Monday, 13 January 2020

कुर्सियांग हिल स्टेशन: सुगंध का खजाना

    कुर्सियांग हिल स्टेशन को सुगंध का खजाना कहा जाना चाहिए। कुर्सियांग हमेशा आैषधीय वनस्पतियों, विभिन्न प्रजातियों के फूलों एवं चाय-कॉफी के बागानों की सुगंध से महकता रहता है। 

   सफेद आर्किड के फूलों से सुसज्जित कुर्सियांग पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। भारत के पश्चिम बंगाल के जिला दार्जिलिंग का यह सुन्दर हिल स्टेशन वस्तुत: पहाड़ियों, घाटियों-वादियों का इलाका है। 

   समुद्र तल से करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुर्सियांग वस्तुत: प्रकृति की गोद है। जी हां, कुर्सियांग पर चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा आलोकित है। यह प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। 
  दार्जिलिंग से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित कुर्सियांग हिल स्टेशन भले आकार में छोटा हो लेकिन इसका प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत है। 

   कुर्सियांग को स्थानीयता में खरसांग कहा जाता है। खारसांग का शाब्दिक अर्थ सफेद आर्किड़ फूलों की भूमि। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 587 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुर्सियांग हिल स्टेशन अपने विशिष्ट सौन्दर्य के लिए वैश्विक ख्याति रखता है।

   लिहाजा एक विशेष अाकर्षण वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है। कुर्सियांग हिल स्टेशन पर पर्यटकों के ठहरने के लिए आकर्षक एवं सुन्दर रिसार्ट एवं अतिथि गृहों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। लिहाजा कुर्सियांग हिल स्टेशन पर ठहर कर पर्यटक पर्यटन का भरपूूर आनन्द ले सकते हैं। 

   इतना ही नहीं, पर्यटक विलेज टूरिज्म का भी आनन्द ले सकते हैं। चौतरफा पहाड़ियों से घिरा कुर्सियांग हिल स्टेशन कभी उत्तरी-पूर्वी राज्य सिक्किम का हिस्सा हुआ करता था। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता कुर्सियांग हिल स्टेशन को काफी कुछ खास बना देती है। 

   विशेषज्ञों की मानें तो दुर्लभ एवं विलुप्त आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता ही कुर्सियांग हिल स्टेशन की खासियत है। शीर्ष पर होने के कारण कुर्सियांग हिल स्टेशन अक्सर बादलों की गिरफ्त में रहता है। लिहाजा पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन पर बादलों के रोमांच का एहसास कर सकते हैं। 

   बादलों का स्पर्श पर्यटकों को प्रफुल्लित करने के साथ ही पुलकित कर देता है। पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन पर विभिन्न प्रकार की सुगंध का एहसास करते हैं। जिससे मन मस्तिष्क में एक विशेष ताजगी का संचार होता है। 

   लिहाजा पर्यटक कहीं अधिक ऊर्जावान होने का एहसास करते हैं। कुर्सियांग हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से ईगल क्रेग, डॉव हिल, अम्बोतिया शिव मंदिर एवं चाय-कॉफी बागान आदि इत्यादि हैं। 

   खास यह कि कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अप्रैल-मई का होता है। हालांकि पर्यटक कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा कभी भी कर आनन्द की सुखद अनुभूति कर सकते हैं। 
   ईगल क्रेग: ईगल क्रेग वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। ईगल क्रेग से पर्यटक आसपास का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं।
   ईगल क्रेग से आसपास की पर्वतीय चोटियों का सौन्दर्य देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, सिलीगुड़ी के खूबसूरत मैदान भी यहां से देखे जा सकते हैं। शांत एवं शीतल परिवेश वाला ईगल क्रेग बेहद दर्शनीय है।

