Sunday, 25 November 2018

उखरुल हिल स्टेशन: धरती का श्रंगार

   उखरुल हिल स्टेशन को धरती का श्रंगार कहना चाहिए। जी हां, उखरुल हिल स्टेशन की सुन्दरता पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। 

   मणिपुर का यह सुन्दर हिल स्टेशन शांत एवं शीतलता से लबरेज रहता है। समुद्र तल से करीब 1662 मीटर ऊंचाई पर स्थित उखरुल हिल स्टेशन प्रकृति प्रेमियों के लिए एक विशिष्ट एवं आदर्श स्थान है। चौतरफा मखमली घास की घाटियां-वादियां एक सुखद एहसास कराती हैं। 

   चौतरफा पर्वत श्रंखला से आच्छादित उखरुल हिल स्टेशन हमेशा शीतलता प्रदान करता है। लिहाजा सर्दी या गर्मी, उखरुल हिल स्टेशन हमेशा लाजवाब रहता है। तांगखल यहां का बेहतरीन स्थान है।

   उखरुल हिल स्टेशन की आदिवासी संस्कृति एवं परम्पराओं की विलक्षणता पर्यटकों को आकर्षित करती है। खूबसूरत पहाड़ों के बीच रचा-बसा उखरुल हिल स्टेशन एक समृद्ध संस्कृति का संवाहक है।
  खास यह कि यह हिल स्टेशन किसी स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है। वन क्षेत्र की सघनता यहां की खासियत है।

  खास यह कि वनस्पतियों की सुगंध से वन क्षेत्र सहित हिल स्टेशन महकता रहता है। उखरुल हिल स्टेशन हवा की ताजगी का एक सुखद एहसास करता है। मानों फेफड़ों को पंख लग जाते हों। खास तौर से विदेशी लिली हिल स्टेशन की शोभा होती है। विदेशी लिली फूलों की प्रचुरता देखते ही बनती है। 

   उखरुल हिल स्टेशन की वनस्पतियों की गुणवत्ता एवं विशेषता कुछ खास ही महसूस होती है। विदेशी वनस्पति विशेषज्ञ फ्रैंक किंगड़न की मानें तो उखरुल हिल स्टेशन की वनस्पतियों की गुणवत्ता दुर्लभ श्रेणी में है।
   वनस्पतियों की गुणवत्ता एवं विशिष्टता से प्रभावित होकर किंगडन ने लिली को लिलियम मैकलिनिया नाम दिया था।

   हालांकि स्थानीय बाशिंदे सिरोय लिली कार्शोगवन कहते हैं। उखरुल हिल स्टेशन एवं उसके आसपास झीलें-झरनों एवं सुन्दर पार्कों की एक शानदार एवं श्रेष्ठ श्रंखला है। 

    डंकन पार्क एवं शद्दाई पार्क शानदार पिकनिक स्पॉट हैं। खयांग झरने यहां की सुन्दरता का नगीना हैं। निलाई चाय बागान सुगंध एवं विशिष्टता के लिए दूर-दूर तक जाना पहचाना जाता है। पर्यटक यहां चाय की खेती से लेकर चाय उत्पादन की प्रक्रिया समझ सकते हैं। 

   खांगखुई मैंगसर उखरुल हिल स्टेशन की एक विशिष्ट गुफा है। इसका पुरातात्विक महत्व है। चूंकि यह प्राचीनकालीन गुफा है। लिहाजा पर्यटकों की पसंदीदा है। प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित यह हिल स्टेशन जलवायु की विशिष्टता के लिए दूरदराज तक जाना जाता है। 

   करीब 4544 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला उखरुल प्राकृतिक सौन्दर्य का हर आयाम रखता है। उखरुल का अधिसंख्य हिस्सा पर्वतीय है। लिहाजा घूमने फिरने के शौकीन पर्यटकों के लिए यह विशेष है।
   उखरुल हिल स्टेशन की सर्वाधिक ऊंचाई वाली चोटी खयांग पर्वत चोटी है। खयांग चोटी की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 3114 मीटर है।
  लिलियम मैकलिनिया: लिलियम मैकलिनिया उखरुल की खास वनस्पतियों में एक है। इसे दुर्लभ शिरुई लिली भी कहा जाता है।

   खास यह कि यह वनस्पति शिरुई चोटी पर ही उगता है। पीली, नीली एवं गुलाबी पंखुड़ियों वाली लिलियम मैकलिनिया मई एवं जून की अवधि में खास तौर से खिलती है।
   शिरुई चोटी को 1988 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। इसमें शिरुई चोटी सहित आसपास के करीब 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया है।

   तांगखुल : तांगखुल वस्तुत: नागाओं की भूमि है। यह नागा सदियों पहले यहां बसे थे। यह आदिवासी क्षेत्र है। यहां की अपनी एक अलग संस्कृति एवं परम्परा है।

    उखरुल हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एवरपोर्ट दीमापुर है। दीमापुर एयरपोर्ट से उखरुल हिल स्टेशन की दूरी करीब 210 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन दीमापुर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी उखरुल हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
25.084400,94.359100

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