Sunday, 7 July 2019

जोशीमठ हिल स्टेशन: बादलों संग सैर

   जोशीमठ हिल स्टेशन को धरती का आभूषण कहना चाहिए। जी हां, प्रकृति का नायाब तोहफा अद्भुत एवं विलक्षण है। 

  ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे धरती पर साक्षात स्वर्ग उतर आया हो। धर्म एवं आध्यात्म की इस नगरी का विशेष महत्व है। भारत के उत्तराखण्ड प्रांत के जोशीमठ हिल स्टेशन का आकर्षण देश दुनिया तक फैला हुआ है। 

   समुद्र तल से करीब 1500 मीटर ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ हिल स्टेशन प्राकृतिक सम्पदाओं का भण्डारण है। मान्यता है कि शंकराचार्य को जोशीमठ में ही ज्ञान प्राप्त हुआ था। बद्रीनाथ, आैली एवं नीति घाटी की गोद में रचा-बसा जोशीमठ वस्तुत: धर्म एवं आध्यात्म आधारित हिल स्टेशन है। जोशीमठ हिल स्टेशन वस्तुत: त्रिशूल आकार आधारित पर्वतीय क्षेत्र है। 

   खास यह कि जोशीमठ पर कहीं से भी देखें तो चौतरफा हाथी आकार-प्रकार की पर्वत श्रंखला दिखेगी। इसे हाथी पर्वत कहा जाता है। जोशीमठ की एक खास विशेषता यह है कि एक पर्वत एक लेटी महिला के स्वरूप को दर्शित करता है। इसे स्लीपिंग ब्यूटी के नाम से जाना पहचाना जाता है। अलकनंदा नदी के किनारे स्थित जोशीमठ हिल स्टेशन आैषधीय वनस्पतियों से अति समृद्ध है।

   लिहाजा इसे प्राणवायु की दृष्टि से भी देखा जाता है। जोशीमठ हिल स्टेशन की जलवायु अत्यधिक नम होेने के कारण आैषधीय वनस्पतियों की बहार है। खास तौर से इस इलाके में एन्सलिया एपटेरा, बारबरिस स्पप, सारोकोका प्रियुनिफोरमस स्पप जैसे पौधोंं की बहुलता है।

   जोशीमठ हिल स्टेशन खास तौर से चौतरफा एक ह्मदय स्पर्शी मखमली एहसास देता है। जिससे दिल एवं दिमाग पुलकित हो उठता है। मखमली घास के विशाल मैदान पर्यटकों को एक यादगार अनुभव देते हैं। चौतरफा सीना ताने खड़ी विशाल पर्वत श्रंखला एक अद्भुत रोमांच का एहसास कराते हैं। 

   शांत एवं शीतल हवाओं के झोके तन मन को झंकृत कर देते हैं। सर्दियों एवं बारिश में जोशीमठ हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य आैर भी निखर आता है। सर्दियों में जोशीमठ हिल स्टेशन का तापमान काफी नीचे गिर जाता है। इस दौरान पर्यटक बर्फबारी का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।

   पर्वत मालाओं पर बर्फ की चादर अति सुन्दर एवं दर्शनीय प्रतीत होेती है। जोशीमठ हिल स्टेशन बर्फ की आगोश में होता है। लिहाजा पर्यटक रोमांच का अनुभव करते हैं। बादलों का खिलंदडपन दिलों को छू जाता है। ऐसा एहसास होता है कि जैसे बादलों के संग सफर कर रहे हों। बादलों की आगोश में पर्यटक पुलकित हो उठते हैं। 

   मान्यता है कि जोशीमठ हिल स्टेशन का अस्तित्व 3000 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है। इसका धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व स्वयं जोशीमठ के प्राचीन मंदिर बयां करते हैं। भगवान बद्रीनाथ की गद्दी सर्दियों में जोशीमठ में ही विश्राम करती है। 

   जोशीमठ हिल स्टेशन पर आकर्षक एवं सुन्दर स्थलों की एक लम्बी श्रंृखला है। इनमें खास तौर से नरसिंह मंदिर एवं वासुदेव मंदिर मुख्य आकर्षण हैं। इनके अलावा ज्योतिर्मठ कल्पवृक्ष एवं आदि शंकराचार्य के पूजा स्थल की गुफा आदि इत्यादि हैं। 
  जोशीमठ हिल स्टेशन में प्रवेश करते ही पर्यटकों का स्वागत एक शानदार झरना करता है। इसे जोगी झरना कहा जाता है। जोगी झरना का शीतल जल पर्यटकों को जलक्रीड़ा का भरपूर आनन्द देता है। जोशीमठ हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण यहां का वन्य जीव अभयारण्य है। देश-विदेश के पक्षियों के लिए यह अभयारण्य किसी से स्वर्ग से कम नहीं है। खास यह कि जोशीमठ हिल स्टेशन की यात्रा कर पर्यटक एक यादगार अनुभव लेकर लौटते हैं।

   वन्य जीव अभयारण्य: वन्य जीव अभयारण्य जोशीमठ हिल स्टेशन का एक खास आकर्षण है। अभयारण्य में शिकारी पक्षी बाज, जंगली बिल्ली, भेड़िया, लकड़बग्घा, गीदड़, साही, पहाड़ी लोमड़ी, चील, गिद्ध आदि इत्यादि शोभा एवं शान हैं। 
   कल्पवृक्ष एवं आदि शंकराचार्य गुफा: कल्पवृक्ष एवं आदि शंकराचार्य गुफा सनातन धर्म का एक शानदार अलंकरण है। मान्यता है कि आदि शंकराचार्य ने यहां शहतूत के वृक्ष के नीचे बैठ कर पूजा अर्चना की थी। 
   राज राजेश्वरी को शंकराचार्य ने अपना इष्ट मान कर पूजा अर्चना की थी। मान्यता है कि इस स्थान पर एक ज्योति स्वयं प्रकट हुयी थी। जिससे शंकराचार्य को भगवान विष्णु की मूर्ति पुर्नस्थापना की शक्ति एवं सामथ्र्य प्राप्त हुयी थी। 

   नरसिंह मंदिर: नरसिंह मंदिर वस्तुत: भगवान नरसिंह के नरसिंह अवतार को समर्पित है। मान्यता है कि इस शानदार मंदिर की स्थापना पाण्डव बंधुओं ने स्वर्गारोहण काल में की थी। मान्यता यह भी है कि आदि शंकराचार्य भी भगवान विष्णु के अन्य भक्त थे। लिहाजा स्थापना का श्रेय आदि शंकराचार्य को भी दिया जाता है।
   तपोवन: तपोवन जोशीमठ हिल स्टेशन के मुख्य आकर्षण में एक है। तपोवन जोशीमठ हिल स्टेशन से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है। तपोवन वस्तुत: गर्म कुण्डों एवं जलाशयों के लिए प्रसिद्ध है। इन जलाशयों में स्नान करने से अनेक कष्टों का निवारण हो जाता है। कारण इस जल में असंख्य खनिजों का समिश्रण रहता है। 
   जोशीमठ हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। एयरपोर्ट से जोशीमठ हिल स्टेशन की दूरी करीब 273 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश जंक्शन है। रेलवे स्टेशन से जोशीमठ हिल स्टेशन की दूरी करीब 253 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी जोशीमठ हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
30.554800,79.566002

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