सकलेशपुर हिल स्टेशन : स्वप्न लोक का सौन्दर्य
सकलेशपुर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य किसी स्वप्न लोक से कम नहीं। जी हां, सकलेशपुर हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है।
खास यह कि यह हिल स्टेशन भले ही छोटा हो लेकिन इसके स्वप्निल सौन्दर्य का कोई जोड़ नहीं। भारत के कर्नाटक के जिला हासन का सकलेशपुर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक खास ताजगी प्रदान करता है। समुद्र तल से करीब 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सकलेशपुर हिल स्टेशन देश में कॉफी एवं इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक है।
कॉफी एवं इलायची का उत्पादक क्षेत्र होने के कारण सकलेशपुर हिल स्टेशन का परिवेश एक सुगंध से महकता रहता है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता सकलेशपुर हिल स्टेशन को काफी कुछ खास बना देती है। सकलेशपुर की शांत एवं शीतल जलवायु पर्यटकों को एक खास सुकून देती है। जलवायु में आैषधीय सुगंध पर्यटकों को तरोताजा कर देती है।
खास यह कि सकलेशपुर हिल स्टेशन की विशिष्टता वैश्विक पर्यटकों को विशेष तौर से आकर्षित करती है। विशेषज्ञों की मानें तो सकलेशपुर हिल स्टेशन को गरीबों का ऊटी भी कहा जाता है। वस्तुत: सकलेशपुर हिल स्टेशन को पश्चिमी घाटों का प्रवेश द्वार माना जाता है।
खास यह कि इस इलाके में कॉफी, इलायची, काली मिर्च एवं अरेका के बागानों की एक लम्बी श्रंृखला है। यह उत्पादक बागान सकलेशपुर हिल स्टेशन की सुुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। हरी मखमली घास की चादर से आच्छादित पर्वतमालाओं की सुन्दरता देखते ही बनती है। किवदंती है कि इस इलाके में खंडित शिवलिंग प्राप्त हुआ था।
लिहाजा इस इलाके को सकलेश्वर के नाम से जाना पहचाना जाने लगा। अब इसे सकलेशपुर के नाम से जाना जाता है। खास यह कि सकलेशपुर हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता, आकर्षक पहाड़, सुखद मौसम आदि इत्यादि विशेषता रखता है।
वस्तुत: देखें तो सकलेशपुर हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं बेहतरीन स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से मंजराबाद किला, सकलेश्वर मंदिर, अग्नि गुड्डा पहाड़ी, मगजहल्ली झरना, बेट्टा बृजेश्वर मंदिर, हेमवती बांध, पांडावर गुड्डा आदि इत्यादि हैं। खास यह कि जैव विविधिता के लिए भी सकलेशपुर हिल स्टेशन का काफी कुछ खास है।
मंजराबाद किला: मंजराबाद किला सकलेशपुर हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। यह कर्नाटक के ऐतिहासिक किलों में से एक है। समुद्र तल से करीब 3240 फुट ऊंचाई पर स्थित यह किला कभी शासकों का अति पसंदीदा था।
विशेषज्ञों की मानें तो मंजराबाद किला का निर्माण वर्ष 1792 में मैसूर के तत्कालीन शासक टीपू सुल्तान नेे कराया था। सितारा आकार का यह किला टीपू सुल्तान की सेना के संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया गया था।
इसे खास तौर से फ्रांसीसी स्थापत्य कला को आधार बना कर इसका निर्माण किया गया था। सघन वन क्षेत्र से घिरा यह किला अनोखा है। इसमें कई भूमिगत संरचनाएं भी हैं। खास यह कि इस शानदार किला से अरब सागर की हलचल को देखा जा सकता है।
सकलेश्वर मंदिर: सकलेश्वर मंदिर सकलेशपुर हिल स्टेशन से कुछ ही दूर पर स्थित है। यह कर्नाटक के प्राचीन मंदिरों में एक है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की स्थापत्य कला अति दर्शनीय है। इसकी एक अति पवित्र तीर्थ स्थल की मान्यता है। मंदिर में विशाल शिव प्रतिमा स्थापित है।
मगजहल्ली झरना: मगजहल्ली झरना वस्तुत: सकलेशपुर हिल स्टेशन से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित हैं। मगजहल्ली गांव के इन झरना की दर्शनीयता अति सुन्दर है। करीब 20 फुट ऊंचाई से गिरने वाले इन झरनों का जल अति शीतल एवं सफेद है। इसे एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है। इसे हनबल एवं गुंडी फाल्स के तौर पर भी जाना पहचाना जाता है।
बेट्टा मंदिर: बेट्टा मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है। सकलेशपुर हिल स्टेशन से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर की अपनी एक अलग विशिष्टता है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर गुड्डा पहाड़ी पर स्थित है। इसे करीब 600 वर्ष प्राचीन माना जाता है। पश्चिमी घाटों से घिरा यह मंदिर अति दर्शनीय है। निकट ही भैंरो मंदिर भी है।
बिस्ले घाट: बिस्ले घाट सकलेशपुर हिल स्टेशन की शोभा एवं शान हैं। यह कर्नाटक के शीर्ष साहसिक स्थलों में से एक है। पश्चिमी घाटों का यह हिस्सा दक्षिणी कन्नड़ जिला से लगा हुआ है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता वाला यह इलाका अति दर्शनीय है। पर्यटक यहां वन्य जीवों का रोमांचक अनुभव भी कर सकते हैं। यहां का सनसेट प्वाइंट भी खास है।
सकलेशपुर हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मंगलोर एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन सकलेशपुर जंक्शन है। सकलेशपुर जंक्शन से सकलेशपुर हिल स्टेशन की दूरी करीब 35 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी सकलेशपुर हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
12.945300,75.779000
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