   डॉव हिल: डॉव हिल वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन एवं आसपास का फैला हुआ विशाल क्षेत्र है। इस इलाके की एक पहाड़ी को डॉव हिल कहा जाता है। डॉव हिल का इलाका वस्तुत: एक सघन वन क्षेत्र है। इसे लघु वन्य जीव अभयारण्य कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।
   कारण यह सघन वन क्षेत्र वन्य जीवों की आश्रय स्थली है। डॉव हिल पर एक विशाल जलाशय भी है। जलाशय खूबसूरत वनस्पतियों से घिरा हुआ है। देवदार एवं शंकुधारी पेड़ यहां के सौन्दर्य में चार चांंद लगा देते हैं। 
   अम्बोतिया शिव मंदिर: अम्बोतिया शिव मंदिर कुर्सियांग हिल स्टेशन का मुख्य धार्मिक स्थान है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अति प्राचीन है। 
   अम्बोतिया शिव मंदिर कुर्सियांग हिल स्टेशन का अति प्रसिद्ध धर्म स्थान है। मान्यता है कि भगवान शिव के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं का कल्याण होता है। भक्त मंदिर में दिव्य भव्य शिवलिंग के दर्शन करते हैं।
    चाय-कॉफी बागान: चाय-कॉफी बागान वस्तुत: कुर्सियांग हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। खास यह कि कुर्सियांग हिल स्टेशन की पहाड़ियां चाय एवं कॉफी केे बागान से सुसज्जित दिखती हैं। बागान की सुगंध से पर्यटकों का दिल एवं दिमाग प्रफुल्लित हो उठता है। बागान की खूबसूरती देखते ही बनती है।
   कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है। बागडोगरा एयरपोर्ट से कुर्सियांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 95 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन जलपाईगुड़ी रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कुर्सियांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
26.877900,88.277500

Friday, 10 January 2020

मोंगपोंग हिल स्टेशन: बादलों का आशियाना

   मोंगपोंग हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य निश्चय ही मुग्ध कर लेगा। जी हां, मोंगपोंग का प्राकृतिक सौन्दर्य अतुलनीय है। 

   लिहाजा पर्यटक मोंगपोंग हिल स्टेशन के सौन्दर्य पर फिदा हो जाते हैं। इसे खूबसूरती एवं एडवेंचर्स का शानदार गंतव्य कहा जाना चाहिए। भारत के पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग के अति दर्शनीय हिल स्टेशन मोंगपोंग को रोमांच का पर्याय कहा जाना चाहिए। 

   घाटियों-वादियों एवं आैषधीय वनस्पतियों के सघन वन क्षेत्र सेे आच्छादित मोंगपोंग हिल स्टेशन हिमालय की आगोश का एक सुन्दर नगीना है। सिलीगुड़ी से करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित मोंगपोंग हिल स्टेशन दुर्लभ एवं विलुप्त आैषधीय वनस्पतियों का खजाना है।

  मोंगपोंग का विशाल आैषधीय वनस्पतियों का भण्डारण विशेष हैं। यह आैषधीय वनस्पतियां मोंगपोंग को काफी कुछ खास बना देती हैं। तीस्ता नदी के किनारे रचा बसा मोंगपोंग वस्तुत: पश्चिम बंगाल का एक दर्शनीय पहाड़ी गांव है।

   चौतरफा निराली छटा ने मोंगपोंग को एक शानदार हिल स्टेशन बना दिया। मोंगपोंग हिल स्टेशन के मखमली मैदान एवं ढ़लान काफी कुछ खास हैं। 
   पर्यटक यहां रोमांच का एहसास करते हैं तो वहीं ट्रैकिंग के शौकीन पर्यटकों के लिए मोंगपोंग हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है। पर्यटक यहां रोमांचक ट्रैकिंग का आनन्द कभी भूल नहीं पाते। 

   मोंगपोंग पर बादलों का खिलंदड़पन बेहद रोमांचक होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि मोंगपोंग हिल स्टेशन बादलों का खास आशियाना है। कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि बादल पर्यटकों के साथ साथ चहलकदमी कर रहे हों। परिवेश में बादलों की घुमक्कड़ी देख कर पर्यटक रोमांच से भर उठते हैं। 

   घाटियों-वादियों वाले इस इलाके में बादलों एवं धुंध का आच्छादन परिवेश को शीतल एवं शांत बनाये रखता है। लिहाजा इस परिवेश में पर्यटक बेहद शांति का एहसास करते हैं। मोंगपोंग हिल स्टेशन एवं उसके आसपास आकर्षण की एक शानदार श्रंखला विद्यमान है। 

