Monday, 13 May 2019

लामायुरु हिल स्टेशन: विलक्षण एवं अद्भुत

   लामायुरु हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण कहा जाना चाहिए। विलक्षण एवं अद्भुत सौन्दर्य के कारण ही शायद इसे मूनलैण्ड कहा जाता है। 

   लामायुरु हिल स्टेशन की निराली इन्द्रधनुुषी छटा अति दर्शनीय है। भारत के जम्मू एवं कश्मीर प्रांत के लेह-लद्दाख का यह सुन्दर हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। समुद्र तल से करीब 3510 मीटर ऊंचाई पर स्थित लामायुरु हिल स्टेशन वस्तुत: एक अलग ही दुनिया है। 

   खास तौर से यह इलाका तिब्बती मठ के लिए प्रसिद्ध है। लिहाजा इस क्षेत्र को धार्मिक मान्यता भी हासिल है। श्रीनगर से करीब 434 किलोमीटर एवं मनाली से करीब 474 किलोमीटर दूर स्थित लामायुरु हिल स्टेशन अति दर्शनीय क्षेत्र है। 

   खास तौर से यह इलाका पन्ना झीलों, ट्रैकिंग ट्रेल्स एवं घाटियों-वादियों के लिए जाना पहचाना जाता है। इसे मठ एवं भिक्षुओं की भूमि भी कहा जाता है। घाटियों-वादियोंंं की गोद में रचा-बसा यह इलाका स्वर्ग लोक सा प्रतीत होता है। सुन्दर परिदृश्य के बीच बसा गांव रोमांचक एहसास कराता है।

   वस्तुत: लामायुरु लेह-लद्दाख का एक सुन्दर सुरम्य गांव है। कारगिल से लेह के मध्य यह एक सुन्दर गांव है। जिसे आदर्श माना जाता है।
  खास तौर से लामायुरु हिल स्टेशन पर धार्मिकता का इन्द्रधनुषी रंग देखने को मिलता है। लामायुरु हिल स्टेशन का गोम्पा मठ अति प्रसिद्ध है। इसे लद्दाख का सबसे प्राचीन मठ माना जाता है।

  विशेषज्ञों की मानें तो लामायुरु हिल स्टेशन एरिया कभी एक सुन्दर एवं शानदार झील थी। यह झील शनै:-शनै: विलुप्त हो गयी। युरु काब नाम से एक खास उत्सव यहां विशेष होता है। इस उत्सव में भिक्षु विशेष अनुष्ठान करते हैं। साथ ही भिक्षुओं का विशेष नृत्य उत्सव की शान एवं शोभा होती है। 

  खास तौर से लामायुरु हिल स्टेशन लद्दाख की लोक संस्कृति अर्थात खान-पान से लेकर वेषभूषा आदि इत्यादि बहुत कुछ अति दर्शनीय होती है। लद्दाख के बाशिंदों की मुस्कान दिलों को जीत लेती है। 

  लद्दाख के बाशिंदों की चुस्ती फुर्ती देखते ही बनती है। साहसिक एवं रोमांचक खेल प्रेमियों के लिए लामायुरु हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
  यहां की सुरम्यता पर्यटकों को एक विशेष ऊर्जा से भर देती है। लिहाजा लामायुरु हिल स्टेशन पर पर्यटक खुद को बेहद ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं। 

   लामायुरु हिल स्टेशन एवं आसपास स्थानीय लोक संस्कृति पर्यटकों को खास तौर से लुभाती है। खास तौर से कलाकृतियां, भित्ति चित्र, थैगस, मूर्ति शिल्प, कालीन आदि इत्यादि दर्शनीय होते हैं। यहां का समृद्ध संग्रह जीवन पर्यंत यादगार बना रहता है।

  खास यह कि फोटोग्राफर्स के लिए लामायुरु हिल स्टेशन किसी स्वर्ग की भांंति है। लामायुरु हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय जून से सितम्बर अवधि होता है। इस दौरान का मौसम साफ एवं सुहाना होता है। 

  बर्फबारी का आनन्द लेना हो तो लामायुरु हिल स्टेशन की यात्रा सर्दियों में करना चाहिए। चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं पर बर्फ की चादर एक सुनहरी बिखेरती है। शीतलता ऐसी कि रोम-रोम पुलकित हो जाये।

   ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे लामायुरु हिल स्टेशन एक अलग ही दुनिया हो। पर्यटक लामायुरु हिल स्टेशन पर शांति के साथ ही एक रोमांचक एहसास भी करते हैं।


   लामायुरु हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध है। निकटतम एयरपोर्ट लेह एयरपोर्ट है। लेह एयरपोर्ट से लामायुरु हिल स्टेशन की दूरी करीब 107 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी लामायुरु हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
34.288450,76.773270

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