Thursday, 25 July 2019

मलयत्तुर हिल स्टेशन: धार्मिक पर्यटन

   मलयत्तुर हिल स्टेशन को वस्तुत: धार्मिक पर्यटन कहा जाना चाहिए। जी हां, इस हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य का अति दर्शनीय है तो वहीं इसकी धार्मिक मान्यता भी कम नहीं हैं। 

  मलयत्तुर वस्तुत: ईसाई समुदाय का तीर्थ है। भारत के केरल प्रांत के एर्नाकुलम जिला का एक छोटा सा गांव मलयत्तुर खास तौर से ईसाईयों के महातीर्थ के तौर पर जाना पहचाना जाता है। 

   हालांकि धर्म के साथ-साथ यहां की प्राकृतिक सुन्दरता भी पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। ढ़लान वाली पर्वत श्रंृखलाओं एवं सुन्दर खेतों के मनोरम दृश्य पर्यटकों के दिलों में छा जाते हैं। खास यह कि मलयत्तुर हिल स्टेशन के चर्च अपनी सुन्दरता एवं नक्काशी के लिए वैश्विक स्तर पर जाने पहचाने जाते हैं। 

   रोलिंग पहाड़ियां मलयत्तुर हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। मान्यता है कि यहां पर्वत चोटी पर सेंट थॉमस ने प्रभु ईसा मसीह से प्रार्थना की थी। लिहाजा इस स्थान को आस्था एवं विश्वास की दृष्टि से देखा जाता है। 

  अंगमाली से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित मलयत्तुर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक मखमली एहसास देता है। घाटियों-वादियों का स्वर अनुगूंजन मन मस्तिष्क को रोमांचित कर देता है। विशेषज्ञों की मानें तो मलयत्तुर का शाब्दिक अर्थ पहाड़, नदी एवं जमीन का संयुक्त स्वरूप है।

   कोच्चि से करीब 52 किलोमीटर दूर स्थित मलयत्तुर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण सेंट थॉमस चर्च है। इसे मलयत्तुर चर्च के नाम से जाना पहचाना जाता है। इसे केरल का सबसे महत्वपूर्ण ईसाई तीर्थ माना जाता है। स्थापत्य कला के इस सुन्दर चर्च में सेंट थॉमस की आदमकद प्रतिमा भी स्थापित है। 

   मलयत्तुर हिल स्टेशन वस्तुत: पश्चिमी घाट का एक शानदार आंशिक हिस्सा है। खास तौर से पेरियार नदी का प्रवाह अति दर्शनीय प्रतीत होता है। मलयत्तुर हिल स्टेशन से ही कुछ दूर पर आदि शंकराचार्य की जन्मस्थली कैलाड़ी है।

   कैलाड़ी पर्यटकों के बीच खास प्रसिद्ध है। यहां झीलों-झरनों का सौन्दर्य देखते ही बनता है। पर्यटक यहां जलक्रीड़ा का भरपूर लुफ्त ले सकते हैं। चाय एवं कॉफी के बागान का भी यहां अपना एक अलग ही सौन्दर्य है। चाय एवं काफी के बागान की सुगंध पर्यटकों के मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर देती है। 

  लिहाजा पर्यटक एक खास ऊर्जा का एहसास करते हैं। आैषधीय वनस्पतियों के सघन वन क्षेत्र मलयत्तुर हिल स्टेशन के मुख्य आकर्षण हैं। आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध पर्यटकों को एक खास ताजगी का एहसास कराती हैं। 

  खास यह कि मलयत्तुर हिल स्टेशन एवं आसपास रेल यात्रा करना बेहद रोमांचक होता है। कारण रेल सघन वन क्षेत्र से गुजरती हैं। जिससे पर्यटक पहाड़, झील, झरना एवं घाटियों-वादियों का आनन्द लेते हैं। पर्यटक इस यात्रा के दौरान उत्साह से लबरेज हो जाते हैं। मलयत्तुर हिल स्टेशन की जलवायु एक शांत शीतलता प्रदान करती है।

   मलयत्तुर हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कोचीन एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से मलयत्तुर हिल स्टेशन की दूरी करीब 18 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन अलुवा जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी मलयत्तुर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
9.994340,76.276760

Wednesday, 24 July 2019

केमामगुंडी हिल स्टेशन: प्रकृति का उपहार

   केमामगुंडी हिल स्टेशन का इन्द्रधनुषी प्राकृतिक सौन्दर्य निश्चय ही मुग्ध कर लेगा। जी हां, केमामगुंडी के प्राकृतिक सौन्दर्य में एक जादू सा है। 

