रामगढ़ हिल स्टेशन: मखमली एहसास
रामगढ़ हिल स्टेशन को फलों का बगीचा कहा जाना चाहिए। जी हां, रामगढ़ हिल स्टेशन की शोभा एवं शान स्वादिष्ट एवं रसीले फलों का उत्पादन है।
वस्तुत: रामगढ़ भारत के उत्तराखण्ड के नैनीताल जिला का एक शानदार एवं उभरता हिल स्टेशन है। समुद्र तल से करीब 2300 मीटर ऊंचाई पर स्थित रामगढ़ हिल स्टेशन अपने नैसर्गिक सौन्दर्य के लिए विख्यात है।
खास यह कि रामगढ़ से हिमालय के विराट सौन्दर्य दर्शन होते हैं। चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य का मखमली एहसास होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे प्रकृति की गोद में हों। भवाली से भीमताल की ओर कुछ दूर चलने पर बायीं ओर जाने वाला मार्ग रामगढ़ को जाता है।
खास यह मार्ग भी अति सुन्दर एवं दर्शनीय है। इसे भवाली-मुक्तेश्वर मार्ग भी कहते हैं। यहां गागर नामक स्थान से हिमालय के दिव्य एवं भव्य दर्शन होने लगते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो गागर पर्वत पर ऋषि गर्गाचार्य ने तपस्या की थी। लिहाजा इस स्थान को गागर पर्वत के नाम सेे जाना पहचाना जाता है।
खास गागर की इस पर्वत चोटी पर गर्गेश्वर महादेव का शिवालय अर्थात मंदिर है। महाशिवरात्रि पर यहां विशाल उत्सव होता है। नैनीताल से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित रामगढ़ हिल स्टेशन फलों की राजधानी के तौर पर जाना पहचाना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इसे कुमाऊं का फ्रूट बाउल भी कहा जाता है।
भुवाली-रामगढ़ इलाके में खास तौर से फलों का उत्पादन होता है। पिछौला सेब रामगढ़ हिल स्टेशन की खास पहचान है। बर्फ पड़ने के बाद सबसे पहले पकने वाला सेब पिछौला होता है। इसके अलावा डिलिशियस, गोल्डन किंग, फैनी एवं जोनाथन जाति के श्रेष्ठतम फल का उत्पादन इस क्षेत्र में होता है।
आडू रामगढ़ हिल स्टेशन का सर्वोत्तम फल माना जाता है। तोतापरी, हिल्सअर्ली एवं गौला आडू का उत्पादन अधिक होता है। पुलम को यहां का विशेष फल माना जाता है।
रामगढ़ हिल स्टेशन पर प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही पौराणिकता एवं प्राचीन इतिहास भी छिपा है। रामगढ़ की पर्वत चोटी का बंगला भी साहित्यक धरोहर के तौर पर देखा जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो विश्वकवि रविन्द्र नाथ टैगोर इस बंगला में अक्सर प्रवास करते थे। रविन्द्र नाथ टैगोर की स्मृति में इस बंगले को टैगोर टॉप के नाम से जाना पहचाना जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो आचार्य नरेन्द्र देव ने बौद्ध दर्शन ग्रंथ को अंतिम रूप यहीं दिया था। खास यह कि रामगढ़ हिल स्टेशन सदैव साहित्यकारोंं को आकर्षित करता रहा। स्वर्गीय महादेवी वर्मा ने बाकायदा रामगढ़ में आवास बनाया था।
कुमाऊं के इस फ्रूट बाउल को नैसर्गिक सौन्दर्य के मध्य कुछ अलग ही अंदाज में देखा जाता है। चौतरफा आैषधीय वनस्पतियों का आच्छादन पर्यटकों को विशेष ऊर्जा प्रदान करता है। पर्वत मालाओं से घिरा रामगढ़ हिल स्टेशन बेहद शांत एवं शीतल जलवायु वाला क्षेत्र है।
फल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रामगढ़ हिल स्टेशन को खास तौर पर दो हिस्सों में देखा जाता है। इसे मल्ला एवं तल्ला के तौर पर जाना पहचाना जाता है। मल्ला को उपरी रामगढ़ एवं तल्ला को निचला रामगढ़ के तौर पर जाना पहचाना जाता है। इसका निचला तल्ला समुद्र तल से करीब 1518 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए इसे आदर्श हिल स्टेशन के तौर पर माना जाता है।हिमालय की विलक्षण एवं अद्भुत खूबसूरती रामगढ़ हिल स्टेशन की शोभा एवं शान है। पर्यटक प्रकृति के हर अंदाज के बीच अपना शौक पूरा कर सकते हैं। साहसिक रोमांचक खेलों का शौक है तो राजगढ़ हिल स्टेशन बेहतरीन है।
बादलों के साथ तो पर्यटक रामगढ़ हिल स्टेशन पर दोस्ताना हो जाते हैं। बादलों की आवाजाही रामगढ़ हिल स्टेशन पर खास है। पर्यटक कभी बादलों की गोद में होते हैं तो बादल पर्यटकों की गोद में होेते हैं। बादलों का यह खिलंदड़पन पर्यटकों को पुलकित कर देता है। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान रामगढ़ हिल स्टेशन ब्रिटिश छावनी भी रह चुका है।
खास यह कि रामगढ़ हिल स्टेशन पक्षियों का घरौैंदा भी है। पक्षी विहार रामगढ़ हिल स्टेशन की शान एवं शोभा है। पर्यटक यहां ट्रैकिंग का रोमांचक एहसास कर सकते हैं।
आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित सघन वन क्षेत्र ट्रैकिंग के आनन्द को दोगुना कर देते हैं। यहां की शांत एवं शीतल जलवायु पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करती है। वर्ष पर्यंत रामगढ़ हिल स्टेशन की जलवायु खुशनुमा रहती है।
रामगढ़ हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट पंतनगर एयरपोर्ट है। पंतनगर एयरपोर्ट से रामगढ़ हिल स्टेशन की दूरी करीब 76 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी रामगढ़ हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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