Wednesday, 30 October 2019

पापिकोंडालु हिल स्टेशन : मैजिक आफ टूरिज्म

   पापिकोंडालु हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य को मैजिक ऑफ टूरिज्म कहा जाना चाहिए। जी हां, पापिकोंडालु हिल स्टेशन के प्राकृतिक सौन्दर्य में एक अद्भुत एवं विलक्षण सम्मोहन है। 

   यह सम्मोहन देश विदेेश के पर्यटकों को स्वत: आकर्षित करता है। भारत के आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में स्थित यह शानदार पर्यटन बेहद आकर्षक है। राजमुंदरी से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित पापिकोंडालु हिल स्टेशन वस्तुत: नदियों, झीलों-झरनों एवं पहाड़ों-वादियों का इलाका हैै। 

   गोदावरी नदी के किनारे स्थित यह शानदार हिल स्टेशन चौतरफा मखमली पहाड़ियों एवं वादियों से घिरा है। गोदावरी नदी का प्राकृतिक सौन्दर्य पापिकोंडालु हिल स्टेशन को अति दर्शनीय बना देता है। आैषधीय वनस्पतियों के सघन वन क्षेत्र पापिकोंडालु हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। 

  वस्तुत: इस शानदार हिल स्टेशन को वर्षा क्षेत्र माना जाता है। हालांकि इस शानदार हिल स्टेशन के एक हिस्से को अभयारण्य घोषित किया गया है।

  लिहाजा पर्यटक वन्य जीवों के रोमांच का भी एहसास कर सकते हैं। पापिकोंडालु हिल स्टेशन को आंध्र प्रदेश का आदर्श पर्यटन भी माना जाता है। खास यह कि पापिकोंडालु हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है। लिहाजा वर्ष पर्यंत वैश्विक पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। 

   मान्यता है कि भगवान श्री राम, सीता एवं लक्ष्मण ने वन प्रवास का कुछ समय इस इलाके में व्यतीत किया था। लिहाजा पापिकोंडालु हिल स्टेशन का अपना एक विशिष्ट धार्मिक महत्व भी है। पापिकोंडालु हिल स्टेशन की पहाड़ियों, झीलों-झरनों का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण है। 

   इस रोमांचक अनुभव को यादगार बनाये रखने के लिए पर्यटक पापिकोंडालु हिल स्टेशन पर शिविर लगा कर रात्रि विश्राम भी करते हैं। पर्वत शिखर एवं गोदावरी नदी का निर्मल प्रवाह एक खास रोमांचक एहसास कराता है।
  पर्यटक यहां पर्वतारोहण का भी आनन्द ले सकते हैं। पापिकोंडालु हिल स्टेशन एवं आसपास आदिवासी बस्तियां भी हैं। लिहाजा पर्यटक आदिवासी संस्कृति का भी आनन्द ले सकते हैं।

   पापिकोंडालु का हस्तशिल्प पर्यटकों को खास तौर से लुभाता है। इस हस्तशिल्प में आदिवासी संस्कृति का मोहक दर्शन होता है। मुनिवातम झरना इस शानदार हिल स्टेेशन का एक खास आकर्षण है। इस झरना का सौन्दर्य देखते ही बनता है। इसे एक आदर्श पिकनिक स्पॉट माना जाता है।

  खास यह कि पापिकोंडालु हिल स्टेशन की तुलना धरती पर स्वर्ग से की जाती है। चौतरफा मखमली घास के मैदान एवं ढ़लान पापिकोंडालु हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं।  

   इतना ही नहीं, पापिकोंडालु हिल स्टेशन का धार्मिक महत्व भी कहीं से कम नहीं है। धार्मिक महत्व के इस इलाके का मुख्य आकर्षण गांडी पोचम्मा मंदिर है। गांडी पोचम्मा मंदिर गोदावरी नदी के तट पर गोंडुरू गांव में स्थित है। 
  पापिकोंडालु वन्य जीव अभयारण्य :पापिकोंडालु वन्य जीव अभयारण्य आंध्र प्रदेश की शान एवंं शोभा है। पश्चिमी गोदावरी जिलों के किनारे करीब 1000 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैले इस अभयारण्य में वन्य जीवों की रोमांचक गतिविधियां अति दर्शनीय है। 

   जैव विविधिता से आच्छादित यह अभयारण्य बेहद मोहक है। आैषधीय वनस्पतियों एवं जीव जन्तुओं से आच्छादित यह इलाका पर्यटकों को खास तौर से आमंत्रित करता है।

