Tuesday, 19 November 2019

चुंगथांग हिल स्टेशन: बादलोें का रोमांच

    चुंगथांग हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य को बेहद रोमांचक कहा जाना चाहिए। यहां बादलों का घुमक्कड़पन पर्यटकों को एक खास रोमांच से भर देता है। 

    बादलों का परिवेश में कदमताल करना पर्यटकों के मन एवं तन को पुलकित कर देता है। भारत के सिक्किम के चुंगथांग के इस शानदार हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है। वस्तुत: चुंगथांग हिल स्टेशन उत्तर सिक्किम का एक छोटा सा शहर है। 

   चुंगथांग भले ही छोटा शहर हो लेकिन चुंगथांग हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है। घाटियों-वादियों एवं पर्वत श्रंखलाओं का यह इलाका अति दर्शनीय है।
  समुद्र तल से करीब 1790 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चुंगथांग एक अति सुन्दर शहर है। मान्यता है कि सिख गुरु श्री नानकदेव जी महाराज चीन एवं तिब्बत जाते समय चुंगथांग पर विश्राम किया था। 

   पंजाबी में इसे चंगा स्थान कहते हैं। इसका आशय अच्छा स्थान होता है। चुंगथांग वस्तुत: लाचुंग चू एवं लाचेन चू नदियों के संगम पर रचा-बसा एक शानदार छोटा शहर है। आैषधीय वनस्पतियों एवं जैव विविधिता रखने वाला चुंगथांग हिल स्टेशन काफी कुछ विशेष माना जाता है। 

   असंख्य प्रजातियों की आैषधीय वनस्पतियां एवं जीव जन्तु चुंगथांग हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। इतना ही नहीं, चुंगथांग का अपना एक अलग एवं रोचक इतिहास है। 
   मान्यता है कि चुंगथांग बौद्ध गुरु पद्मसंभव के आशीर्वाद सेे अति समृद्ध है। विख्यात बौद्ध गुरु पद्मसंभव ने चुंगथांग की एक चट्टान पर विश्राम किया था।

   बौद्ध गुरु के पदचिह्न एवं हाथों के निशान आज भी चट्टान पर दर्शनीय हैं। इस चट्टान में एक दरार है। इस दरार से जल का अनवरत प्रवाह होता है। इस जल को आैषधीय गुणों से अति समृद्ध माना जाता है। इसे पवित्र जल माना जाता है।

  चुंगथांग हिल स्टेशन सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 95 किलोमीटर दूर स्थित है। चुंगथांग हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं विशिष्ट स्थानों की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से लाचुंग मठ, जीरो प्वाइंट एवं युमथांग आदि इत्यादि हैं। 
   लाचुंग मठ: लाचुंग मठ बेहद दर्शनीय है। सेब के बाग-बागीचों के मध्य स्थित लाचुंग मठ एक स्वप्न लोक सा है। समुद्र तल से करीब 2750 मीटर ऊंचाई पर स्थित लाचुंग मठ से चौतरफा प्रकृति के शानदार एवं सुन्दर दृश्यों का अवलोकन किया जा सकता है। इस इलाके को ग्रीन लेक ट्रैक भी कहा जाता है। 

   सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत के प्रतीक इस शानदार मठ को विशेष ख्याति हासिल है। लाचुंग मठ की स्थापना 1806 में बौद्ध धर्म के निंगम्पा सम्प्रदाय ने की थी। इस शानदार मठ में बौद्ध गुरू पद्मसंभव की प्रतिमा विद्यमान है। 
  वस्तुत: मठ एक रंग बिरंगा ढ़ांचा है। इसमें दो मंजिला प्रार्थना कक्ष भी है। इसमें प्रार्थना चक्र के साथ ही धातु के दो ड्रैगन भी हैं। मठ का धार्मिक उत्सव बेहद आकर्षक होता है।

   जीरो प्वाइंट: जीरो प्वाइंट को वस्तुत: यम सेमडोंग के नाम से जाना पहचाना जाता है। समुद्र तल से करीब 15300 फुट की ऊंचाई पर स्थित जीरो प्वाइंट अति दर्शनीय एवं प्रकृति की गोद है। यह इलाका वस्तुत: तीन नदियोें का संगम स्थल है। 
   बर्फ से ढ़के पहाड़ एवं घाटियां-वादियां जीरो प्वाइंट की खूबसूरती को आैर भी बढ़ा देते हैं। यह इलाका भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के अति निकट है। 

  जीरों प्वाइंट का मनोरम दृश्य बेहद मनोहारी है। सेना की अनुमति के बाद ही जीरो प्वाइंट की रोमांचक यात्रा की जा सकती है। लाचुंग से जीरो प्वाइंट की दूरी करीब तीन घंटे की है। इसके आगे कहीं कोई सड़क नहीं है लिहाजा इसे जीरो प्वाइंट कहा जाता है।
   पर्वतों की सुन्दर श्रंखला एवं दृश्य देख कर मन रोमांचित हो उठता है। जीरो प्वाइंट पर याक की सवारी करना रोमांच से भर देता है। पिघलती बर्फ देखना अति सुन्दर प्रतीत होता है। 

   युमथांग: युमथांग एक परी लोक सा है। सर्दियों में युमथांग बर्फ से आच्छादित रहता है। बर्फ से आच्छादित युमथांग अति दर्शनीय प्रतीत होता है। इसे बेजोड़ प्राकृतिक सौन्दर्य कह सकते हैं। 
  हालांकि युमथांग घाटी को फूलों की घाटी के तौर पर विशेष ख्याति हासिल है। आैषधीय वनस्पतियों एवं वन्य जीवों का अनुपम संगम युमथांग पर दिखता है। अनुकूल परिवेश वाले जीव जन्तु खास तौर से युमथांग घाटी पर आश्रय पाते हैं। फूलों की विभिन्न प्रजातियां एवं उनकी खूशबू परिदृश्य बेहद इन्द्रधनुषी बना देती हैं।
   ऐसा प्रतीत हो कि जैसे किसी कलाकार ने कैनवास पर चित्रांकन किया हो। बसंत ऋतु पर घाटी खिल उठती है। इसी का एक इलाका शिंगबा अभयारण्य है। इस अभयारण्य में रोडोंडेंड्रोन फूलों की बीस से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। यह फूल खिलते हैं तो लाल, बैंगनी, गुलाबी एवं चमकीले रंगों से युमथांग घाटी खिल उठती है। बर्फ से ढ़के पहाड़ भी अति दर्शनीय प्रतीत होते हैं।

    चुंगथांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गंगटोक सिक्किम एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी चुंगथांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
27.641600,88.610850

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