Thursday, 21 November 2019

माईबांग हिल स्टेशन: रोमांचक आनन्द

    माईबांग हिल स्टेशन की झीलों-झरनों का प्राकृतिक सौन्दर्य किसी को भी मुग्ध कर लेगा। जी हां, माईबांग अपनी प्राकृतिक सुन्दरता से वैश्विक पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करता है। 

   भारत के असम के जिला दीमा हसाओ का माईबांग हिल स्टेशन निश्चित रूप से अतुलनीय है। झीलों-झरनों एवं नदियों की निर्मल जलधारा माईबांग हिल स्टेशन की शान एवं शोभा है।
   चौतरफा मखमली घास के मैदान एवं लॉन एक सुखद एहसास कराते हैं। ऐसा प्रतीत होेता हैै कि जैसे माईबांग हिल स्टेशन कोई स्वर्ग लोक हो। 

   वस्तुत: माईबांग दीमा हसाओ जिला का एक शांत, शीतल एवं सुन्दर शहर है। इसकी सुन्दरता एवं शीतलता की छांव में पर्यटक एक खास ऊर्जा का एहसास करते हैं। शुुद्ध जलवायु वाला यह हिल स्टेशन पर्यटकों को भरपूर आक्सीजन प्रदान करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे स्वर्ग लोक में विचरण कर रहे हों।

   माईबांग वस्तुत: समृद्धता को परिभाषित करता है। इसे प्राकृतिक धरोहर कहेें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। विशेषज्ञों की मानें तो माईबांग कभी दिमसा कचहरी साम्राज्य की राजधानी था। माईबांग 16वीं से 18वीं शताब्दी तक दिमसा कचहरी साम्राज्य की राजधानी रहा। 

   इस राजसी साम्राज्य के अवशेष अभी भी देखने को मिलते हैं। राजसी कचहरी साम्राज्य का खास आकर्षण स्टोन हाउस अभी भी दर्शनीय है। दिमसा में इसे लौंगथाई नी नोह के नाम से जाना पहचाना जाता है। इस पत्थर के घर को देखने पर्यटक अवश्य जाते हैं। माईबांग हिल स्टेशन पर एक अति प्राचीन मंदिर भी है। 

   हालात यह हैं कि कचहरी राजवंश की संस्कृति एवं परम्पराएं आज भी दर्शनीय हैं। पत्थर की मूर्तियां, नक्काशी एवं अन्य प्राचीन धरोहर कचहरी राजवंश की विरासत को दर्शाता है। 
   माईबांग हिल स्टेशन को धान का कटोरा के नाम से भी ख्याति हासिल है। कारण है कि इस इलाके में सुगंधित एवं स्वादिष्ट चावल की विभिन्न प्रजातियों की उपज होती है। 

   माईबांग का चावल सुगंध एवं स्वाद के लिए भारत सहित दुनिया भर में मशहूर है। माहुर नदी के किनारे स्थित माईबांग हिल स्टेशन अति दर्शनीय एवं सुन्दर है। पहाड़ी पर स्थित माईबांग एक अति सुन्दर शहर है। विकास होने के बावजूद माईबांग की सोंधी सुगंध बरकरार है। लिहाजा पर्यटक माईबांग हिल स्टेशन पर आनन्द की एक सुखद अनुभूति करते हैं।

  खास यह कि माईबांग हिल स्टेशन पर पर्यटक जल पर्यटन का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। कारण झीलों-झरनों का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। शायद यही कारण है कि पर्यटक जलक्रीड़ा का आनन्द लेना नहीं भूलते। 

   नौका विहार करना या क्रूज यात्रा का आनन्द लेना बेहद प्रफुल्लित करता है। सीढ़ीदार झरनों का सौन्दर्य देखते ही बनता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पर्यटक देव लोक में आ गये हों। पर्यावरण की गोद में झरनों का बहना अति दर्शनीय एवं रोमांचक होता है। 

   इस दर्शनीय हिल स्टेशन का रोमांच पर्यटक कभी भूल नहीं पाते हैं। ट्रैकर्स एवं एडवेंंचर्स के शौकीन पर्यटक माईबांग हिल स्टेशन पर खूब मौज मस्ती करते हैं। 

   गुवाहाटी से करीब 287 किलोमीटर दूर स्थित माईबांग हिल स्टेशन असम का आदर्श एवं मुख्य पर्यटन केन्द्र माना जाता है। पगडंड़ी वाले रास्ते पर्यटकों को विलेज टूरिज्म का रोमांचक आनन्द प्रदान करते हैं। 

   माईबांग भले ही असम का एक छोटा शहर हो लेकिन इसका प्राकृतिक सौन्दर्य किसी पर भी जादू कर सकता है। हॉफलांग से करीब 44 किलोमीटर दूर स्थित माईबांग हिल स्टेशन वस्तुत: झीलों, झरनों, नदियों एवं पहाड़ों से सुसज्जित अति सुन्दर स्थान है। रामचन्दी मंदिर में देव दर्शन करना नहीं भूलना चाहिए।

   माईबांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कुंभीरग्राम सिल्चर एयरपोर्ट असम है। एयरपोर्ट से माईबांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 59 किलोमीटर है। पर्यटक दीमापुर एयरपोर्ट से भी माईबांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
  दीमापुर एयरपोर्ट से माईबांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 88 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन माईबांग जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी माईबांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
25.299100,93.141200

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