   पापिकोंडालु हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट राजमुंदरी एयरपोर्ट है। राजमुंदरी एयरपोर्ट से पापिकोंडालु हिल स्टेशन की दूरी करीब 70 किलोमीटर है। 
   निकटतम रेलवे स्टेशन राजमुंदरी जंक्शन है। राजमुंदरी रेलवे स्टेशन से पापिकोंडालु हिल स्टेशन की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी पापिकोंडालु हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
15.895870,80.764660

Friday, 25 October 2019

मेघालय : अतुलनीय सौन्दर्य, बादलों से दोस्ती

   प्राकृतिक सम्पदाओं की धरती मेघालय को भारतीय पर्यटन का ताज कहा जाना चाहिए। मेघालय भले ही भारत का एक अति लघुतम प्रांत हो लेकिन आैषधीय वनस्पतियों से लेकर प्राकृतिक सम्पदाओं का अति धनी है। 

   ऊंचे पर्वतमालाओं के मध्य रचा-बसा मेघालय अति दर्शनीय है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का यह सुन्दर प्रांत मेघालय वस्तुत: एक पर्वतीय राज्य है। आैषधीय वनस्पतियों से अति समृद्ध होने के कारण मेघालय का शानदार एवं सुन्दर परिवेश हमेशा सुगंध से महकता रहता है।

  चौतरफा पर्वतमालाओं का प्राकृतिक सौन्दर्य मेघालय को काफी कुछ विशिष्ट बना देता है। मेघालय की राजधानी शिलांग ऊंचे पर्वत शिखर पर रचा-बसा एक शानदार एवंं सुन्दर शहर है। जयन्तिया पर्वत या जयन्तिया हिल स्टेशन मेघालय की शान एवं शोभा है।

   वस्तुत: जयन्तिया पर्वत एवं गारो पर्वत श्रंखलाओं का समन्वित स्वरूप ही मेघालय को अस्तित्व प्रदान करता है। मेघालय का नैसर्गिक सौन्दर्य अति दर्शनीय एवं लुभावना होता है। प्रकृति के इस सौन्दर्य पर पर्यटक मुग्ध हो उठते हैं। धंुध एवं कोहरा मेघालय के प्राकृतिक सौन्दर्य में चार चांद लगा देते हैं। 

  बादलों का खिलंदड़पन मेघालय को आैर भी अधिक सुन्दर एवं दर्शनीय बना देता है। लिहाजा मेघालय को बादलों का घर कहा जाना चाहिए।
  शायद अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण ही मेघालय को भारत का स्कॉटलैण्ड कहा जाता है। यूं कहें कि मेघालय की तुलना स्कॉटलैण्ड से की जाती है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। 

   साहसिक पर्यटन मसलन पर्वतारोहण, रॉक क्लाईबिंग, ट्रैकिंग, हाईकिंग आदि के शौकीन पर्यटकों के लिए तो मेघालय किसी स्वर्ग की भांति है। उमियम झील मेघालय का खास पर्यटन आकर्षण है। पर्यटक उमियम झील में जलक्रीड़ा का हर शौक पूरा कर सकते हैं।

   क्रूज की सवारी करनी हो या बोटिंग करनी हो या फिर वॉटर स्कूटर चलाना हो... पर्यटक आनन्द की हर अनुभूति का एहसास कर सकते हैं। इसे रोमांच का सफर भी कह सकते हैं। चेरापूंजी तो मेघालय का सर्वश्रेष्ठ एवं चुनिंदा पर्यटन है। चेरापंूजी की ख्याति वैश्विक पर्यटन में है। 

   मेघालय की राजधानी शिलांग के दक्षिणी इलाके में स्थित चेरापूंजी बेहद मनोहारी परिदृश्य वाला हिल स्टेशन है। नदियों, झीलों-झरनों एवं गुफाओं वाला मेघालय पर्यटन में अति विशिष्ट माना जाता है। मेघालय के पश्चिम में खासी हिल्स भी विशिष्ट है। 
   इतना ही नहीं, नोंगखनम द्वीप मेघालय का सबसे बड़ा एवं अचम्भित करने वाला द्वीप है। इस द्वीप की यात्रा पर्यटकों को एक खास रोमांच से भर देती है। झील एवं सरोवर खास तौर से मेघालय की सुन्दरता का एक विशिष्ट आयाम हैं। 
   वॉटर फॉल्स: वॉटर फॉल्स मेघालय का एक मुख्य आकर्षण है। एलिफैण्ट वॉटर फॉल्स, शाडथम वॉटर फॉल्स, बेडनिया वॉटर फॉल्स, बिशप वॉटर फॉल्स, नोहकालिकाई वॉटर फॉल्स, लांगशियांग वॉटर फॉल्स एवं स्वीट वॉटर फॉल्स आदि मेघालय के खास आकर्षण हैं।

