तवांग हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास
तवांग हिल स्टेशन की प्राकृतिक खूूबसूरती का कोई जोड़ नहीं। जी हां, तवांग का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों के दिलों में रच-बस जाता है।
शायद इसी लिए तवांग हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का सर्वाधिक पसंदीदा पर्यटन क्षेत्र है। भारत के प्रांत अरुणाचल प्रदेश का तवांग हिल स्टेशन शांत एवं सुरम्य क्षेत्र है। वस्तुत: तवांग भारत का सीमा क्षेत्र है।
समुद्र तल से करीब 3500 मीटर ऊंचाई पर स्थित तवांग हिल स्टेशन पर चौतरफा पर्वत श्रंखला, घाटियों-वादियों एवं झीलों-झरनों का आच्छादन है।
तवांग हिल स्टेशन को धरती का स्वर्ग कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है।
तवांग हिल स्टेशन एवं आसपास खूबसूरत पर्वत चोटियां, छोटे-छोटे गांव, शानदार गोनपा, शांत एवं सुरम्य झीलें, निर्मल नदियों की एक लम्बी श्रंखला है।
खास यह कि तवांग हिल स्टेशन पर शानदार इतिहास, धर्म एवं पौराणिकता के दर्शन होते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो तवांग का नामकरण 17वीं शताब्दी में मिराक लामा ने किया था।
वस्तुत: तवांग हिल स्टेशन मोनपा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। गांव-गिरांव में बांस एवं पत्थरों से बने घर दिखते हैं। प्रकृति की यह खूबसूरती केवल यहीं दिख सकती है।
तवांग हिल स्टेशन पर बौद्ध मठों की एक सुन्दर श्रंखला पर्यटकों को आकर्षित करती है। विशेषज्ञों की मानें तो एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ तवांग में ही स्थित है।
तवांग बौद्ध मठों के लिए विश्व में खास ख्याति रखता है। तवांग मठ एक पर्वत के शिखर पर विद्यमान है।
समुद्र तल से करीब 10000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह मठ बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केन्द्र है। इस विशाल मठ में एक साथ 700 से अधिक साधु आश्रय ले सकते हैं।
मठ के प्रवेश द्वार को काकालिंग के नाम से जाना पहचाना जाता है। झोपड़ी के आकार-प्रकार का यह मठ पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करता है। तवांग मठ की सरंचना एवं चित्रकला अति दर्शनीय है।
खास यह कि तवांग मठ दूर से किसी किला की भांति दर्शनीय है। इसकी दिव्यता-भव्यता का कोई जोड़ नहीं। तवांग मठ के विशाल दरवाजे इसकी भव्यता को खुद-ब-खुद बयां करते हैं।
इस परिसर के आंतरिक क्षेत्र में कई शानदार इमारतें हैं। इनमें दुखांग एवं असेम्बली खास तौर से प्रसिद्ध हैं। दुखांग में संतों एवं बोधिसत्वों के शानदार रेखाचित्र दर्शनीय हैं।
इस परिसर के आंतरिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण संरचना कोर्ट है। यह खास तौर से धार्मिक नृत्य एवं खास समारोह आदि के लिए उपयोग किया जाता है। भगवान बुद्ध की शानदार प्रतिमा यहां प्रतिष्ठापित है।
तवांग हिल स्टेशन वस्तुत: एक अकल्पनीय क्षेत्र है। कारण चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की आभा से परिवेश आलोकित रहता है।
कभी बादलों का समूह हलचल पैदा करता है तो कभी बर्फ का सुन्दर अंदाज तवांग हिल स्टेशन के सौन्दर्य में चार चांद लगा देता है। घोड़े की सवारी तवांग हिल स्टेशन पर कुछ खास होती है।
खास यह कि तवांग हिल स्टेशन से तिब्बत की खूबसूरती को भी पर्यटक देख सकते हैं। तवांग हिल स्टेशन का विशेष आकर्षण बुमला दर्रा है। बुमला दर्रा वस्तुत: भारत-चीन सीमा को रेखांकित करता है।
समुद्र तल से करीब 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बुमला दर्रा बेहद रोमांचक स्थान है। क्षेत्र बेहद दर्शनीय एवं महत्वपूर्ण है।
शासकीय अनुमति से ही बुमला दर्रा क्षेत्र में प्रवेश संभव होता है। तवांग में भारतीय सेना की छावनी भी है।
पर्यटक बुमला दर्रा पर बेहद रोमांच का एहसास करते हैं। कारण देश की सीमा सुरक्षा कैसे होती है, यह देखना किसी रोमांच से कम नहीं होता है।
विशेषज्ञों की मानें तो इसी बुमला दर्रा से ही दलाई लामा ने भारत में प्रवेश किया था। बुमला दर्रा के निकट ही एक सुन्दर झील भी है। इसकी दर्शनीयता बेजोड़ है।
इस सुन्दर झील को सांगस्टार त्सो कहा जाता है। खास यह कि तवांग हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है।
तवांग हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अप्रैल से जुलाई तक रहता है। हालांकि पर्यटक सितम्बर तक भी यात्रा कर सकते हैं।
तवांग हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट सलूनिबारी एयरपोर्ट तेजपुर है। तेजपुर एयरपोर्ट से तवांग हिल स्टेशन की यात्रा करीब 6 घंटे की होती है।
एक अन्य निकटतम एयरपोर्ट लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई एयरपोर्ट है। तवांग से गुवाहाटी की दूरी करीब 480 किलोमीटर है।
निकटतम रेलवे स्टेशन तेजपुर है। तेजपुर से तवांग हिल स्टेशन की दूरी करीब 319 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी तवांग हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
27.579200,91.880500
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