   प्राकृतिक सौन्दर्य का यह जादू पर्यटकों को खुद-ब-खुद अपनी ओर आकर्षित करता है। भारत के कर्नाटक प्रांत के चिकमंगलूर शहर का यह शानदार हिल स्टेशन अति दर्शनीय है। समुद्र तल से करीब 1434 मीटर ऊंचाई पर स्थित केमामगुंडी हिल स्टेशन का नामकरण कन्नड़ से लिया गया है। केमामगुंडी का शाब्दिक अर्थ होता है लाल मिट्टी वाला स्थान। 

   केमामगुंडी हिल स्टेशन को के आर हिल्स के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। खास यह कि इस हिल स्टेशन पर एक शानदार रिसॉर्ट भी है। पर्यटक रिसॉर्ट में ठहर कर हिल स्टेशन का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। रिसॉर्ट के चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। 

   चिकमंगलूर से करीब 62 किलोमीटर दूर स्थित केमामगुंडी हिल स्टेशन वस्तुत: पर्यटकों को एक मखमली एहसास देता है। परिवेश ऐसा कि पर्यटकों का रोम-रोम पुलकित हो जाये। विशेषज्ञों की मानें तो केमामगुंडी हिल स्टेशन कर्नाटक का बेहद पसंदीदा हिल स्टेशन है। 

   खास यह कि स्वास्थ्य की दृष्टि से केमामगुंडी हिल स्टेशन एक आैषधि के तौर पर कार्य करता है। असंख्य आैषधीय वनस्पतियां पर्यटकों को रोग एवं रुग्णता से मुक्त करती हैं। आैषधीय वनस्पतियों के पराग कण एवं जलवायु उपचार का कार्य करती है। त्वचा सहित कई असाध्य रोगों का उपचार केमामगुंडी हिल स्टेशन पर खास माना जाता है। कॉफी एवं चाय के बागान केमामगुंडी हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। 

  सुखद जलवायु से लबरेज इस शानदार हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय सितम्बर से मई की अवधि है। इसे चन्द्र पर्वत भी कहा जाता है। 
  नदियों, झीलों-झरनों एवं आैषधीय वनस्पतियों वाले इस शानदार हिल स्टेशन पर पर्यटकों को भरपूर प्राणवायु मिलती है। लिहाजा पर्यटक खुद को बेहद ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं। 

  आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध परिवेश को आैर भी अधिक लुभावना बना देती है। केमामगुंडी हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। 

   इनमें खास तौर से देखें तोे राजभवन, जेड प्वाइंट, रॉक गार्डेन, हेब्बे वॉटर फॉल्स, कलहट्टागिरी वॉटर फॉल्स, बाबा बुड़ान हिल, गुलाब बाग, भद्रा टाइगर रिजर्व आदि इत्यादि हैं। शांति एवं हेब्बे वॉटर फॉल्स केमामगुंडी हिल स्टेशन के मुख्य आकर्षण हैं। 
  राजभवन: राजभवन वस्तुत: एक शानदार एवं अति सुन्दर अतिथि गृह है। पर्यटक राजभवन से आसपास का प्राकृतिक सौन्दर्य देख सकते हैं। राजभवन से पर्वतमालाओं की सुन्दरता अति दर्शनीय प्रतीत होती है।
  राजभवन को सनसेट प्वाइंट भी कहा जाता है। कारण राजभवन से सूर्योदय एवं सूर्यास्त का अति मनमोहक दर्शन होता है। खास यह कि इस स्थान से सूर्योदय के असंख्य प्रतिमान दिखते हैं। 