   इनमें कई झरने गर्म जल वाले हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कई झरने आैषधीय वनस्पतियों के प्रभाव वालेे हैं। खास तौर से इनमें चिकित्सकीय गुण पाये जाते हैं।

   गुफाएं: गुफाएं मेघालय का एक अन्य मुख्य आकर्षण है। विशेषज्ञों की मानें तो मेघालय में सर्वाधिक 500 से अधिक प्राचीन गुफाएं अस्तित्व में हैं। यह प्राचीन गुफाएं चूना पत्थर एवं बलुआ पत्थरों की हैं। यह शानदार गुफाएं मेघालय में फैली हुयी हैं।

    मान्यता है कि भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लम्बी एवं गहरी गुफाएं मेघालय में स्थित हैं। विशेषज्ञों की मानें तो क्रेम लियाट सबसे लम्बी गुफा है। सायनियांग पामयंग सबसे गहरी गुफा है।
  यह विशिष्ट गुफाएं जयन्तिया पर्वत पर स्थित हैं। खास यह कि विदेशी पर्यटक इन प्राचीन गुफाओं की ओर आकर्षित होते हैं। इन गुफाओं का सौन्दर्य अति दर्शनीय है।

   मेघालय की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट उमरोई शिलांग में स्थित है। यह एक छोटा एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट शिलांग से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है। 
  निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी जंक्शन है। गुवाहाटी जंक्शन से शिलांग की दूरी करीब 105 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी मेघालय की यात्रा कर सकते हैं।
25.576230,91.882860

Thursday, 24 October 2019

चार्लकुन्नू हिल स्टेशन : धरती का स्वप्नलोक

   चार्लकुन्नू हिल स्टेशन को धरती पर एक शानदार स्वप्नलोक कहा जाना चाहिए। जी हां, चार्लकुन्नू हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य किसी को मुग्ध कर लेता है। 

   नवविवाहित युवक-युवतियों के हनीमून के लिए इसे सबसे बेहतरीन पर्यटन माना जाता है। चाय-कॉफी के बागानों की शानदार श्रंृखला चार्लकुन्नू हिल स्टेशन की शोभा एवं शान है।

   भारत के केरल के पठानमथिट्टा का यह हिल स्टेशन काफी कुछ विशिष्टताएं रखता है। चाय-कॉफी एवं इलायची के बागान की सुगंध परिवेश को हमेशा खुशगवार बनाये रखती है। 
  केरल के पहाड़ों की गोद का यह शानदार हिल स्टेशन प्राकृतिक सौन्दर्य की अतुलनीय आभा से वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है। 

   चाय-कॉफी के सुन्दर बागान अति दर्शनीय प्रतीत होते हैं। पम्पा नदी के तट पर स्थित चार्लकुन्नू हिल स्टेशन बेहद सुरम्य एवं मोहक है। इसका अनुपम सौन्दर्य देख कर इसे पहाड़ों की रानी भी कहा जा सकता है। चौतरफा पर्वत श्रंृखलाओं वाला यह इलाका आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित है। 

   लिहाजा स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो चार्लकुन्नू हिल स्टेशन पर्यटकों को स्वास्थ्यवर्धक परिवेश प्रदान करता है। सुन्दरता का यह शानदार आयाम एक मखमली एहसास कराता है।

  चार्लकुन्नू हिल स्टेशन की पहाड़ियों पर पर्यटक शिविर लगा कर रात्रि विश्राम कर पर्यटन के आनन्द को दो गुना कर सकते हैं। चार्लकुन्नू हिल स्टेशन की पहाड़ियां एवंं शानदार परिवेश पर्यटकों को एक शांत शीतलता प्रदान करता है। 

   लिहाजा पर्यटक एक अतुलनीय ऊर्जा का एहसास करते हैं। चार्लकुन्नू हिल स्टेशन एवं आसपास गांव भी है। लिहाजा पर्यटक इन गांव में अतिथि पर्यटक के तौर पर आश्रय ले सकते हैं। जाहिर सी बात है कि विलेज टूूरिज्म का आनन्द ही कुछ आैर होता है। हवा की ताजगी पर्यटकों को प्रफुल्लित कर देती है।

