नालागढ़ हिल स्टेशन : अतुलनीय सौन्दर्य
नालागढ़ हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अतुलनीय कहा जाना चाहिए। जी हां, इस शानदार हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है।
सिरसा नदी एवं शिवालिक पहाड़ियों के सानिध्य में रचा-बसा नालागढ़ हिल स्टेशन एक शाही स्पर्श का एहसास कराता है। भारत के हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला का यह शानदार हिल स्टेशन अपनी विशिष्टताओं के लिए खास तौर से वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर जाना पहचाना जाता है।
शांति एवं शीतलता के लिए खास तौर से जाना जाने वाला नालागढ़ हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। इसे राजसी हिल स्टेशन भी कहा जा सकता है क्योंकि पर्यटक नालागढ़ हिल स्टेशन पर प्रकृति का एक शाही स्पर्श एहसास करते हैं।
नालागढ़ हिल स्टेशन से पर्यटक अद्भुत शिवालिक पहाड़ियों एवं प्रकृति के सुन्दर दृश्यों को निहार सकते हैं। किलों के शानदार दृश्य बेेहद दर्शनीय प्रतीत होते हैं। इसे हिमाचल प्रदेश का आदर्श पर्यटन भी कहा जाता है। प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ साथ इसका ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व भी है।
इतिहास के पन्नों को पलटें तो देखेंगे कि नालागढ़ हिल स्टेशन कभी राजपूताना रियासत का हिस्सा रहा है। दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूर एवं चण्डीगढ़ से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित नालागढ़ हिल स्टेशन को वस्तुत: प्रकृति का शानदार उपहार कहा जाना चाहिए। मुख्यत: नालागढ़ हिल स्टेशन एवं आसपास के इलाके में चंदेल राजाओं का शासन रहा।
हालांकि नालागढ़ में अन्य राजपूत भी आकर बसे। इनमें खास तौर से तोमर, राठौर, परमार, पवार एवं चौहान आदि थे। अतीत से ताल्लुक रखने वाले राजसी साक्ष्यों को आज भी नालागढ़ हिल स्टेशन पर आसानी से देखा जा सकता है। नालागढ़ हिल स्टेशन पर चौतरफा शिवालिक पहाड़ियों का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को मुग्ध करता है।
मखमली घास के विशाल मैदान एक सुखद स्पर्श का एहसास कराते हैं। नालागढ़ हिल स्टेशन पर बादलों का खेलना पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है। शांत शीतल हवाओं का स्पर्श पर्यटकों को प्रफुल्लित कर देता है।
खास यह कि नालागढ़ हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षक एवं सुन्दर स्थानों की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से नालागढ़ किला, रामगढ़ का किला, यादवेन्द्र उद्यान, गोविन्द सागर झील एवं मजाथल वन्य जीव अभयारण्य आदि इत्यादि हैं।
नालागढ़ किला: नालागढ़ किला वस्तुत: प्राचीन स्थापत्य कला की एक शानदार संरचना है। इस शानदार किला की संरचना राजा विक्रम चन्द्र के शासनकाल में की गयी थी।
करीब 10 एकड़ में फैला यह किला वस्तुत: नालागढ़ की शान एवं शोभा हैं। शिवालिक की पहाड़ी पर स्थित यह कि किला अति दर्शनीय है। खास यह कि यहां से पर्यटक शिवालिक की पहाड़ियों का अद्भुत दर्शन कर सकते हैं। मुगल वास्तुकला की यह अद्भुत संरचना बेहद आकर्षक है।
रामगढ़ किला: रामगढ़ किला वस्तुत: नालागढ़ हिल स्टेशन से करीब 56 किलोमीटर दूर स्थित है। हरियाणा के पंचकूला में स्थित रामगढ़ किला वस्तुत: एक शानदार ऐतिहासिक एवं पौराणिक धरोहर है। रामगढ़ किला वस्तुत: अपने अद्भुत वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।
समुद्र तल से करीब 4000 फुट की ऊंचाई पर स्थित रामगढ़ किला बेहद आकर्षक है। यहां से पर्यटक शिवालिक पहाड़ियों का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं।
खास यह है इस किला का प्रवेश द्वार अति दर्शनीय है। करीब 37 फुट ऊंचाई वाला यह द्वार विशेष माना जाता है। जिसे भारत का सबसे ऊंचा दरवाजा माना जाता है। किला के आंतरिक क्षेत्र में एक प्राचीन कुंआ एवं सुरंग है।
यादवेन्द्र उद्यान: यादवेन्द्र उद्यान करीब 36 किलोमीटर दूर स्थित है। इस सुन्दर उद्यान को पिंजौर एवं मुगल गार्डेन के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। शिवालिक पहाड़ियों की घाटी पर स्थित यादवेन्द्र उद्यान अति दर्शनीय है।
मुगल शैली का यह उद्यान अद्भुत एवं विलक्षण है। इस उद्यान में तीन महल हैं। इनमें जल महल, शीश महल एवं रंग महल हैं। उद्यान में स्थित पानी के फव्वारे उद्यान की शान एवं शोभा में चार चांद लगा देते हैं।
मजाथल वन्य जीव अभयारण्य: मजाथल वन्य जीव अभयारण्य नालागढ़ हिल स्टेशन की यात्रा को बेहद रोमांचक बना देता है। हिमाचल प्रदेेश का यह अभयारण्य अपनी जैव विविधिता के लिए खास तौर से प्रसिद्ध हैं।
समुद्र तल से 1996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मजाथल वन्य जीव अभयारण्य आैषधीय वनस्पतियों एवं वन्य जीवों से अति समृद्ध है। करीब 36.4 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैला यह अभयारण्य बेहद रोमांचक है। अभयारण्य में बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली बिल्ली, हिरण आदि इत्यादि हैं।
नालागढ़ हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट चण्डीगढ़ इण्टरनेेशनल एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन घनौली जंक्शन है। हालांकि पर्यटक सड़क मार्ग से भी नालागढ़ हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
31.042101,76.717598
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