  गुलाब बाग: गुलाब बाग वस्तुत: केमामगुंडी हिल स्टेशन का एक आदर्श पिकनिक स्पॉट है। इस गुलाब बाग में गुलाब की असंख्य प्रजातियां पुष्पित-पल्लवित एवं संरक्षित हैं। गुलाब की विभिन्न किस्मों की यहां खेती की जाती है। खास यह कि गुलाब बाग एवं आसपास का इलाका गुलाब की खास सुगंध से लबरेज रहता है। 
   हेब्बे फॉल्स: हेब्बे फॉल्स राजभवन से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित एक शानदार एवं मनोरम स्थल है। इसके लिए अर्धोमुख पहाड़ी की यात्रा करनी पड़ती है। करीब 168 मीटर ऊंचाई से गिरने वाली यह जल धारा नीचे आकर दो धाराओं में विभक्त हो जाती है। इनको डोड्डा हेब्बे एवं चिक्का हेब्बे फॉल्स के नाम से जाना पहचाना जाता है। 
  कलाथी फॉल्स: कलाथी फॉल्स केमामगुंडी हिल स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। इसे कलाथीगिरी फॉल्स एवं कलाहस्ती फॉल्स के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। करीब 122 मीटर ऊंचाई से गिरने वाला यह वॉटर फॉल्स धार्मिक महत्व भी रखता है। किवदंती है कि इस स्थान पर कभी ऋषि अगस्त्य का प्रवास था। 
   मुल्लायना गिरी: मुल्लायना गिरी को कर्नाटक का सबसे उच्चतम शिखर माना जाता है। चिकमंगलूर से कुछ पहले स्थित यह शानदार पहाड़ी पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस पर्वत चोटी के शीर्ष पर भगवान शिव का अति सुन्दर मंदिर है।
   केमामगुंडी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मंगलोर एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से केमामगुंडी हिल स्टेशन की दूरी करीब 150 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन शिमोगा जंक्शन है। शिमोगा जंक्शन से केमामगुंडी हिल स्टेशन की दूरी करीब 68 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी केमामगुंडी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
15.026690,76.336319

Tuesday, 23 July 2019

सकलेशपुर हिल स्टेशन : स्वप्न लोक का सौन्दर्य

   सकलेशपुर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य किसी स्वप्न लोक से कम नहीं। जी हां, सकलेशपुर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है। 

  खास यह कि यह हिल स्टेशन भले ही छोटा हो लेकिन इसके स्वप्निल सौन्दर्य का कोई जोड़ नहीं। भारत के कर्नाटक के जिला हासन का सकलेशपुर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक खास ताजगी प्रदान करता है। समुद्र तल से करीब 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सकलेशपुर हिल स्टेशन देश में कॉफी एवं इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक है। 

   कॉफी एवं इलायची का उत्पादक क्षेत्र होने के कारण सकलेशपुर हिल स्टेशन का परिवेश एक सुगंध से महकता रहता है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता सकलेशपुर हिल स्टेशन को काफी कुछ खास बना देती है। सकलेशपुर की शांत एवं शीतल जलवायु पर्यटकों को एक खास सुकून देती है। जलवायु में आैषधीय सुगंध पर्यटकों को तरोताजा कर देती है। 

   खास यह कि सकलेशपुर हिल स्टेशन की विशिष्टता वैश्विक पर्यटकों को विशेष तौर से आकर्षित करती है। विशेषज्ञों की मानें तो सकलेशपुर हिल स्टेशन को गरीबों का ऊटी भी कहा जाता है। वस्तुत: सकलेशपुर हिल स्टेशन को पश्चिमी घाटों का प्रवेश द्वार माना जाता है। 

    खास यह कि इस इलाके में कॉफी, इलायची, काली मिर्च एवं अरेका के बागानों की एक लम्बी श्रंृखला है। यह उत्पादक बागान सकलेशपुर हिल स्टेशन की सुुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। हरी मखमली घास की चादर से आच्छादित पर्वतमालाओं की सुन्दरता देखते ही बनती है। किवदंती है कि इस इलाके में खंडित शिवलिंग प्राप्त हुआ था।

   लिहाजा इस इलाके को सकलेश्वर के नाम से जाना पहचाना जाने लगा। अब इसे सकलेशपुर के नाम से जाना जाता है। खास यह कि सकलेशपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता, आकर्षक पहाड़, सुखद मौसम आदि इत्यादि विशेषता रखता है। 

  वस्तुत: देखें तो सकलेशपुर हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं बेहतरीन स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से मंजराबाद किला, सकलेश्वर मंदिर, अग्नि गुड्डा पहाड़ी, मगजहल्ली झरना, बेट्टा बृजेश्वर मंदिर, हेमवती बांध, पांडावर गुड्डा आदि इत्यादि हैं। खास यह कि जैव विविधिता के लिए भी सकलेशपुर हिल स्टेशन का काफी कुछ खास है। 
   मंजराबाद किला: मंजराबाद किला सकलेशपुर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। यह कर्नाटक के ऐतिहासिक किलों में से एक है। समुद्र तल से करीब 3240 फुट ऊंचाई पर स्थित यह किला कभी शासकों का अति पसंदीदा था। 