  शांत एवं शीतल हवा के झोंके पर्यटकों के मन मस्तिष्क को पुलकित कर देते हैं। मखमली घास के विशाल मैदान एवं पर्वत श्रंृखलायें पर्यटकों को लुभाती हैं। 

   इस प्राकृतिक सौन्दर्य को पर्यटक लम्बे समय तक भूल नहीं पाते हैं। चार्लकुन्नू हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं शानदार स्थानों की एक लम्बी श्रंखला विद्यमान है। इनमें खास तौर से कुम्भवुर्ति वॉटर फॉल्स, पेरुन्थेनारुवी वॉटर फॉल्स एवं कोट्टायम आदि इत्यादि हैं। 
  कुम्भवुर्ति वॉटर फॉल्स: कुम्भवुर्ति वॉटर फॉल्स चार्लकुन्नू हिल स्टेशन का एक खास आकर्षण है। जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना सघन आैषधीय वनस्पतियों वाले वन क्षेत्र में स्थित है। 

   लिहाजा यह इलाका स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतरीन है। प्रकृति का यह शानदार उपहार बेहद रोमांचक है। इस इलाके में पर्यटक वन्य जीवन के रोमांच का भी अनुभव कर सकते हैं। 
  पेरुथेनारुवी वॉटर फॉल्स: पेरुथेनारुवी वॉटर फॉल्स की खूबसूरती की तुलना नहीं की जा सकती है। इसे अद्वितीय एवं अनुपम फॉल्स कहा जा सकता है। करीब 100 फुट की ऊंचाई से गिरने वाले इस झरना से एक शांत एवं सुमधुर संगीत उत्पन्न होता है। लिहाजा यह परिवेश पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। इसे एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है।

    चार्लकुन्नू हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट त्रिवेन्द्रम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन तिरुवल्ला जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी चार्लकुन्नू हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
9.265590.76.785300

Sunday, 20 October 2019

कुद्रेमुख हिल स्टेशन : अद्भुत एवं विलक्षण

   कुद्रेमुख हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत एवं विलक्षण कहा जाना चाहिए। जी हां, कुद्रेमुख का प्राकृतिक सौन्दर्य निश्चय ही अतुलनीय है। 

  भारत के कर्नाटक प्रांत के चिकमगलूर का यह शानदार हिल स्टेशन काफी कुछ विशिष्टताएं रखता है। शायद इसी लिए कुद्रेमुख हिल स्टेशन वैश्विक पर्यटकों का बेहद पसंदीदा है। कुद्रेमुख हिल स्टेशन को दक्षिण भारत के पर्यटन की शोभा एवं शान माना जाता है। 

   समुद्र तल से करीब 1100 मीटर की ऊंचाई पर कुद्रेमुख हिल स्टेशन प्रकृति का अनुपम खजाना है। कुद्रेमुख हिल स्टेशन पर्यटकों को बादलों से दोस्ती का रोमांचक अवसर प्रदान करता है। बादलों का खिलंदड़पन पर्यटकों को रोमांचित कर देता है।

   बादलों का खिलंदड़पन कभी पर्यटकों को पुलकित कर देता है तो कभी बादल पर्यटकों के साथ साथ चहलकदमी करते हैं। खास यह कि चाय, कॉफी, इलायची के बागानों की एक लम्बी श्रंृखला कुद्रेमुख हिल स्टेशन एवं आसपास विद्यमान है। लिहाजा पूरा इलाका चाय, कॉफी एवं इलायची की खुशबू से महकता रहता है।

   कुद्रेमुख हिल स्टेशन के चाय बागानों की चाय, कॉफी एवं इलायची आदि इत्यादि उत्पादों की खुशबू विदेशों तक फैली है। कुद्रेमुख हिल स्टेशन की चाय, कॉफी एवं इलायची विदेशों में बेहद पसंद की जाती है। यहां की विविध खुशबू से पर्यटक बेहद प्रफुल्लित हो उठते हैं।

