सेनापति हिल स्टेशन: धरती का स्वर्ग
सेनापति हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाना चाहिए। जी हां, मणिपुर स्थित सेनापति हिल स्टेशन प्राकृतिक सुन्दरता का एक विशिष्ट आयाम है।
वनस्पतियों से आच्छादित सघन वन क्षेत्र सेनापति हिल स्टेशन को कुछ खास बना देता है। समुद्र तल से करीब 1788 मीटर ऊंचाई पर स्थित सेनापति हिल स्टेशन को बादलों का घर भी कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी।
खास यह कि सेनापति हिल स्टेशन की समुद्र तल से कहीं ऊंचाई 1062 मीटर है तो पर्वत श्रंखलाओं की ऊंचाई 1788 मीटर भी है।
शांत एवं सुरम्य वादियों-घाटियों वाला यह हिल स्टेशन वास्तविकता में प्राकृतिक सम्पदाओं का खजाना है।
सेनापति हिल स्टेशन की जलवायु भी रोमांच पैदा करने वाली होती है। शांत एवं शीतल हवा के मध्य बादलों की आवाजाही भी एक सुखद एहसास कराती है।
नदियों, झीलों एवं झरनों वाला सेनापति हिल स्टेशन मणिपुर प्रांत का चौथा सबसे बड़ा जिला है। खास यह कि सेनापति हिल स्टेशन का 66 प्रतिशत से अधिक हिस्सा वन आच्छादित है। कृषि उपयोग क्षेत्र भी 20 प्रतिशत से अधिक नहीं है।
लिहाजा चौतरफा एक सुरम्य शीतलता एवं शांति का परिवेश है। मखमली घास के सुरम्य मैदान एवं ढ़लान बेहद दर्शनीय एवं लुभावने हैं। जिससे पर्यटक रोमांचक स्पर्श का एहसास करते हैं। सेनापति हिल स्टेशन की जलवायु को प्राणवाहिनी कहा जाना चाहिए।
कारण सेनापति हिल स्टेशन की जलवायु भरपूर आक्सीजन प्रदान करती है। ऐसी ताजगी जैसे पंख लग जाएं।
सेनापति हिल स्टेशन में संस्कृति, तीज-त्योहार एवं परम्पराओं की एक लम्बी श्रंखला है। चागा नजी सेनापति हिल स्टेशन का विशेष एवं पवित्र पर्व-त्योेहार है।
चागा नजी पवित्रता एवं शुद्धिकरण के लिए मनाया जाता है। लिआंगमाई नागाओं का पर्व है। थौनिल एक सांस्कृतिक पर्व है। थौनिल का आयोजन 5 जनवरी को किया जाता है। थौनिल का उद्देश्य सांस्कृतिक उत्थान, सामाजिक संवाद, पारिवारिक पुर्नमिलन आदि को समर्पित होता है।
पुमाई नागाओं का विशेष पर्व है। लौनिल पौधरोपण का विशेष पर्व है। पौमाई नागाओं का यह पर्व खास तौर से भाई एवं बहन को समर्पित होता है। माओ नागाओं का पर्व चुथुनिखो सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने वाला है। इसे सुबह का त्यौहार कहा जाता है।
सेनापति हिल स्टेशन एवं आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। कौब्राू पर्वत चोटी, कुब्राू लाइकहा, कंगपोक्पी, माओ गेट सहित बहुत कुछ आकर्षण हैं।
कौब्राू पर्वत चोटी: कौब्राू पर्वत चोटी मणिपुर की सर्वाधिक ऊंची चोटी है। यह एक पर्वत समूह है। इस पर्वत की धार्मिक मान्यता भी है। लिहाजा इसे अति पवित्र माना जाता है। यहां एक लम्बी गुफा भी है। गुफा अति दर्शनीय है।
कौब्राू पर्वत चोटी: कौब्राू पर्वत चोटी मणिपुर की सर्वाधिक ऊंची चोटी है। यह एक पर्वत समूह है। इस पर्वत की धार्मिक मान्यता भी है। लिहाजा इसे अति पवित्र माना जाता है। यहां एक लम्बी गुफा भी है। गुफा अति दर्शनीय है।
कुब्राू लाइकहा: कुब्राू लाइकहा मणिपुर का प्रसिद्ध शिव मंदिर है। शिवरात्रि एवं कानवाड़ पर यहां भव्य दिव्य मेला का आयोजन होता है।
माउंट इसू: माउंट इसू भी सेनापति हिल स्टेशन की ऊंची पर्वत चोटी में एक है। पर्यटक यहां से चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य का विहंगम अवलोकन कर सकते हैं।
माउंट इसू: माउंट इसू भी सेनापति हिल स्टेशन की ऊंची पर्वत चोटी में एक है। पर्यटक यहां से चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य का विहंगम अवलोकन कर सकते हैं।
पुष्प वाटिका: पुष्प वाटिका वस्तुत: एक घाटी का सुरम्य स्थान है। इस घाटी की सुरम्यता के साथ ही सुगंध भी पर्यटकों को मुग्ध कर लेेती है। दुर्लभ लिली के सुन्दर फूलों सहित असंख्य प्रजातियों के फूल यहां शोभायमान होते हैं।
यांगखुलेन: यांगखुलेन वस्तुत: प्राचीन संस्कृतियों से लबरेज एक सुन्दर गांव है।
यांगखुलेन: यांगखुलेन वस्तुत: प्राचीन संस्कृतियों से लबरेज एक सुन्दर गांव है।
मरम खुलेन: मरम खुलेन सेनापति हिल स्टेशन का एक सुन्दर एवं प्राचीन गांव है। मानव विज्ञान एवं शोध के लिए यह गांव विशेष तौर से प्रसिद्ध है।
सेनापति हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट इम्फाल है। निकटतम रेलवे स्टेशन दीमापुर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी सेनापति हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
25.272060,94.026110
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