   विशेषज्ञों की मानें तो मंजराबाद किला का निर्माण वर्ष 1792 में मैसूर के तत्कालीन शासक टीपू सुल्तान नेे कराया था। सितारा आकार का यह किला टीपू सुल्तान की सेना के संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया गया था।
   इसे खास तौर से फ्रांसीसी स्थापत्य कला को आधार बना कर इसका निर्माण किया गया था। सघन वन क्षेत्र से घिरा यह किला अनोखा है। इसमें कई भूमिगत संरचनाएं भी हैं। खास यह कि इस शानदार किला से अरब सागर की हलचल को देखा जा सकता है।

   सकलेश्वर मंदिर: सकलेश्वर मंदिर सकलेशपुर हिल स्टेशन से कुछ ही दूर पर स्थित है। यह कर्नाटक के प्राचीन मंदिरों में एक है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की स्थापत्य कला अति दर्शनीय है। इसकी एक अति पवित्र तीर्थ स्थल की मान्यता है। मंदिर में विशाल शिव प्रतिमा स्थापित है। 

   मगजहल्ली झरना: मगजहल्ली झरना वस्तुत: सकलेशपुर हिल स्टेशन से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित हैं। मगजहल्ली गांव के इन झरना की दर्शनीयता अति सुन्दर है। करीब 20 फुट ऊंचाई से गिरने वाले इन झरनों का जल अति शीतल एवं सफेद है। इसे एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है। इसे हनबल एवं गुंडी फाल्स के तौर पर भी जाना पहचाना जाता है। 
   बेट्टा मंदिर: बेट्टा मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है। सकलेशपुर हिल स्टेशन से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर की अपनी एक अलग विशिष्टता है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर गुड्डा पहाड़ी पर स्थित है। इसे करीब 600 वर्ष प्राचीन माना जाता है। पश्चिमी घाटों से घिरा यह मंदिर अति दर्शनीय है। निकट ही भैंरो मंदिर भी है। 

   बिस्ले घाट: बिस्ले घाट सकलेशपुर हिल स्टेशन की शोभा एवं शान हैं। यह कर्नाटक के शीर्ष साहसिक स्थलों में से एक है। पश्चिमी घाटों का यह हिस्सा दक्षिणी कन्नड़ जिला से लगा हुआ है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता वाला यह इलाका अति दर्शनीय है। पर्यटक यहां वन्य जीवों का रोमांचक अनुभव भी कर सकते हैं। यहां का सनसेट प्वाइंट भी खास है।
   सकलेशपुर हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मंगलोर एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन सकलेशपुर जंक्शन है। सकलेशपुर जंक्शन से सकलेशपुर हिल स्टेशन की दूरी करीब 35 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी सकलेशपुर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
12.945300,75.779000

Monday, 22 July 2019

चिकमंगलूर हिल स्टेशन : मखमली सौन्दर्य

   चिकमंगलूर हिल स्टेशन का प्राचीन सौन्दर्य भूल नहींं पायेंगे। जी हां, चिकमंगलूर हिल स्टेशन का अद्भुत एवं विलक्षण सौन्दर्य अविस्मरणीय है।

   ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चिकमंगलूर कोई स्वर्ग हो। भारत के कर्नाटक का चिकमंगलूर चट्टानी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। चौतरफा पर्वत श्रंखलाओं, घाटियों-वादियों वाला यह शानदार हिल स्टेशन अति दर्शनीय है। स्वप्नलोक सा मखमली एहसास पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है।

   शीतल एवं शांत हवाओं के झोंके ह्मदय को पुलकित कर देते हैं। शानदार घाटियों-वादियों में सुन्दरता का आनन्द लेना मन मस्तिष्क को तरंगित कर देता है। वस्तुत: देखा जाये तो हिल स्टेशन की श्रंखला में चिकमंगलूर हिल स्टेशन का अपना एक अलग ही सौन्दर्य है। 

  कर्नाटक के दक्षिणी-पश्चिमी इलाके का शहर चिकमंगलूर विशिष्टताओं से भरा हुआ है। शायद इसी लिए चिकमंगलूर हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। 

   समुद्र तल से करीब 1900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चिकमंगलूर हिल स्टेशन पहाडों, झीलों-झरनों एवं मखमली घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। खास तौर से देखें तो चिकमंगलूर हिल स्टेशन कॉफी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। लिहाजा परिवेश में कॉफी की भीनी-भीनी सुगंध हवा के साथ प्रवाहित होती रहती है।