  शायद यही विशिष्टता देश विदेश के पर्यटकों को कुद्रेमुख हिल स्टेशन की ओर आकर्षित करती है। मखमली घास के विशाल मैदानों एवं ढ़लानों वाला यह हिल स्टेशन वस्तुत: पश्चिमी घाट का एक अति दर्शनीय हिस्सा है। कुद्रेमुख हिल स्टेशन को ट्रैकिंग का स्वर्ग भी कहा जाता है।

   आैषधीय वनस्पतियों से आच्छादित सघन वन क्षेत्रों का यह इलाका अति दर्शनीय है। विशेषज्ञों की मानें तोे कुद्रेमुख करीब 600 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैला है। 
   झील, झरनें एवं नदियां इस शानदार हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। तुंगा एवं भद्रा आदि इत्यादि नदियां पर्यटकों को अद्भुत रोमांचक एहसास कराती हैं। पर्यटक इन नदियों में राफ्टिंग एवं नौकायन का आनन्द ले सकते हैं।

   चौतरफा पर्वत श्रंृखलाओं एवं घाटियों-वादियों वाला यह इलाका अति दर्शनीय है। इतना ही नहीं, पर्यटक लाख्या बांध, गंगामूला पर्वत एवं हनुमान गुंडी झरना की यात्रा कर एक सुखद एवं रोमांचक एहसास कर सकते हैं। हनुमान गुंडी झरना बेहद आकर्षक है। 

  करीब 100 फुट की ऊंचाई सेे गिरने वाले इस झरने का दृश्यावलोक अति सुन्दर है। प्राकृतिक चट्टानों की संरचनाओं वाला यह झरना इस इलाके की शान माना जाता है।

  पर्यटक कुद्रेमुख पर राधा कृष्ण मंदिर की यात्रा कर धर्म एवं आध्यात्म की गंगोत्री में गोते लगा सकते हैं। कुद्रेमुख हिल स्टेशन को एक शांत-शीतल एवं आदर्श पिकनिक स्पॉट भी कह सकते हैं। 

   कुद्रेमुख हिल स्टेशन को विविधिता का अनुपम संगम भी कह सकते हैं। कुद्रेमुख हिल स्टेशन वस्तुत: प्राकृतिक सम्पदाओं का अति समृद्ध क्षेत्र है। पर्यटक कुद्रेमुख हिल स्टेशन पर ट्रैकिंग एवं पर्वतारोहण का शौक भी पूरा कर सकते हैं।

  खास तौर से कुद्रेमुख हिल स्टेशन साहसिक गतिविधियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। प्राकृतिक सौन्दर्य की विविधिताओं से आच्छादित कुद्रेमुख हिल स्टेशन विश्व पर्यटन परिदृश्य पर खास स्थान रखता है। 
  कुद्रेमुख चोटी : कुद्रेमुख चोटी कुद्रेमुख हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। समुद्र तल से करीब 1894 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुद्रेमुख चोटी अति दर्शनीय एवं अति रोमांचक है। कुद्रेमुख चोटी से पर्यटक चौतरफा प्राकृतिक सौन्दर्य की अनुपम एवं निराली छटा को निहार सकते हैं। 
   इस चोटी की यात्रा बेहद साहसिक एवं रोमांचक होती है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह इलाका किसी स्वर्ग से कम नहीं है। अरब सागर से जुड़ा यह इलाका किसी स्वप्नलोक की तरह है।
   कुद्रेमुख हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट मंगलोर एयरपोर्ट है। मंगलोर एयरपोर्ट से कुद्रेमुख हिल स्टेशन की दूरी करीब 113 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कादुर जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कुद्रेमुख हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
13.220400,75.251400

Thursday, 17 October 2019

सावंतवाड़ी हिल स्टेशन : धरती का ताज

   सावंतवाड़ी हिल स्टेशन को धरती का ताज कहा जाना चाहिए। झीलें-झरने एवं नदियां इस शानदार हिल स्टेशन की शान एवं शोभा हैं। 

   चौतरफा पर्वत श्रंृखला की खूबसूरती सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की प्राकृतिक सुन्दरता में चार चांद लगा देती है। भारत के महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिला का यह शानदार हिल स्टेशन अति दर्शनीय है। 

   समुद्र तल से करीब 690 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सावंतवाड़ी हिल स्टेशन का काफी कुछ विशिष्टतायें रखता है। सावंतवाड़ी को प्रकृति की गोद कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। खास यह कि सावंतवाड़ी हिल स्टेशन का प्राकृतिक परिवेश अत्यधिक सुन्दर है तो वहीं इसका सांस्कृतिक गौरव भी बेहतरीन है। 