   मोंगपोंग का मुख्य आकर्षण देखें तो तीस्ता नदी की घाटी एवं महानंदा वन्य जीव अभयारण्य है।  तीस्ता नदी के तट पर एक छोटा बाजार भी है। इस बाजार में हस्तशिल्प उत्पादों की प्रमुखता रहती है। लिहाजा पर्यटक यहां खरीदारी के शौक को पूरा कर सकते हैं। 

   घाटियों-वादियों वाले इस इलाके में अतिथि गृह भी हैं। पर्यटक इन अतिथि गृहों में आश्रय लेकर पर्यटन के आनन्द को दोगुना कर सकते हैं। इतना ही नहीं, पर्यटक मोंगपोंग गांव में भी अतिथि होने का लाभ ले सकते हैं। 
   आशय यह कि पर्यटक गांव में विलेज टूरिज्म का भरपूर आनन्द ले सकतेे हैं। वस्तुत: झीलों-झरनों एवं पहाड़ों वाले इस इलाके में पर्यटक पल पल रोमांच का एहसास करते हैं।

   महानंदा वन्य जीव अभयारण्य: महानंदा वन्य जीव अभयारण्य मोंगपोंग हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। अभयारण्य का मुख्य आकर्षण पक्षी विहार है। इस पक्षी विहार में भारतीय एवं प्रवासी पक्षियों की सदाबहार एवं दुर्लभ पक्षियों की असंख्य प्रजातियां कोलाहल एवं कलरव करती दिखेंगी। 

   सर्दियों में तो पक्षियों की रौनक देखते ही बनती है। कारण सेंट्रल एशिया से लेकर लद्दाख तक के प्रवासी पक्षी यहां आकर प्रवास करते हैं। पक्षी विहार में खास तौर से चकवा, पिंटेल, बतख, खोयाहांस, पोचर्ड, जंगली बतख आदि इत्यादि बहुत कुछ पक्षी दिखेंगे। अभयारण्य वन्य जीवों से गुलजार रहता है।
   लिहाजा अभयारण्य का भ्रमण कर वन्य जीवों के रोमांच का एहसास कर सकते हैं। अभयारण्य में अतिथि गृह भी हैं। इनमें प्रवास कर पर्यटक सैर सपाटा का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।

   ओडलाबाड़ी: ओडलाबाड़ी मोंगपोंग हिल स्टेशन का एक मुख्य आकर्षण है। वस्तुत: ओडलाबाड़ी चाय-कॉफी बागान का इलाका है। 
   मोंगपोंग से करीब 17 किलोमीटर दूर स्थित यह एक अति दर्शनीय इलाका है। छेल एवं घिस नदियों के मध्य रचा बसा ओडलाबाड़ी चाय-काफी के स्वाद एवं सुगंध के लिए जाना एवं पहचाना जाता है।

    मोंगपोंग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी रेलवे जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी मोंगपोंग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
27.066940,88.470550

Monday, 6 January 2020

समसिंग हिल स्टेशन: प्रकृति का उपहार

    समसिंग हिल स्टेशन को प्रकृति का सुन्दर उपहार कहा जाना चाहिए। जी हां, समसिंग का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है। 

   शायद इसीलिए समसिंग हिल स्टेशन पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। चौतरफा खूबसूरत पहाड़, झीलों-झरनों का सौन्दर्य एवं मखमली घास के मैदान एवं ढ़लान समसिंग की शान एवं शोभा हैं। भारत के पश्चिम बंगाल के जिला जलपाईगुड़ी का समसिंग वस्तुत: एक छोटा सा पर्वतीय गांव है। 

   समुद्र तल से करीब 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित समसिंग अति दर्शनीय है। चौतरफा चाय-कॉफी के बागानों की श्रंखला बेहद सुन्दर लगती है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। आैषधीय वनस्पतियों के सघन वन क्षेत्र समसिंग की खासियत हैं।