   विशेषज्ञों की मानें तो यह इलाका भारत का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक है। विशिष्टताओं के कारण ही इसे कर्नाटक का सबसे सुन्दर एवं पर्यटन स्थल माना जाता है। 

   चिकमंगलूर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण मुलायनगिरी पर्वत श्रंखला है। मुलायनगिरी पर्वत कर्नाटक की सबसे ऊंची चोटी है। समुद्र तल से करीब 3400 फुट ऊंचाई पर स्थित मुलायनगिरी पर्वत शांत वातावरण एवं आैषधीय वनस्पतियों के लिए खास तौर से ख्याति रखता है। 

   रोमांचक गतिविधियों के लिए चिकमंगलूर हिल स्टेशन किसी स्वर्ग की भांति है। चिकमंगलूर हिल स्टेशन अपने अद्भुत दृश्यों के लिए बेहद प्रसिद्ध है। चिकमंगलूर हिल स्टेशन एवं आसपास सुन्दर एवं अद्भुत स्थानों की बेहतरीन श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से मुलायनगिरी पर्वत, कुद्रेमुख, जेड प्वाइंंट, कॉफी संग्रहालय एवं हेबे वॉटर फॉल्स आदि इत्यादि हैं। 
   मुलायनगिरी : मुलायनगिरी वस्तुत: कर्नाटक का सबसे ऊंचा पर्वत है। यह समुद्र तल से करीब 1950 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यह इलाका खास तौर से साहसिक गतिविधियों के लिए जाना पहचाना जाता है।
  पर्यटक यहां ट्रैकिंग, कैम्पेनिंग, माऊंट बाइकिंग आदि के शौक पूरा कर सकते हैं। इसे सनसेट प्वाइंट के तौर पर भी जाना पहचाना जाता है। प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मुलप्पा मंदिर भी यहीं है। नंदी मूर्ति यहां का सबसे खास पर्यटन क्षेत्र है।

   कुद्रेमुख: कुद्रेमुख चिकमंगलूर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। कुद्रेमुख वस्तुत: प्राकृतिक खजानों, पर्वत मालाओं, झीलों-झरनों एवं हरे भरे परिवेश के लिए अति प्रसिद्ध है। भगवती प्रकृति शिविर, सुरीमाले वॉटर फॉल्स, कदंबी झरना आदि इत्यादि कुद्रेमुख के मुख्य आकर्षण हैं। 
  जेड प्वाइंट: जेड प्वाइंट कुदरत का करिश्मा है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता अति दर्शनीय है। यह प्वाइंट साहसिक गतिविधियों के लिए खास तौर से जाना पहचाना जाता है। पर्यटक जेड प्वाइंट पर रोमांचक अनुभूति कर सकते हैं। ट्रैकिंग के अलावा पर्यटक यहां माऊंटेन बाइकिंग का आनन्द ले सकते हैं। 

  कॉफी संग्रहालय: कॉफी संग्रहालय प्राकृतिक सौन्दर्य एवं रोमांच से हटकर एक अनोखा केन्द्र है। कॉफी उत्पादन से ताल्लुक रखने वाली जानकारी यहां मुख्य आकर्षण है। कॉफी बागान का समृद्ध इतिहास इस संग्रहालय में संरक्षित है। यह कॉफी संग्रहालय चिकमंगलूर हिल स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। 
  हेबे वॉटर फॉल्स: हेबे वॉटर फॉल्स चिकमंगलूर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। केममानगुंडी पहाड़ियों के मध्य स्थित यह वॉटर फॉल्स अपनी सुन्दरता के लिए खास तौर से जाने पहचाने जाते हैं। करीब 168 मीटर ऊंंचाई से गिरने वाला यह फॉल्स पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है। आैषधीय गुणों वाले इस जल को जीवनदायी भी माना जाता है।
  चिकमंगलूर हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संंसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मंगलोर एयरपोर्ट है। चिकमंगलूर हिल स्टेशन से एयरपोर्ट की दूरी करीब 113 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन चिकमंगलूर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी चिकमंगलूर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
13.314380,75.775470

Friday, 19 July 2019

सूर्यमल हिल स्टेशन: आक्सीजन का आशियाना

   सूर्यमल हिल स्टेेशन को आक्सीजन का आशियाना कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, सूर्यमल हिल स्टेशन वस्तुत: पर्यटकों को स्वास्थ्यवर्धक परिवेश प्रदान करता है। 