   महाराष्ट्र के दक्षिण-पश्चिम में रचा-बसा सावंतवाड़ी भले ही एक छोटा शहर हो लेकिन प्राकृतिक सम्पदाओं से अति समृद्ध है। विशेषज्ञों की मानें तो इस इलाके में कभी सावंत वंश का शासन था लिहाजा इस इलाके को सावंतवाड़ी के नाम से जाना पहचाना जाने लगा। 

   अरब सागर के पश्चिमी घाटों का यह इलाका सावंतवाड़ी हिल स्टेशन बेहद शांत एवं शीतल है। काव्य प्रेमियों के लिए यह इलाका किसी स्वर्ग से कम नहीं है। आैषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता वाला यह इलाका पर्यटकों कोे बेहद पंसद है। 

   सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की आैषधीय जड़ी-बूटियां पर्यटकों को स्वास्थ्यवर्धक परिवेश देने में बेहद सहायक साबित होती हैं। पर्यटक यहां एक सुखद ताजगी का एहसास करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे फेफड़ों को पंख लग जाते हों।

   सावंतवाड़ी हिल स्टेशन वस्तुत: पर्यटकों के दिलों में छा जाता है। यादों को अंतहीन बनाना सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की खासियत है। कोंकण बेल्ट का यह इलाका एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी है। पर्यटक सावंतवाड़ी पर कोंकण स्वाद के चटखारे भी ले सकते हैं।

   गोवा के समुद्र तट से कुछ दूर स्थित सावंतवाड़ी हिल स्टेशन अपनी खास खूबसूरती से वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है। कोंकण खाना खजाना की अति विशिष्टता रखता है तो वहीं संस्कृति, कला एवं शिल्प के लिए भी खास ख्याति रखता है। कला-संस्कृति एवं शिल्प समृद्ध सावंतवाड़ी की जीवन शैली बेहद शांत एवं शालीनता वाली है। 

    प्राचीनकाल में सावंतवाड़ी मराठा साम्राज्य की शान एवं शोभा रहा है। नारियल एवं ताड़ के शानदार वृक्ष पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करते हैं। जाहिर सी बात है कि नारियल के पेड़ होने के कारण नारियल का उत्पाद भी विशिष्ट है। लिहाजा नारियल सावंतवाड़ी के भोज्य पदार्थ का एक अभिन्न हिस्सा रहता है।

   भोज्य पदार्थ में नारियल की प्रचुरता भोजन को काफी कुछ विशिष्ट बना देती है। इस भोजन का स्वाद पर्यटक लम्बे समय तक नहीं भूल पातेे हैं। पर्यटक सावंतवाड़ी हिल स्टेशन पर सैरसपाटा करने के साथ ही कलात्मक एवं हस्तशिल्प उत्पादों की खरीदारी भी कर सकतेे हैं। 

   सावंतवाड़ी की कलाकृतियां पर्यटकों को खास तौर से लुभाती हैं। सावंतवाड़ी का बांस का हस्तशिल्प उत्पाद बेहद प्रसिद्ध है। लिहाजा पर्यटक सावंतवाड़ी में हस्तशिल्प उत्पाद खरीदना नहीं भूलते हैं। यहां के हस्तशिल्प उत्पाद की खूबसूरती देखते ही बनती है। 
   सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की पौराणिकता ऐतिहासिकता का भी अपना एक अलग महत्व है। यहां की प्राचीन इमारतें एवं अन्य संरचनायें बेहद दर्शनीय है। 

    सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की यात्रा के दौरान पर्यटकों को मोती तालाब, रॉयल पैलेस, अत्मेश्वर तली, नरेन्द्र गार्डेन, हनुमान मंदिर एवं विठ्ठल मंदिर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। सबसे दिलचस्प यह कि सावंतवाड़ी हिल स्टेशन पर ग्रामीण भारत की एक शानदार झलक देखने को मिलती है।

    सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट डोबोलीन एयरपोर्ट गोवा है।
   डोबोलीन एयरपोर्ट से सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की दूरी बहुत अधिक नहीं है। निकटतम रेलवेे स्टेशन सावंतवाड़ी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी सावंतवाड़ी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।
15.932130,73.753920

फागू हिल स्टेशन: रोमांचक एहसास    फागू हिल स्टेशन निश्चय ही दिल एवं दिमाग को एक सुखद शांति एवं शीतलता प्रदान करेगा। फागू हिल स्टेशन आकार...