   लिहाजा चाय-कॉफी एवं आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध से परिवेश महकता रहता है। खास यह कि चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की एक सुन्दर आभा समसिंग को बेहद दर्शनीय बना देती है। पर्यटक यहां से भूटान का पर्वतीय सौन्दर्य भी निहार सकते हैं। 

   शीतल एवं शांत हवाओं के झोके पर्यटकों के मन एवं तन को प्रफुल्लित कर देते हैं। कोहरा एवं धुंध वाली जलवायु पर्यटकों को खासतौर से रोमांचित कर देती है। लिहाजा इसे एक शानदार एवं आदर्श पिकनिक स्पॉट या सुन्दर पर्यटन कहा जा सकता है। वस्तुत: देखें तो समसिंग एक अति सुन्दर चाय-कॉफी बागान है।

   चाय-कॉफी की भीनी-भीनी सुगंध दिल एवं दिमाग को एक विशेष ताजगी प्रदान करती है। राजसी हिमालय की तलहटी में रचा बसा समसिंग खास तौर से गांव-गिरांव की एक सोंधी सुगंध भी रखता है। 

    करीब 4000 की आबादी वाला समसिंग आतिथ्य के लिए भी जाना एवं पहचाना जाता है। लिहाजा पर्यटक समसिंग में विलेज टूरिज्म का भी आनन्द ले सकते हैं। बादलों की चहलकदमी पर्यटकों में एक जोेश के साथ ही रोमांच का भी संचार करती है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बादल संग-संग चल रहे हों।

   कभी बादल पर्यटकों की गोद में होते हैं तो कभी पर्यटक बादलों की गिरफ्त में होते हैं। खास तौर से यह पल बेहद रोमांचक होते हैं। सर्दियों एवं बारिश के मौसम में समसिंग हिल स्टेशन के सैर सपाटा का आनन्द ही कुछ आैर होता है। 

   सर्दियों में बर्फीले पहाड़ों का सौन्दर्य परिवेश में चार चांद लगा देता है। चाय-काफी के बागानों के इलाके में लंबी ड्राइव बेहद प्रफुल्लित कर देती है। समसिंग में एक छोटा बांध भी है। यह बांध पर्यटकों को अपने सौन्दर्य से आकर्षित करता है।

    पर्यटक समसिंग हिल स्टेशन पर हिमालय की तलहटी का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। ट्रैकर्स के लिए समसिंग किसी स्वर्ग से कम नहीं है। फर्न प्वाइंट समसिंग का एक मुख्य आकर्षण है। साहसी उत्साही ट्रैकर्स के लिए यह इलाका बेहद पसंदीदा है। 

    नेओरा घाटी नेशनल पार्क समसिंग का मुख्य आकर्षण है। वस्तुत: यह एक पक्षी विहार है। विदेशी एवं रंगीन पक्षियों की आश्रय स्थली के तौर पर स्थापित यह पार्क पक्षियों के लिए किसी स्वर्ग की भांति है। पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां इस पार्क में संरक्षित हैं।

   समसिंग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट जलपाईगुड़ी है। 

    जलपाईगुड़ी एयरपोर्ट से समसिंग हिल स्टेशन की दूरी करीब 82 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन जलपाईगुड़ी रेलवे जंक्शन है। रेलवे स्टेशन से समसिंग हिल स्टेशन की दूरी करीब 83 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी समसिंग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
26.521080,88.727440

Wednesday, 1 January 2020

जयंतिया हिल्स: धरती का स्वर्ग

   जयंतिया हिल्स को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। चौतरफा उमड़ते-घुमड़ते बादलों का समूह... मखमली घास के विशाल मैदान एवं शानदार ढ़लान जयंतिया हिल्स को धरती पर स्वर्ग का एहसास करा देते हैं। 

   भारत के मेघालय के जिला जोवाई एवं खलीहरियत का मिला जुला इलाका जयंतिया हिल्स पर्यटन की दृष्टि से काफी कुछ खास है। जयंतिया हिल्स पर रोमांचक एहसास होता है। 

