रा घाटी से करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
वस्तुत: यह रेतीला इलाका है। हंडर मखमली रेत से घिरा इलाका है। यहां आवागमन के लिए ऊंट की सवारी का उपयोग किया जाता है।
तुतुर्क: तुतुर्क वस्तुत: नुब्रा घाटी का खास आकर्षण है। हंडर लद्दाख से करीब 85 किलोमीटर दूर स्थित यह इलाका श्याक नदी का किनारा है। इलाका अति सुन्दर एवं दर्शनीय है।
सुमूर: सुमूर इस शानदार घाटी का सबसे अधिक पसंदीदा इलाका है। सुमूर में एक बड़ा बौद्ध मठ है। इसे समस्तलिंग गोम्पा कहा जाता है।
सुमूर: सुमूर इस शानदार घाटी का सबसे अधिक पसंदीदा इलाका है। सुमूर में एक बड़ा बौद्ध मठ है। इसे समस्तलिंग गोम्पा कहा जाता है।
इसकी भव्यता-दिव्यता देखते ही बनती है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्तलिंग मठ की स्थापना करीब 150 वर्ष पूूर्व लामा सुल्तिम निमा ने की थी। इस मठ में करीब 100 भिक्षु प्रवास करते हैं।
पनामिक गांव: पनामिक गांव खार्दुंग ला दर्रा से करीब 69 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। लेह से यहां की दूरी करीब 150 किलोमीटर है। पनामिक गांव समुद्र तल से करीब 3183 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
नुब्रा घाटी की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट लेह एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी नुब्रा घाटी की यात्रा कर सकते हैं।
34.146490,77.481610
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