  जिससे पर्यटक एक बेहतर जीवंतता का एहसास करते हैं। भारत के महाराष्ट्र के ठाणे जिला का यह शानदार हिल स्टेशन अद्भुत एवं विलक्षण है। वस्तुत: सूर्यमल हिल स्टेशन एक शानदार पर्वत चोटी है। 

  खास तौर से यहां पर्वतीय सौन्दर्य का दर्शन होता है। लुभावना परिदृश्य पर्यटकों के दिलों में एक यादगार बन कर रह जाता है। आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित सघन वन क्षेत्र एक सुरम्य परिदृश्य का दर्शन कराता है तो वहीं सुगंध पर्यटकों के दिल एवं दिमाग को हर्षित कर देती है। प्रकृति प्रेमियों एवं फोटोग्राफी के शौकीन पर्यटकों के लिए सूर्यमल हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

   सामान्यता देखें तो यह हिल स्टेशन पर्यटकों को एक प्राणवायु प्रदान करता है। आक्सीजन युक्त बेहतरीन जलवायु पर्यटकों के फेफड़ों को जैसे पंख लगा देेती है। सूर्यमल ट्रैकर्स के लिए अति सुन्दर एवं आदर्श स्थान है। बाइकर्स एवं ट्रैकर्स का खिलंदड़पन बेहद आकर्षित करता है। 

   खास यह कि इस इलाके में सूर्यमल हिल स्टेशन को सबसे ऊंची पर्वत चोटी होने का गौरव हासिल है। चौतरफा प्रकृति का दर्शनीय सौन्दर्य पर्यटकों को रोमांचित कर देता है। खास यह कि सूर्यमल हिल स्टेशन से पर्यटक चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य का अद्भुत दर्शन कर सकते हैं। 

   झीलों, झरनों एवं नदियों से आच्छादित यह इलाका घुमक्कड़ी के लिए आदर्श है। पर्यटक यहां वन्य जीवन के रोमांच का भी एहसास कर सकते हैं। खास तौर से पर्यटक सूर्यमल हिल स्टेशन पर प्राकृतिक उपचार का भी भरपूर लाभ ले सकते हैं। सूर्यमल हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं सौन्दर्य बोध कराने वाले सुन्दर स्थानों की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। 

   मुम्बई से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित सूर्यमल हिल स्टेशन एक छोटे से गांव खोड़ाला के निकट स्थित है। पर्यटक यहां विलेज टूरिज्म का भी आनन्द ले सकते हैं। प्राकृतिक उपचार एवं अनुसंधान संस्थान एवं अमाला वन्य जीव अभयारण्य खास तौर से सूर्यमल हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। सूर्यमल हिल स्टेशन खास तौर से ट्रैकिंग, माउण्टेन क्लाइम्बिंग, वॉटर फॉल्स एवं नाइट कैम्पेेनिंग आदि इत्यादि का पर्यटक आनन्द ले सकते हैं।  

  प्राकृतिक उपचार एवं अनुसंधान संस्थान: प्राकृतिक उपचार एवं अनुसंधान संस्थान वस्तुत: समाज के लिए एक शानदार उपहार है। इसकी स्थापना का श्रेय लाजपत राय मेहता को दिया जाता है। इसे सूर्यमल्ल आश्रम भी कहा जाता है। वस्तुत: इस आश्रम में आदिवासियों को प्राकृतिक विधि विधान से उपचार दिया जाता है। खास यह कि आश्रम में आैषधीय वनस्पतियों से उपचार किया जाता है। 

   अमाला वन्य जीव अभयारण्य: अमाला वन्य जीव अभयारण्य अति दर्शनीय एवं सुरम्य है। आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित यह सघन वन क्षेत्र वन्य जीवों का संरक्षण क्षेत्र है। सूर्यमल हिल स्टेशन से कुछ दूर स्थित यह अभयारण्य वस्तुत: दुर्लभ प्रजातियों के वन्य जीवों के लिए जाना पहचाना जाता है। प्रवासी पक्षियों के लिए अमाला किसी स्वर्ग के समान है। सर्दियों में पक्षियों की विभिन्न दुर्लभ प्रजातियां भी दर्शनीय होती हैं।
  सूर्यमल हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट छत्रपति शिवाजी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट मुम्बई है। निकटतम रेलवे स्टेशन इगतपुरी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी सूर्यमल हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
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फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...