  आैषधीय वनस्पतियों का आच्छादन जयंतिया हिल्स की शान एवं शोभा है। जयंतिया हिल्स की पहाड़ियां एवं घाटियां सौन्दर्य का अद्भुत एवं विलक्षण प्रतिमान हैं। जयंतिया हिल्स का नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। 

   घुमावदार नदियां, झीलों-झरनों की शानदार श्रंखला जयंतिया हिल्स की खासियत है। खास यह है कि जयंतिया हिल्स का प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही पौराणिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व भी है।

   जयंतिया के राजाओंं की राजधानी जयंतियापुर थी लेकिन राजवंश का पसंदीदा क्षेत्र जयंतिया हिल्स रहा। जयंतिया राजवंश की ग्रीष्मकालीन राजधानी हिल्स का एक गांव नारतियांग रहा। लिहाजा इस गांव में पौराणिकता दर्शनीय है।

   जयंतिया हिल्स का सांस्कृतिक महत्व भी काफी कुछ खास है। नारतियांग जयंतिया हिल्स का मुख्य आकर्षण है। पत्थरों का विशाल स्तंभ बेहद आकर्षक है। धर्म एवं आध्यात्म की दृष्टि से देखें तो नारतियांग का दुर्गा मंदिर श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास का मुख्य केन्द्र है। 

   बारिश के मौसम का आनन्द लेना हो तो जयंतिया हिल्स की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। हालांकि मौसम कोई भी हो... जयंतिया हिल्स पर्यटकों को हमेशा अानन्द की सुखद अनुभूति कराता है। इस रोमांचक एहसास को पर्यटक कभी भूल नहीं पाते हैं। 

   बादलों की घुमक्कड़ी पर्यटकों को पल-पल प्रफुल्लित करती है। समुद्र तल से करीब 6000 फुट की ऊंचाई वाला यह हिल स्टेशन विशिष्टताओं की एक लम्बी श्रंखला रखता है।
   हालांकि अधिकांश हिस्से की ऊंचाई 3000 से 4000 फुट है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता एवं लम्बी श्रंखला जयंतिया हिल्स की विशिष्टता है। 

   विलुप्त आैषधीय वनस्पतियां भी इस हिल्स पर पायी जाती हैं। इन आैषधीय वनस्पतियों की सुगंध से परिवेेश महकता रहता है। खास यह है कि जयंतिया हिल्स पर चीड़ की खास प्रजाति के दुर्लभ पेड़ बेहद दर्शनीय हैं। चीड़ की दुर्लभ प्रजाति का यह पेड़ हिमालय या इस क्षेत्र में ही पाया जाता है। 

   शाहबलूत, पांगर, मैग्नोलिया आदि दुर्लभ वृक्ष प्रजातियां जयंतिया हिल्स पर पुष्पित एवं पल्लवित हैं। वनस्पति विशेषज्ञों की मानें तो सर्वाधिक वनस्पतियां जयंतिया हिल्स पर पायी जाती हैं। 

   जयंतिया हिल्स के उत्तर में ब्राह्मपुत्र नदी का प्रवाह है तो वहीं पूर्व में बरैल पर्वत श्रंखला शान एवं शोभा को बढ़ाती है। जयंतिया हिल्स की गहरी घाटियां अत्यंत मनोरम हैं। चेरापूंजी एवं शिलांग जयंतिया हिल्स के अति दर्शनीय एवं सुन्दर शहर हैं।

   पर्यटक इन शहरों में घुमक्कड़ी का आनन्द ले सकते हैं। फलों का उत्पादन भी जयंतिया हिल्स की खासियत है। जयंतिया हिल्स पर नारंगी, अनानास एवं सुपारी खासिया का उत्पादन खास तौर से होता है। अनानास का उत्पादन बहुतायत में होता है।

   जयंतिया हिल्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गुवाहाटी एयरपोर्ट है। गुवाहाटी एयरपोर्ट से जयंतिया हिल्स की दूरी करीब 181 किलोमीटर है। 
  हालांकि शिलांग एयरपोर्ट से भी जयंतिया हिल्स की यात्रा कर सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी जयंतिया हिल्स की यात्रा कर सकते हैं।
25.443500,92.196700

फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...